संस्‍कृत दिवस पर विशेष: क्‍या आपने सुना हिंदी गानों का संस्‍कृत वर्जन, मिलिये पंकज झा से…

क्‍या आपने सोचा है अगर हिंदी फिल्‍मों के पॉपुलर गानों को अगर संस्‍कृत में गाया जाये तो कैसा लगेगा ? सुनने वालो को थोड़ी हैरानी होगी लेकिन इनदिनों यूट्यूब पर अपने हिंदी के पॉपुलर गानों से संस्‍कृत वर्जन आपको सुनने को मिलेंगे. संस्‍कृत दिवस के मौके पर हम आपको ऐसे ही गाने गानेवाले पंकज झा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 7, 2017 9:13 AM

क्‍या आपने सोचा है अगर हिंदी फिल्‍मों के पॉपुलर गानों को अगर संस्‍कृत में गाया जाये तो कैसा लगेगा ? सुनने वालो को थोड़ी हैरानी होगी लेकिन इनदिनों यूट्यूब पर अपने हिंदी के पॉपुलर गानों से संस्‍कृत वर्जन आपको सुनने को मिलेंगे. संस्‍कृत दिवस के मौके पर हम आपको ऐसे ही गाने गानेवाले पंकज झा से मिलवाने जा रहे हैं जिन्‍होंने कई हिंदी गानों के संस्‍कृत वर्जन गाये. खास बात यह है के वे ट्रांसलेट भी खुद ही करते हैं. झारखंड के देवघर के रहनेवाले पंकज झा के गानों को लोग बेहद पसंद कर रहे हैं. आजकल के युवा संस्‍कृत भाषा से दूर होते जा रहे हैं ऐसे में पंकज का ये कदम वाकई सराहनीय है. फिल्‍म ‘आशिकी’ के सुपरहिट गाने ‘धीरे धीरे से…’ के रीमिक्‍स वर्जन को भी पंकज ने संस्‍कृत में गाया और देखते ही देखते पंकज का संस्कृत वर्जन ‘शनै: शनै: मम हृदये आगच्छ’ पॉपुलर हो गया. पंकज का कहना है कि उन्‍हें इस गाने को ट्रांसलेट करने में लगभग उन्‍हें दो महीने लगे.

पंकज फैंस के रिस्‍पांस से खासा उत्‍साहित हैं. अपनी आरंभिक शिक्षा प्राप्‍त करने के बाद वे आगे की शिक्षा के लिए जम्‍मू चले गये और यहां उन्‍होंने गंगदेवजी संस्कृत कॉलेज से शुरुआती संस्‍कृत शिक्षा लेने के बाद पंकज के मन में संस्‍कृत को लेकर प्रेम जागा. उन्‍होंने इसी भाषा में आगे कुछ अलग करने की सोची. इसके बाद पंकज अपने इस मिशन को पूरा करने के लिए दिल्‍ली पहुंचे. पंकज करोलबाग स्थित संस्कृत संवर्धन प्रतिष्ठान (Sanskrit Promotion Foundation) में रिसर्च फैलो के रूप में काम करने का मौका मिला और वो यहां NCERT की पुस्तकों का संस्कृत अनुवाद करते हैं. यहां काम करते हुए उन्‍होंने आगे की पढ़ाई भी जारी रखी. पंकज इस वक्त दिल्ली स्थित लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ से पीएचडी कर रहे हैं.

पंकज संस्‍कृत भाषा में गानों को ट्रांसलेट कर संस्‍कृत भाषा का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं. वे देवघर में संस्कृत पाठशाला के जरिये नये बच्चों को संस्कृत सिखा रहे हैं. पंकज और देवघर के 30 युवा आपस में जब भी मिलते हैं संस्कृत में ही संवाद करते हैं. आप भी सुनें पंकज झा के इन सुपरहिट गानों को…



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