#WorldMusicDay : प्रार्थना से लेकर फोन की टोन तक में सिमटा है हमारा जीवन संगीत, बता रही हैं कल्कि कोचलिन, देखें VIDEO

आज 21 जून है. कम ही लोग यह जानते होंगे कि यह तारीख विश्व संगीत दिवस के रूप में भी मनाया जाता है. योग दिवस के शोर में यह लाजिमी भी है. बहरहाल, इस मौके पर बॉलीवुड में अलग तरह के किरदार निभानेवाली अभिनेत्री कल्किकोचलिन ने यूट्यूब चैनल ‘ब्लश’ के संग में ‘नॉइज’ शीर्षक के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 21, 2017 7:28 PM

आज 21 जून है. कम ही लोग यह जानते होंगे कि यह तारीख विश्व संगीत दिवस के रूप में भी मनाया जाता है. योग दिवस के शोर में यह लाजिमी भी है. बहरहाल, इस मौके पर बॉलीवुड में अलग तरह के किरदार निभानेवाली अभिनेत्री कल्किकोचलिन ने यूट्यूब चैनल ‘ब्लश’ के संग में ‘नॉइज’ शीर्षक के साथ एक वीडियो रिलीज किया है.

इसवीडियो में हर उस तरह केशोर काेबयां किया गया है,जो आजहमारी रोजमर्राकी जिंदगी का हिस्सा बन चुका है. और शायद इसीलिएजाने-अनजानेयह हमारे लिए संगीत की नयी परिभाषा बन चुका है.

इस वीडियो की पृष्ठभूमि में कल्कि कोचलिन की आवाज है, जिसके जरिये वह हमें बताती हैं कि हर रोज हमारा सामना तरह-तरह की आवाजों से होता है, जिनके बीच अब हम रम से गये हैं.

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इसमें सुबह सो कर उठने पर सुनाई देनेवाली मंदिर-मसजिद-चर्च की प्रार्थना ध्वनि है,तो मछलीबाजार का शाेर भी है. आइसक्रीम बेचने के लिए लगायी गयी पुकार है, तो ट्रैफिक सिग्नल पर पैसों के लिए बजायीजानेवाली ट्रांसजेंडर्स की ताली की भी आवाज है. सोशल मीडिया एेप की नोटिफिकेशन टोन से लेकर रात को सोने के समय बेड से आनेवाली आवाजों कोभी इस वीडियो में शामिल किया गया है.

दरअसल, कल्कि कोचलिन की अंगरेजी में लिखी एक कविता को आकांक्षा सेडा के निर्देशन में दिलचस्प वीडियो का रूप दिया गया है. कल्कि की ही आवाज में किसी रैप सॉन्ग की तरह बनाया गया यह वीडियो इन आवाजों के सुने जाने की मजबूरी और जरूरत की बात कहता है और यह कहता है कि अब यही हमारा जीवन संगीत है.

यहां देखें वीडियो –

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