World Hepatitis Day 2021: कोरोन काल में हेपेटाइटिस वैक्सीन भी जरूरी, 13 लाख लोग हर साल गंवाते है जान

World Hepatitis Day 2021, Theme, Significance, Causes, Treatment: हर वर्ष 28 जुलाई को वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे के रूप में मनाया जाता है जिसका मुख्य मकसद है लोगों को इस गंभीर बीमारी के प्रति जागरूक करना. दरअसल, इस बीमारी से लीवर की हेपेटोसेलुलर कैंसर का खतरा बनता है. जिससे मरीजों की जान चली जाती है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 28, 2021 6:29 AM

World Hepatitis Day 2021, Theme, Significance, Causes, Treatment: हर वर्ष 28 जुलाई को वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे के रूप में मनाया जाता है जिसका मुख्य मकसद है लोगों को इस गंभीर बीमारी के प्रति जागरूक करना. दरअसल, इस बीमारी से लीवर की हेपेटोसेलुलर कैंसर का खतरा बनता है. जिससे मरीजों की जान चली जाती है.

13 लाख लोग हर साल मरते है

दरअसल, हेपेटाइटिस वायरस पांच प्रकार के होते है इनमें हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी और ई शामिल है. हेपेटाइटिस बी और सी खतरनाक स्थिति है दोनों के साथ में होने से मरीज की जान चली जाती है. दुनियाभर में हर साल करीब 13 लाख लोगों की इस बीमारी के वजह से मौत होती है.

विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाने का मकसद

हेपेटाइटिस लीवर की सूजन से शुरू होने वाली एक प्रकार की बीमारी है. जो मरीजों के मौत तक का कारण बन जाती है. इसी गंभीर समस्या के प्रति लोगों को जागरूक करने का दिन है वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे.

क्या है हेपेटाइटिस का कारण

आपको बता दें कि हेपेटाइटिस ए और ई आमतौर पर दूषित भोजन और पानी के सेवन से मरीजों में हो सकता है. जबकि, हेपेटाइटिस बी, सी और डी संक्रमित व्यक्ति के रक्त या शरीर के तरल पदार्थ के संपर्क में आने से हो सकता है.

आपने देखा होगा कोरोना काल में पहले से लीवर की समस्या वाले कई मरीजों को जान गंवानी पड़ी. ऐसे में हमें हेपेटाइटिस के वैक्सीन का महत्व समझना होगा. दरअसल, हेपेटाइटिस के मरीजों को यदि कोरोना हो जाए तो स्थिति गंभीर होने में समय नहीं लगता. कई हेपेटाइटिस रोगी इस भ्रांति में भी जी रहे है कि इस दौरान कोरोना वैक्सीन लगवानी चाहिए या नहीं. एक हिंदी वेबसाइट में छपी रिपोर्ट के आधार पर ऐसे लोगों को अपने डॉक्टर से सलाह लेकर फौरन वैक्सीन का डोज ले लेना चाहिए.

हेपेटाइटिस वैक्सीन छोटी उम्र में ही दे दी जाती है. लेकिन, विशेषज्ञों की मानें तो इसे किसी भी उम्र में लिया जा सकता है. कोरोना काल में कोरोना की वैक्सीन जितनी जरूरी है उतनी जरूरी हेपेटाइटिस की वैक्सीन भी है.

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विश्व स्वास्थ्य संगठन के अध्ययन से मालूम चला है कि 2030 तक सिर्फ हेपेटाइटिस वैक्सीन देकर निम्न और मध्यम आय वाले देशों में करीब 45 लाख लोगों की जान बचायी जा सकती है.

हेपेटाइटिस के बारे में कुछ जरूरी बातें

  • हेपेटाइटिस सी वायरस (एचसीवी) से फैलने वाली बीमारी है हेपेटाइटिस सी. यह एक प्रकार की लीवर की बीमारी है. इस कंडीशन में मरीज गंभीर भी हो सकते है और कई बार यह बीमारी लंबी समय तक चलती है जो आगे जाकर लीवर कैंसर का कारण बन जाती है.

  • हेपेटाइटिस सी वायरस संक्रमित बल्ड के माध्यम से होता है. असुरक्षित इंजेक्शन, स्वास्थ्य देखभाल की कमी, बिना जांचे रक्त का आदान-प्रदान करना, यौन संबंध जैसे कारण से रक्त संक्रमित हो जाता है.

  • डब्ल्यूएचओ की मानें तो 2016 में 4 लाख लोग हेपेटाइटिस सी से मारे गए. जिनमें सिरोसिस और हेपेटोसेलुलर कार्सिनोमा (शुरूआती लीवर कैंसर) था.

  • हालांकि, एंटीवायरल दवाएं हेपेटाइटिस सी के संक्रमण को 95 प्रतिशत तक ठीक करने में सक्षम हैं. यही कारण है कि व्यक्ति को अग सही समय पर इस बीमारी के बारे पता चल गया तो सिरोसिस या लीवर कैंसर का खतरा कम हो सकता है. जिससे जान बच सकती है.

  • सच्चाई यह भी है कि हेपेटाइटिस सी के खिलाफ कोई प्रभावी वैक्सीन आज तक नहीं बन पाया है. लेकिन शोध जारी है.

Posted By: Sumit Kumar Verma

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