Reality Shows vs Daily Soaps: बिग बॉस का मसाला या अनुपमा का इमोशन, दर्शकों के बीच कौन है असली बादशाह? पढ़ें पूरी खबर
Reality Shows vs Daily Soaps: भारतीय टेलीविजन में डेली सोप्स और रियलिटी शोज की जंग हमेशा चर्चा में रहती है. एक तरफ अनुपमा और ये रिश्ता जैसे सीरियल्स हैं, जो लंबे समय तक दर्शकों के दिलों पर राज करते हैं. दूसरी तरफ बिग बॉस और खतरों के खिलाड़ी जैसे रियलिटी शोज़ हैं, जो ताजा मसाला और थ्रिल के साथ TRP में धमाल मचाते हैं. इसी बीच आइए जानते है कि किसका असर ज्यादा है.
Reality Shows vs Daily Soaps: भारतीय टेलीविजन हमेशा से दर्शकों की जिंदगी का अहम हिस्सा रहा है. हर घर में टीवी सीरियल्स और रियलिटी शोज देखने की परंपरा सालों से चली आ रही है. एक तरफ जहां डेली सोप यानी सीरियल्स लंबी कहानियों और पारिवारिक रिश्तों से दर्शकों को जोड़ते हैं, वहीं दूसरी तरफ रियलिटी शोज मसाले, ड्रामा और थ्रिल के जरिए एंटरटेनमेंट का तगड़ा डोज देते हैं. हालांकि सवाल यह है कि इन दोनों में से किसका असर दर्शकों पर ज्यादा है और क्यों?
डेली सोप की ताकत
भारतीय टीवी इंडस्ट्री की पहचान सबसे पहले डेली सोप्स से बनी. क्योंकि सास भी कभी बहू थी, कहानी घर-घर की, कसौटी जिंदगी की जैसे शोज ने सालों तक दर्शकों को टीवी से बांधे रखा. आज भी अनुपमा, ये रिश्ता क्या कहलाता है, गुम है किसी के प्यार में जैसे सीरियल्स हर हफ्ते TRP चार्ट्स में टॉप पर रहते हैं. जब दर्शक अनुपमा को अन्याय सहते हुए देखते हैं या किसी किरदार की शादी-तलाक जैसी कहानी देखते हैं, तो उन्हें इसमें अपनी जिंदगी का हिस्सा नजर आता है. जिस वजह से अनुपमा 2020 से लगातार TRP लिस्ट में नंबर 1-2 पर बनी हुई है. लेकिन डेली सोप्स की कमजोरी भी है. कई बार लंबी खिंचती कहानियां और रिपीटेड ड्रामा दर्शकों को बोर कर देते हैं और युवा पीढ़ी का एक बड़ा हिस्सा अब इन्हें कम पसंद करने लगा है.
रियलिटी शो का जादू
रियलिटी शोज की लोकप्रियता पिछले एक दशक में तेजी से बढ़ी है. बिग बॉस, खतरों के खिलाड़ी, इंडियन आइडल, डांस इंडिया डांस जैसे शोज सिर्फ टीवी ही नहीं, बल्कि सोशल मीडिया पर भी छाए रहते हैं.
- बिग बॉस: हर सीजन विवादों, झगड़ों और ड्रामे से भरपूर होता है, जिस कारण यह शो हमेशा चर्चा में रहता है.
- खतरों के खिलाड़ी: रोहित शेट्टी का यह शो अपने स्टंट्स और थ्रिल की वजह से युवाओं की पहली पसंद है.
- इंडियन आइडल: इस शो में आम लोग अपनी प्रतिभा दिखाते हैं और स्टार बन जाते हैं. यह शो हर बार भावनात्मक जुड़ाव भी बना लेता है.
रियलिटी शो की सबसे बड़ी ताकत है फास्ट एंटरटेनमेंट. दर्शकों को हर एपिसोड में नया मसाला और ट्विस्ट मिलता है. यही कारण है कि युवाओं में इसकी क्रेज डेली सोप्स से कहीं ज्यादा है. हालांकि इनकी कमजोरी भी साफ है कि ये शोज सीजनल होते हैं. यानी तीन-चार महीने बाद शो खत्म हो जाता है और उनका असर धीरे-धीरे कम हो जाता है.
TRP की जंग
अगर TRP की बात करें तो डेली सोप्स लंबे समय तक लगातार टॉप पर रहते हैं. अनुपमा हर हफ्ते नंबर 1 की पोजिशन पर कब्जा करती है. वहीं गुम है किसी के प्यार में और ये रिश्ता क्या कहलाता है जैसे शोज भी मजबूत पकड़ बनाए रखते हैं. दूसरी ओर, जब बिग बॉस या खतरों के खिलाड़ी का नया सीजन आता है, तो शुरुआती हफ्तों में इनकी TRP में जबरदस्त उछाल आता है. लेकिन जैसे-जैसे शो खत्म होने के करीब आता है, TRP भी गिरने लगती है.
सोशल मीडिया का खेल
आजकल टीवी का असर सिर्फ छोटे पर्दे तक सीमित नहीं है. इंस्टाग्राम रील्स, ट्विटर और यूट्यूब पर टीवी शोज का कंटेंट खूब वायरल होता है. डेली सोप्स के इमोशनल क्लिप्स और डायलॉग्स रील्स में ट्रेंड करते हैं. वहीं रियलिटी शो के झगड़े, स्टंट और गाने ट्विटर पर #Trending हो जाते हैं. दर्शक अब सिर्फ टीवी पर नहीं, बल्कि सोशल मीडिया पर भी इन शोज को जीते हैं.
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