Hydroxychloroquine दवा से बढ़ा COVID-19 मरीजों के मौत का आंकड़ा, एक नये अध्ययन में हुआ खुलासा

the lancet recent research of anti malaria drug hydroxychloroquine (HCQ) on COVID-19 patient कोविड-19 से लड़ने में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा के उपयोग पर एक और खुलासा हुआ है. लगभग चार महीनों में छह महाद्वीपों के 671 अस्पतालों से लगभग 96,000 कोविड-19 रोगियों के डेटा पर यह विश्लेषण किया गया है. जिसके अनुसार, यह दवा हृदय रोगों को बढ़ा सकता है जिससे कोविड-19 मरीजों के मृत्यु दर बढ़ने की संभावना है.

By SumitKumar Verma | May 23, 2020 8:32 AM

the lancet recent research of anti malaria drug hydroxychloroquine (HCQ) on COVID-19 patient कोविड-19 से लड़ने में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा के उपयोग पर एक और खुलासा हुआ है. लगभग चार महीनों में छह महाद्वीपों के 671 अस्पतालों से लगभग 96,000 कोविड-19 रोगियों के डेटा पर यह विश्लेषण किया गया है. जिसके अनुसार, यह दवा हृदय रोगों को बढ़ा सकता है जिससे कोविड-19 मरीजों के मृत्यु दर बढ़ने की संभावना है.

मेडिकल जर्नल लैंसेट में प्रकाशित एक खबर के अनुसार, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन या क्लोरोक्वीन से मरीजों को होने वाले किसी लाभ के सबूत नहीं मिले है. एक ताजा रिर्पोट के जरिये ये खुलासा हुआ है कि मैक्रोलाइड के बिना या उसके साथ इस दवा को देने से कोविड-19 के मरीजों की मृत्युदर बढ़ सकती है.

आपको बता दें कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा मलेरिया के मरीजों को स्वस्थ करने के लिए उपयोग किया जाता रहा है. हालांकि, इसे लेकर भारत और अमेरिका में हाल में खींचातानी हुई थी. भारत में लगातार इस दवा से कोविड-19 के मरीजों में हो रहे सुधार के बाद ट्रम्प ने भी भारत से इसकी मांग की थी. हाल ही में खबर आयी थी की ट्रंप हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा को जिंक (Zinc) के साथ ले रहे थे.

मनदीप आर मेहरा समेत कुछ विशेषज्ञों को मानना है कि क्लोरोक्वीन एक एंटीमाइरियल दवा है जबकि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, सिस्टमिक ल्यूपस एरिथेमेटोसस और रुमेटीइड गठिया जैसे ऑटोइम्यून रोगों के उपचार के लिए उपयोग में लाया जाता है.

द लेसेंट के मुताबिक शोधकत्र्ताओं ने इसे कुल 96032 मरीजों पर अध्ययन किया. जिसमें गंभीर मरीजों का औसतन 53·8 आयु था जिसमें 46·3% महिलाएं थीं. इनमें से 14888 मरीजों का उपचार किया जा रहा था. जिसमें 1,868 को क्लोरोक्वीन, 3,783 को मैक्रोलाइड के साथ क्लोरोक्विन, 3,016 को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और 6,221 को मैक्रोलाइड के साथ हाइड्रोक्सीक्लोरक्वाइन दिया गया था. जबकि, अन्य 81,144 मरीज की स्थिति ठीक थी.

अध्ययन में पाया गया कि अस्पताल में 10,698 यानी 11·1% रोगियों की मृत्यु हो गई. जिन मरीजों की स्थिति ठीक थी और उन्हें हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वाइन दिया जा रहा था उनमें मृत्यु दर 9·3% थी. जबकि, जिन मरीजों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन मैक्रोलाइड के साथ दिया गया उनमें मृत्यु दर 23·8%, जिन्हें केवल क्लोरोक्विन दिया गया था, उनमें मृत्यु दर 16·4% दिखा और जन्हें मैक्रोलाइड के साथ क्लोरोक्वीन दिया गया उनमें मृत्यु दर 22·2% दिखा.

अत: लैंसेट ने कहा कि चूंकि रिसर्च में क्लोरोक्वीन और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन से कोविड-19 मरीजों को फायदा नहीं होने की बात सामने आयी है, ऐसे में कोविड-19 के मरीजों पर इसके इस्तेमाल पर रोक लगनी चाहिए.

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