Casting Couch: साउथ एक्‍ट्रेस श्रुति ने सबके सामने खोला राज, कहा- जब प्रोड्यूसर ने कहा…

फिल्‍म इंडस्‍ट्री में कास्टिंग काउच को लेकर अब तक कई अभिनेत्र‍ियों ने अपने कड़वे अनुभव साझा किये हैं. साउथ की अभिनेत्री श्रुति हरिहरन ने एक शो में अपने साथ हुई ऐसी घटना के बारे में बताया जब एक प्रोड्यूसर ने उन्‍हें 4 अन्‍य प्रोड्यूसर्स के साथ एक्‍सचेंज करने की बात कही थी. श्रुति ने बताया […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 19, 2018 4:09 PM

फिल्‍म इंडस्‍ट्री में कास्टिंग काउच को लेकर अब तक कई अभिनेत्र‍ियों ने अपने कड़वे अनुभव साझा किये हैं. साउथ की अभिनेत्री श्रुति हरिहरन ने एक शो में अपने साथ हुई ऐसी घटना के बारे में बताया जब एक प्रोड्यूसर ने उन्‍हें 4 अन्‍य प्रोड्यूसर्स के साथ एक्‍सचेंज करने की बात कही थी. श्रुति ने बताया कि उनके मना करने के बाद से उन्‍हें फिल्‍म इंडस्‍ट्री में अच्‍छे काम मिलने बंद हो गये. श्रुति हासन ने इस बारे में खुलकर कहा कि वो भी कास्टिंग काउच का शिकार हो चुकी हैं.

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में ‘सेक्सिज्म इन सिनेमा’ मुद्दे पर बात कर रही ‘हंबल पोलीटिशियन’ जैसी सुपरहिट फिल्‍म में काम कर चुकी श्रुति ने बताया कि एक प्रोड्यूसर ने उन्हें 4 अन्‍य प्रोड्यूसर्स के साथ एक्‍सचेंज करने की बात कही थी. श्रुति ने बताया, एक तमिल सिनेमा के जाने-माने प्रोड्यूसर ने मेरी कन्‍नड़ फिल्‍म के राट खरीदे थे और उसका तमिल रीमेक मुझे ऑफर किया.

श्र‍ुति ने आगे यह भी बताया कि,’ उस प्रोड्यूसर ने कहा कि हम पांच है और किसी भी तरह से वो मेरा इस्‍तेमाल कर सकते हैं. ये सुनकर मैं हैरान हो गई. मैंने उसे कहा कि मैं अपने साथ चप्‍पल रखती हूं.’ श्रुति ने बताया कि इस घटना के बाद उन्‍हें अच्‍छे ऑफर्स मिलने बंद हो गये. साथ ही इंडस्‍ट्री में ये बात भी फैला दी कि श्रुति के साथ काम करना मुश्किल है.

श्रुति ने बताया कि कास्‍टिंग काउच में उनका यह पहला अनुभव नहीं था. इससे पहले भी वे 18 साल की उम्र में कास्टिंग काउच की शिकार हो चुकी हैं. श्रुति ने बताया, जब वे कोरियोग्राफर के पास गई और कहा कि वो ये सब नहीं कर सकती जो उनसे कहा जा रहा है. कोरियोग्राफर ने साफ कहा कि, अगर वो इसे हैंडल नहीं कर सकती, तो ये फील्‍ड छोड़ दो. श्रुति की आंखों में आंसू आ गये और उन्‍हें फिल्‍म छोड़नी पड़ी.

श्रुति का कहना है कि,’ इस मामले में महिलाओं को चुप नहीं रहना चाहिए, ये कोई विकल्‍प नहीं है. पब्लिक स्‍पेस महिलाओं के लिए उपलब्‍ध नहीं है क्‍योंकि यह समाज पूरी तरह से पुरुष प्रधान है. लेकिन फिल्‍मों में महिलाओं की मौजूदगी से उम्‍मीद की जा सकती है कि महिलाएं पब्लिक स्‍पेस में अपने लिए जगह बना रही हैं.’

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