Chanakya Niti: रिश्तों और सत्ता के खेल का असली चेहरा

Chanakya Niti: रिश्तों और सत्ता के खेल का असली चेहरा जानें. चाणक्य की अनमोल नीतियां जो सिखाती हैं किस पर भरोसा करें, सत्ता को कैसे संभालें और सफलता कैसे पाएं.

By Shubhra Laxmi | September 24, 2025 9:21 AM

Chanakya Niti: क्या आप जानते हैं कि आपके सबसे करीबी रिश्तों में छुपा हो सकता है सबसे बड़ा धोखा. या फिर सत्ता की चमक में लिपटी हो सकती है हार की असली वजह. यही सच्चाई चाणक्य ने हजारों साल पहले अपनी नीतियों में उजागर की थी. चाणक्य नीति सिर्फ राजनीति की बातें नहीं करती, बल्कि यह हमें रिश्तों, दोस्ती, दुश्मनी और सत्ता के असली खेल का चेहरा दिखाती है. अगर आप इन रहस्यों को समझ लें तो जिंदगी बदल सकती है. यह आर्टिकल आपको बताएगा वो गुप्त बातें जिन्हें जानकर आप कभी भी गलत रिश्ते या सत्ता के जाल में नहीं फंसेंगे.

हर रिश्ता भरोसे का नहीं होता

चाणक्य कहते थे कि हर मुस्कुराता चेहरा आपका अपना नहीं होता. रिश्तों में भरोसा करते समय हमेशा विवेक का इस्तेमाल करें. कई बार नजदीकी लोग ही सबसे बड़ा धोखा दे सकते हैं.

सत्ता बिना विवेक के खतरनाक है

सत्ता अगर बुद्धि और संयम के साथ इस्तेमाल न हो, तो यह विनाश का कारण बनती है. चाणक्य नीति सिखाती है कि सत्ता का उपयोग हमेशा समाज और न्याय के लिए होना चाहिए, न कि केवल स्वार्थ के लिए.

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राजनीति और रिश्ते अलग-अलग खेल हैं

राजनीति में भावनाओं से ज्यादा रणनीति काम करती है, जबकि रिश्तों में सच्चाई और विश्वास की अहमियत है. चाणक्य का मानना था कि जो व्यक्ति इन दोनों खेलों को अलग-अलग समझता है, वही असली विजेता बनता है.

दुश्मन को कम मत आंकिए

चाणक्य निति के अनुसार, आपके दुश्मन चाहे कितने ही कमजोर क्यों न लगें, उन्हें कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए. सत्ता और रिश्तों दोनों में यही नीति लागू होती है.

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मित्र और शत्रु की पहचान जरूरी है

चाणक्य का कहना था कि अगर कोई आपका मित्र बनकर आपका नुकसान कर रहा है, तो वह असली शत्रु है. सत्ता के खेल में यही सबसे बड़ी चाल होती है, जिसे समझना बहुत जरूरी है.

सत्ता का सही उपयोग ही सफलता है

चाणक्य निति बताती है कि सत्ता सिर्फ अधिकार पाने के लिए नहीं, बल्कि लोगों के हित के लिए उपयोग की जानी चाहिए. जो शासक सत्ता का इस्तेमाल न्याय और धर्म के लिए करता है, वही इतिहास में अमर हो जाता है.

विश्वास और दूरी का संतुलन बनाएं

रिश्तों में विश्वास जरूरी है, लेकिन अंधा भरोसा खतरनाक हो सकता है. सत्ता में भी यही नियम लागू होता है, न बहुत पास आने दें, न बहुत दूर धकेलें. संतुलन ही सबसे बड़ी नीति है.

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Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर इसकी पुष्टि नहीं करता है.