इरफान खान ने कहा- गले में एक बोर्ड टांग लूं, जिसपर लिखा हो, मैं कुछ दिन में मरनेवाला हूं

इरफान खान इस समय कैंसर से जूझ रहे हैं और इनदिनों वे इसके इलाज के लिए लंदन में हैं. इरफान को न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर हुआ है जो एक दुर्लभ कैंसर है. कुछ महीने पहले इरफान खान ने खुद सोशल मीडिया के जरिये कैंसर होने का खुलासा किया था. अब से उनकी बीमारी के बारे में पता […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 3, 2018 8:08 AM

इरफान खान इस समय कैंसर से जूझ रहे हैं और इनदिनों वे इसके इलाज के लिए लंदन में हैं. इरफान को न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर हुआ है जो एक दुर्लभ कैंसर है. कुछ महीने पहले इरफान खान ने खुद सोशल मीडिया के जरिये कैंसर होने का खुलासा किया था. अब से उनकी बीमारी के बारे में पता चला है फैंस और इंडस्ट्री के कई कलाकार उनकी सेहत की कामना कर रहे हैं. अब इरफान ने एक इंटरव्यू में उन्‍होंने जो बातें बताई है वो हैरान करनेवाली है.

इरफान खान ने एसोसिएटेड प्रेस को दिये एक इंटरव्यू में बताया, ‘ उनको जिस तरह का कैंसर है उसमें कीमोथेरेपी के 6 सेशन होते हैं. कीमो के 6 सेशन में 4 पूरे हो चुके हैं.’

उन्‍होंने आगे बताया,’ चौथे सेशन के बाद स्‍केन में अच्‍छे संकेत मिले हैं. मेरा टेस्‍ट पॉजिटिव रहा है. अब बाकी के दो सेशन और रहे हैं. जब ये सभी 6 सेशन पूरे हो जायेंगे इसके बाद एक बार फिर से कैंसर स्‍कैन होगा. इसके बाद मालूम चलेगा कि क्‍या होता है.’ इरफान ने यह भी कहा कि, इस दुनिया में किसी इंसान की जिंदगी की कोई गारंटी नहीं है.

अभिनेता ने कहा,’ इनदिनों कई बार ऐसा जी करता है कि अपने गले में एक बोर्ड टांग लूं और उस पर लिखा होगा, मुझे बीमारी है और मैं कुछ दिन में मरनेवाला हूं. मेरे दिमाग में हमेशा चलता रहता है कि मैं कुछ दिन, महीने या फिर साल में मरनेवाला हूं.’ फिर खुद को हौसला बांधते हुए कहते हैं कि कभी सोचता हूं इन सभी बातों को भुला कर फिर से जीने लगूं. जिंदगी मुझे फिर से जीने का मौका दे रही है, मुझे लग रहा है कि मेरे चारों तरफ अंधेरा है, मैं देख नहीं पा रहा हूं मुझे जिंदगी क्‍या दे रही है.

इरफान ने आगे यह भी कहा,’ इस बीमारी के बार दिमाग एकदम साफ हो गया है. मैंने सोचना छोड़ दिया है. प्‍लान बनाना छोड‍़ दिया है. जिंदगी का एक अल नजरिया सामने आया है. जिंदकी आपको बहुत कुछ देती है. इसलिए मुझे लगता है कि मैं एक शब्‍द शुक्रिया के सिवाय और कुछ नहीं कह सकता. कोई और प्रार्थना नहीं है और न ही कोई मांग.’

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