Chanakya Niti: जब तक जरूरत है तब तक इज्जत है, जरूरत खत्म तो इज्जत खत्म – आचार्य चाणक्य
Chanakya Niti: चाणक्य नीति के अनुसार दुनिया स्वार्थ पर टिकी है. आपकी इज्जत तब तक है जब तक आप उपयोगी हैं. जानें इस सत्य से निपटने के तरीके
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य की नीतियां आज भी जीवन को सही दिशा देने में सहायक मानी जाती हैं. उनकी कही गई बातें समय के साथ और भी प्रासंगिक होती जा रही हैं. चाणक्य ने जीवन के कटु सत्य को उजागर करते हुए कहा था यह विचार हमें रिश्तों और समाज की वास्तविकता को समझने का संकेत देता है.
“इस दुनिया में जब तक आपकी जरूरत है, तब तक आपकी इज्जत है. जरूरत खत्म, इज्जत खत्म. यही दुनिया का सच है.”
-आचार्य चाणक्य
Chanakya Niti Respect depends on need: जरूरत पर टिकी इज्जत
चाणक्य नीति में यह स्पष्ट किया गया है कि समाज में व्यक्ति की प्रतिष्ठा और सम्मान उसकी उपयोगिता पर निर्भर करता है. जब तक आप दूसरों के काम आते हैं, लोग आपकी इज्जत करेंगे, लेकिन जैसे ही आपकी उपयोगिता खत्म होती है, लोग आपको नजरअंदाज करने लगते हैं. यह एक कड़वा सच है, जिसे हर व्यक्ति को स्वीकार करना चाहिए.
रिश्तों में भी दिखता है यही सच
अक्सर हमने देखा है कि जब कोई व्यक्ति सक्षम और सफल होता है, तो उसके आसपास लोगों की भीड़ लगी रहती है. लेकिन जब वही व्यक्ति किसी मुश्किल दौर से गुजरता है, तो लोग धीरे-धीरे दूर होने लगते हैं. परिवार, दोस्त और रिश्तेदार भी तब तक साथ रहते हैं जब तक उन्हें किसी प्रकार का लाभ मिलता है.
व्यावसायिक और कार्यक्षेत्र में भी लागू होता है यह नियम
चाणक्य नीति केवल निजी जीवन ही नहीं, बल्कि प्रोफेशनल लाइफ में भी सटीक बैठती है. किसी कंपनी में कर्मचारी की अहमियत तब तक रहती है जब तक वह संस्थान के लिए फायदेमंद होता है. जैसे ही उसका योगदान कम होता है, उसे हटा दिया जाता है. यही कारण है कि खुद को लगातार विकसित करना और आत्मनिर्भर बनना बेहद जरूरी है.
इस कटु सत्य से कैसे निपटें?
- आत्मनिर्भर बनें: खुद को दूसरों पर निर्भर न करें और अपने हुनर को निखारें.
- व्यक्तिगत मूल्य बढ़ाएं: अपने ज्ञान और कौशल को निरंतर विकसित करें ताकि आपकी उपयोगिता बनी रहे.
- संयम और समझदारी अपनाएं: भावनाओं में बहने के बजाय व्यावहारिक सोच अपनाएं.
- सच्चे रिश्तों को पहचानें: जो लोग बिना किसी स्वार्थ के आपके साथ हैं, उन्हें प्राथमिकता दें.
आचार्य चाणक्य की यह सीख हमें यथार्थवादी दृष्टिकोण अपनाने और खुद को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रेरित करती है. यह दुनिया स्वार्थ पर आधारित है और जब तक व्यक्ति उपयोगी है, तब तक उसकी इज्जत होती है. इसलिए, खुद को मजबूत बनाएं और ऐसी स्थिति पैदा करें कि लोग आपकी काबिलियत की कद्र करें, न कि सिर्फ आपकी जरूरत के कारण सम्मान दें.
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