Corona और Lockdown के वजह से घटे डेंगू और मलेरिया के मामले, देखें क्या कहते है आंकड़े

Dengue, Malaria, leptospirosis, cases reduced due to Corona & Lockdown, vector borne disease data कोरोना और लॉकडाउन के वजह से वर्ष 2020 के पहले पांच महीने में डेंगू, मलेरिया और लेप्टोस्पायरोसिस के मामलों में भारी गिरावट दर्ज की गयी है. यह रिर्पोट मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (BMC) की है. जिसके अनुसार वर्ष 2016 के मुताबिक इस वर्ष अभी तक करीब 54 प्रतिशत कम डेंगू, मलेरिया और लेप्टोस्पायरोसिस के मामले सामने आये है.

By SumitKumar Verma | June 8, 2020 10:07 AM

Dengue, Malaria, leptospirosis, cases reduced due to Corona & Lockdown, vector borne disease data कोरोना और लॉकडाउन के वजह से वर्ष 2020 के पहले पांच महीने में डेंगू, मलेरिया और लेप्टोस्पायरोसिस के मामलों में भारी गिरावट दर्ज की गयी है. यह रिर्पोट मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (BMC) की है. जिसके अनुसार वर्ष 2016 के मुताबिक इस वर्ष अभी तक करीब 54 प्रतिशत कम डेंगू, मलेरिया और लेप्टोस्पायरोसिस के मामले सामने आये है.

अंग्रेजी वेबसाइट एचटी के अनुसार एक डेटा से पता चला है कि पिछले पांच वर्षों की तुलना में, इस साल मई तक, मुंबई में मच्छरों और वेक्टर-जनित बीमारियों का आतंक कम दर्ज किया गया है. आंकड़ो की मानें तो वर्ष 2016 में जनवरी से मई के बीच 1,762 पानी से संबंधीत और मच्छर जनित बीमारी के मामले सामने आए थे. लेकिन, इस साल मई तक यह संख्या घटकर मात्र 809 हो गई है. जो 2016 की तुलना में लगभग आधी है.

2016 के पहले पांच महीनों में, कुल 114 डेंगू के मामले दर्ज किए गए थे. जबकि, इस साल 37 मामले ही दर्ज किए गए हैं. इस अनुसार देखा जाए तो मच्छर से होने वाली बीमारियों में करीब 71% की गिरावट की गई है. वहीं, वर्ष 2016 में इसी अवधि में, मुंबई में कुल 1,628 मलेरिया के मामले सामने आए, जिसमें गिरावट के साथ इस साल यह 753 रह गए. वहीं अगर लेप्टोस्पायरोसिस का मामला देखा जाए तो वर्ष 2020 में जनवरी से मई तक के बीच मुंबई में कुल 19 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2016 में यह इसी अवधि में 20 था.

क्यों मामले हुए कम

लेकिन आखिर इन मामलों में कैसे आयी गिरावट? दरअसल, स्वास्थ्य अधिकारियों की मानें तो निर्माण कार्यों में आयी गिरावट से मलेरिया और अन्य वेक्टर जनित बीमारियां पहले के मुताबिक कम हुई है.

बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकानी ने एचटी को बताया कि “लॉकडाउन के कारण लोग मच्छरों के प्रजनन स्थानों के संपर्क में कम आये. यही कारण है कि मामले कम दर्ज किए गए. दरअसल, इस दौरान लोग पार्क, खेल मैदान, निर्माण स्थल, पानी जमने वाले स्थानों पर कम गए. जिसके कारण इसका संक्रमण कम फैला.

आपको बता दें कि मलेरिया, डेंगू के शुरूआती लक्षण बिल्कुल कोरोनावायरस संक्रमण की तरह ही होते है. इस दौरान रोगियों के साथ-साथ चिकित्सक भी भ्रमित हो जाते है. मानसून को लेकर अस्पतालों में हर वर्ष विशेष तैयारी की जाती है. ऐसे में इन मामलों का कम आना थोड़ी राहत वाला जरूर है.

Posted By: Sumit Kumar Verma

Next Article

Exit mobile version