International Women Day: महिलाएं ऐसे रखें खुद को स्वस्थ व तंदुरुस्त, यहां जानिए

International Women Day 2024: इस महिला दिवस पर हम बताएंगे कि आप खुद का कैसे ख्याल रख सकती हैं. वैसे तो महिलाएं या तो परिवार व बच्चों को प्राथमिकता देती हैं या करियर को. सबसे पहले उन्‍हें अपनी प्राथमिकताएं स्वयं तय करनी होगी, जिसमें सबसे ऊपर स्‍वयं को रखना होगा. ताकि वो स्वस्थ रह सकें.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 6, 2024 3:40 PM

International Women Day: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस हर साल 8 मार्च को मनाया जाता है. इस दिवस का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करना और समाज में पुरुषों के बराबरी महिलाओं को दर्जा प्राप्त करवाना है. ताकि महिलाओं के साथ किसी भी क्षेत्र में भेदभाव न किया जाए. इस महिला दिवस पर हम बताएंगे कि आप खुद का कैसे ख्याल रख सकती हैं. चलिए जानते हैं हमारे विशेषज्ञ
डॉ अंजली कुमार, स्त्री रोग विशेषज्ञ, सीके बिड़ला हॉस्पिटल, गुरुग्राम और डॉ वीणा मिधा, स्त्री रोग विशेषज्ञ, अवंतिका स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, दिल्ली से कुछ टिप्स…

महिलाएं या तो परिवार व बच्चों को प्राथमिकता देती हैं या करियर को. सबसे पहले उन्‍हें अपनी प्राथमिकताएं स्वयं तय करनी होगी, जिसमें सबसे ऊपर स्‍वयं को रखना होगा, तभी वह अपने परिवार की देखभाल भी कर पायेंगी और करियर में नयी ऊंचाइयां भी छू पायेंगी.

  • रोज सुबह एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर पीएं.
  • सुबह का नाश्‍ता जरूर करें. यह कोलेस्ट्रॉल को कम करने और वजन को नियंत्रित करने में मदद करता है.
  • चाय और कॉफी का कम-से-कम सेवन करें, क्योंकि इनमें टैनिन होता है, जो आयरन के अवशोषण को रोकता है.
    नियमित समय पर भोजन करें.
  • अपने भोजन में हरी सब्जियां, साबुत अनाज और फलों को अवश्य शामिल करें.
  • शारीरिक रूप से सक्रिय रहें. नियमित रूप से कम-से-कम आधा घंटा टहलें या एक्‍सरसाइज करें.
  • दिन में तीन बार मेगा मील खाने की जगह छह बार मिनी मील खाएं. फास्‍ट फूड की बजाय घर का बना खाना खाएं.
  • कंप्यूटर पर लगातार काम न करें, बीच में थोड़ी-थोड़ी देर का ब्रेक लेती रहें. ऑफिस का काम घर पर लेकर न आएं.
  • अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएं साथ ही अपने लिए भी समय निकालें.
  • स्वस्थ रहने का संकल्प क्यों जरूरी
    बता दें पहले हार्ट अटैक से मरने वाले पुरुषों और महिलाओं का अनुपात 10:2 था, वहीं अब यह अनुपात बढ़कर 10:7 हो गया है.
    बचपन में अवसाद की समस्या लड़कियों और लड़कों में समान अनुपात में होती है, लेकिन किशोरावस्था में यह अनुपात 2:1 हो जाता है.
  • हमारे देश में हर तीन में से एक महिला एनीमिया की शिकार है. गर्भवती महिलाओं में यह ज्यादा गंभीर है, करीब 57.8 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं.
  • ब्रेस्‍ट कैंसर महिलाओं में पुरुषों के मुकाबले 100 गुना अधिक होता है.
  • पिछले एक दशक में महिलाओं में दिल की बीमारियों के मामले पांच गुना तक बढ़ गये हैं.
  • ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित 50 प्रतिशत महिलाओं में विटामिन डी की कमी पायी जाती है.
  • प्रसव के बाद लगभग 80 प्रतिशत महिलाएं अवसादग्रस्त अनुभव करती हैं.
  • विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के आंकड़ों के अनुसार, भारत में 50 साल से अधिक उम्र की महिलाओं में से हर दूसरी ऑस्टियोपोरोसिस की शिकार है.

(शमीम खान से बातचीत पर आधारित)

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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