Hyderabad Rape-Murder Case: ऋषि कपूर को फूटा गुस्‍सा, फांसी देने का किया समर्थन

हैदराबाद में 27 वर्षीया एक पशु चिकित्‍सक के साथ रेप और फिर उसे जिंदा जला देने की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. इस घटना को लेकर लोगों में गुस्‍सा है. आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले इसके लिए पूरे देश मे प्रदर्शन हो रहे हैं. बॉलीवुड सेलेब्‍स भी लगातार […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 2, 2019 10:14 AM

हैदराबाद में 27 वर्षीया एक पशु चिकित्‍सक के साथ रेप और फिर उसे जिंदा जला देने की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. इस घटना को लेकर लोगों में गुस्‍सा है. आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले इसके लिए पूरे देश मे प्रदर्शन हो रहे हैं. बॉलीवुड सेलेब्‍स भी लगातार अपना आक्रोश प्रकट कर रहे हैं.

अभिनेता ऋषि कपूर ने आरोपियों को फांसी देने का समर्थन किया है. ऋषि कपूर ने ट्वीट किया,’ मैं दुष्‍कर्म जैसी‍ घिनौनी हरकत करनेवालों के लिए मृत्‍युदंड का समर्थन करता हूं. इसे रोकना होगा.’

उन्‍होंने एक पोस्‍ट भी शेयर किया है, जिसमें लिखा है- मनुष्‍य जीवित है, लेकिन मानवता के बारे में क्‍या ? एक और घटना, एक और निर्दोष, उसकी गलती क्‍या थी ? संविधान ने सबको बराबर का अधिकार दिया है फिर यह भेदभाव क्‍यों ? इसने सभी को हिला कर रख दिया है.’

इस घटना को लेकर गुस्‍सा जाहिर करते हुए सलमान खान ने लिखा,’ ये मानव के वेष में शैतान हैं. निर्दोष महिलाओं को दर्द और मौत देनेवाले इन शैतानों को मिलकर खत्‍म करना होगा जो हमारे बीच रह रहे हैं. बेटी बचाओ सिर्फ एक अभियान नहीं है, इन दरिंदों को बताना होगा कि हम सभी साथ खड़े हैं. उसकी आत्‍मा को शांति मिले.’

वरुण धवन ने लिखा,’ रेप जैसी घटनाओं को रोकने के लिए पूरे देश को एकजुट होकर सामने आने की जरूरत है. ऐसा क्‍यों हो रहा है कि महिलाओं को आसानी से नुकसान पहुंचाया जा रहा है. यह दुष्‍ट लोग कानून से क्‍यों नहीं डरते हैं ?.’

अक्षय कुमार ने लिखा,’ चाहे वो हैदराबाद की प्रियंका रेड्डी हो, तमिल नाडु की रोजा या फिर रांची की लॉ स्टूडेंट हो जिनका गैंगरेप हुआ, एक समाज के तौर पर हम विफल हो चुके हैं. निर्भया गैंगरेप को 7 साल हो चुके हैं, मगर हमारी नैतिकता टुकड़ों में बंटती जा रही है. हमें सख्त से सख्त कानून की जरूरत है. ये सब जल्द से जल्द खत्म होना चाहिए.’

अभिनेत्री यामी गौतम ने लिखा,’ गुस्से, दुख और सदमे में हूं. महिलाओं के खिलाफ ये अमानवीय, अकल्पनीय अपराध इतनी जागरूकता के बावजूद कैसे हो सकता है! क्या ऐसी हरकतें करने वालों को कानून से डर नहीं लगता. हम एक समाज के तौर पर विफल रहे हैं, एक समाज के रूप में कहां गलत हो रहे हैं.’

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