Ganesh Chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी के पहले दिन करें ये शुभ कार्य, इन बातों से बनाएं दूरी

Ganesh Chaturthi 2025: इस वर्ष गणेश चतुर्थी 27 अगस्त 2025 (बुधवार) को मनाई जाएगी. इस दिन मंदिरों, घरों और पंडालों में गणपति बप्पा की प्रतिमा स्थापित की जाएगी. दस दिन तक चलने वाले इस पावन उत्सव का समापन 6 सितंबर 2025 को अनंत चतुर्दशी के दिन बप्पा के विसर्जन के साथ होगा.

By Prerna | August 27, 2025 8:45 AM

Ganesh Chaturthi 2025: हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी एक अत्यंत पावन और महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है. यह पर्व हर वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होता है और अनंत चतुर्दशी तक बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. इन 10 दिनों तक श्रद्धालु भगवान श्री गणेश की स्थापना कर विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं. इस वर्ष गणेश चतुर्थी 27 अगस्त 2025 (बुधवार) को मनाई जाएगी. इस दिन मंदिरों, घरों और पंडालों में गणपति बप्पा की प्रतिमा स्थापित की जाएगी. दस दिन तक चलने वाले इस पावन उत्सव का समापन 6 सितंबर 2025 को अनंत चतुर्दशी के दिन बप्पा के विसर्जन के साथ होगा.

 गणेश चतुर्थी के पहले दिन क्या करें?

  • गणेश चतुर्थी का पहला दिन बेहद शुभ और विशेष होता है क्योंकि इसी दिन विघ्नहर्ता बप्पा का आगमन हमारे जीवन में होता है. 

इस दिन निम्न कार्य ज़रूर करें:

  • पूजा स्थान की सफाई और सजावट:
    सुबह सबसे पहले घर के मंदिर या पूजा स्थल की अच्छी तरह से सफाई करें. फूलों, रंगोली और दीपों से स्थान को सजाएं.
  • प्रतिमा स्थापना का शुभ मुहूर्त:
    गणेश जी की प्रतिमा को शुभ मुहूर्त में स्थापित करें. इस वर्ष का शुभ समय है —
      सुबह 11:05 बजे से दोपहर 1:40 बजे तक.
  •  संकल्प लेना:
    जितने दिन आप बप्पा को घर पर विराजमान रखेंगे (1, 3, 5, 7 या 10 दिन), उतने दिनों का संकल्प पहले ही दिन लें. संकल्प के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है.
  • कलश स्थापना करें:
    गणेश जी की प्रतिमा के पास कलश रखें. उसमें गंगाजल भरें, आम के पत्ते, सुपारी, सिक्का, अक्षत, कुमकुम डालें और ऊपर से नारियल रखें. यह पूर्ण पूजन का प्रतीक होता है.

गणेश चतुर्थी के पहले दिन क्या न करें?

  • चंद्र दर्शन से बचें:
    मान्यता है कि गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा को देखने से मिथ्या दोष लगता है यानी व्यक्ति पर झूठा आरोप लग सकता है. इस दिन चंद्र दर्शन से परहेज करें.
  • नकारात्मकता से रहें दूर:
    यह दिन शुभता और सकारात्मक ऊर्जा से भरा होता है. झगड़ा, क्रोध, वाद-विवाद या अशुभ शब्दों का प्रयोग न करें.
  •  तुलसी ना चढ़ाएं:
    भगवान गणेश को तुलसी पत्र चढ़ाना शास्त्रों में वर्जित माना गया है. इसलिए पूजन में तुलसी का उपयोग न करें.
  •  मूर्ति को अकेला न छोड़ें:
    गणपति जी की स्थापना के बाद उन्हें अकेला नहीं छोड़ना चाहिए. कोई न कोई व्यक्ति पूजा स्थल के पास होना चाहिए, ताकि उनकी सेवा में कोई कमी न हो.

 शुभकामनाएं:

  • गणेश चतुर्थी के इस पावन अवसर पर अपने घर में बप्पा को प्रेम, भक्ति और उल्लास के साथ विराजमान करें. उनकी कृपा से आपके जीवन से सारे विघ्न दूर हों और सुख-समृद्धि का आगमन हो.

गणपति बप्पा मोरया! मंगलमूर्ति मोरया!

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