Hydroxycloroquine: क्या है ये दवा, Corona संकट में क्यों हो रही इस्तेमाल, मोदी सरकार ने निर्यात पर लगाई रोक

Hydroxycloroquine helpful in COVID-19 का इलाज अबतक संभव नहीं हो पाया है. दुनियाभर में कहर मचाने के बाद अब भारत में यह वायरस लोगों को सता रहा है. बिते रात प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे देश में पूर्ण रूप से लॉकडाउन की घोषणा कर दी. बावजूद इसके लोग इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. भारत में अबतक 562 मरीज कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं और 11 लोगों की इससे मृत्यु भी हो चुकी हैं.

By SumitKumar Verma | March 25, 2020 12:25 PM

COVID-19 का इलाज अबतक संभव नहीं हो पाया है. दुनियाभर में कहर मचाने के बाद अब भारत में यह वायरस लोगों को सता रहा है. बिते रात प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे देश में पूर्ण रूप से लॉकडाउन की घोषणा कर दी. बावजूद इसके लोग इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. भारत में अबतक 562 मरीज कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं और 11 लोगों की इससे मृत्यु भी हो चुकी हैं.

सुधर रहे चीन के हालात

हालांकि आपको बता दें, इस बीच एक खबर यह भी है चीन इस बीमारी से लगभग उबरने के कगार पर है और विशेषज्ञों की मानें तो इस वायरस के कहर को कम कर रही है कुछ दवाएं जिनमें से एक हैं Hydroxycloroquine.

क्या है ये दवा

दरअसल इस दवा को 1950 के दशक में विकसित किया गया था. जिसे मलेरिया के इलाज में उपयोग में लाया जाता रहा हैं. एक परीक्षण के दौरान देखा गया कि कोरोनोवायरस वृद्धि को रोकने में यह दवा कारगार साबित हो रही है. कोरोना को नियंत्रण कर रहे चीनी विशेषज्ञ झोंग नानशान की मानें तो यह दवा इस वायरस से प्रभावित गंभीर रोगियों का अधिक तेजी से उपचार कर रहा है.

कोरोना के उपचार में कैसे हो रहा इसका उपयोग

भारत में भी हाई-रिस्क वाले मामलों में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन का इस्तेमाल किया जा सकता है. यह सुझाव इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) की ओर से कोरोना वायरस के लिए बनायी गयी नेशनल टास्क फोर्स ने दिया है. यह दवा मुख्य रूप से मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होती है. यह दवा उन हेल्थकेयर वर्कर्स को भी दी जा सकती है जो संदिग्ध या कंफर्म कोविड-19 मामलों की सेवा में लगे हुए हैं. इसके अलावा उनके मरीज के परिजनों को भी यह दवा दी जा सकती हैं.

आपको बता दें कि इस दवा की गंभीरता को समझते हुए भारत सरकार ने फौरन इस दवा के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया. सरकार के इस फैसले के बाद घरेलू बाजार में दवा की पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो पायेगी .

हालांकि, एडवाइजरी में सरकार ने यह भी कहा है कि विदेश मंत्रालय की सिफारिश पर मानवीय आधार पर दवा के निर्यात की अनुमति दी जा सकती हैं.

गौरतलब है कि इलाज के लिए राष्ट्रीय कार्यबल द्वारा अनुशंसित इस प्रोटोकॉल को भारत के महा औषधि नियंत्रक (डीजीसीआइ) ने भी आपात परिस्थिति में सीमित इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी है. परामर्श में कहा गया है कि अध्ययनों और प्रयोगशाला में इस्तेमाल पर हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन को कोरोना वायरस के खिलाफ प्रभावी पाया गया. रोग की रोकथाम में इसका इस्तेमाल इलाज में फायदे और पूर्व नैदानिक आंकड़ों से सामने आया है.

इस दवा की अनुशंसा 15 साल से कम उम्र के बच्चों में बीमारी की रोकथाम के लिए नहीं की जाती है. परामर्श के मुताबिक, सिर्फ पंजीकृत चिकित्सा पेशेवर के निर्देश पर ही यह दवा दी जानी चाहिए. इसमें कहा गया है कि रोग की रोकथाम के दौरान अगर किसी में लक्षण सामने आते हैं, तो उसे तत्काल स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क करना चाहिए और अपनी जांच राष्ट्रीय दिशानिर्देशों के मुताबिक करानी चाहिए तथा मानक उपचार नियमों का पालन करना चाहिए. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इसी दवा का नाम सुझाया था.

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