‘असहिष्णुता” को लेकर मचे शोर-शराबे में असल मुद्दे खो गए : सुप्रिया पाठक

नयी दिल्ली : ‘असहिष्णुता’ को लेकर मचे घमासान पर बोलते हुए अभिनेत्री सुप्रिया पाठक ने कहा कि देश जिन समस्याओं का सामना कर रहा है उनसे निपटने के लिए पुरस्कार लौटाना कोई उपाय नहीं है. उन्होंने ‘असहिष्णुता’ के इस शोरशराबे के बीच असल मुद्दों के खो जाने की भी बात कही. सुप्रिया ने कहा, ‘देश […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 5, 2015 10:57 AM

नयी दिल्ली : ‘असहिष्णुता’ को लेकर मचे घमासान पर बोलते हुए अभिनेत्री सुप्रिया पाठक ने कहा कि देश जिन समस्याओं का सामना कर रहा है उनसे निपटने के लिए पुरस्कार लौटाना कोई उपाय नहीं है. उन्होंने ‘असहिष्णुता’ के इस शोरशराबे के बीच असल मुद्दों के खो जाने की भी बात कही.

सुप्रिया ने कहा, ‘देश में निश्चित रुप से असहिष्णुता का माहौल है. हर कोई इसे महसूस कर रहा है. हम इसके विरोध में पुरस्कार लौटाकर या किसी अन्य तरीके से अपनी ओर से थोडा थोडा योगदान दे रहे हैं. लेकिन हमें इसे मुद्दा नहीं बनाना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि लेखकों, कलाकारों, वैज्ञानिकों और फिल्मकारों के इस कदम से स्थिति में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं आया है.

उन्होंने कहा कि हर बात का राजनीतिकरण कर दिया गया है और अब यह किसी और दिशा में जा रहा है. अब हर कोई इसके बारे में बात कर रहा है लेकिन लोग असल मुद्दा भूलते जा रहे हैं. एक व्यक्ति ने पुरस्कार लौटाया, अब हर कोई लौटा रहा है.

उन्होंने कहा, ‘क्या हमें इससे कुछ मिल रहा है? क्या हम इस स्थिति में आ गए हैं कि कह सकें कि कुछ बदलाव हुआ है? जो व्यक्ति दादरी में मर गया लोगों को अब वह याद भी नहीं, वह अब महत्वहीन बन चुका है.’ सुप्रिया ने कहा, ‘हम दबाव बनाने की बात कर रहे हैं, लेकिन कोई दबाव में नहीं है. सरकार इस मुद्दे की ओर देख भी नहीं रही. वह तो सिर्फ बिहार में रुचि ले रही है.’ उन्होंने कहा कि लोगों द्वारा शुरु किए गए इस अभियान का एक समापन भी होना चाहिए.

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