UP Chunav 2022: संतोष गंगवार को पहले ही चुनाव में मिली हार, फिर ऐसे पलटी बाजी और बना दिया जीत का रिकॉर्ड

संतोष कुमार गंगवार ने 1980 में पहली बार भोजीपुरा विधानसभा से चुनाव लड़ा था, जिसमें वह हार गए. इसके बाद 1984 में उन्होंने फिर लोकसभा का चुनाव लड़ा. यह चुनाव भी हार गए थे, लेकिन फिर...

By Prabhat Khabar | January 12, 2022 12:03 PM

UP Chunav 2022: उत्तर प्रदेश में चुनावी उत्सव में हर बार एक नया जनून देखने को मिलता है, जोकि इस बार के यूपी विधानसभा चुनाव में भी अपने चरम पर है. इस बीच आपको ले चलते हैं 1980 के उस दौर में जब बरेली के लोकसभा सांसद और पूर्व मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने पहली बार भोजीपुरा विधानसभा से चुनाव लड़ा था.

पहले हार से निराशा, फिर जीत का बनाया रिकॉर्ड

संतोष कुमार गंगवार यह चुनाव हार गए. इसके बाद 1984 में उन्होंने फिर लोकसभा का चुनाव लड़ा. वह यह चुनाव भी हार गए थे. मगर, 1989 में कांग्रेस की बेगम आबिदा के खिलाफ भाजपा के टिकट पर जीत दर्ज की. इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी को बड़े अंतर से हराकर जीत दर्ज की. इसके बाद जीत का सिलसिला शुरू किया, तो फिर रुका नहीं. गंगवार केंद्र की भाजपा सरकार में चार बार मंत्री रह चुके हैं. उन्होंने दर्जन भर से अधिक विभागों को संभाला है. इसके साथ ही आठ बार बरेली का सांसद बनकर रिकॉर्ड कायम किया है.

गंगवार की सादगी की कायल है बरेली

सांसद संतोष गंगवार की सादगी ऐसी है कि सिर्फ बरेली ही उनकी कायल नहीं बल्कि सियासी लोगों के बीच भी काफी पसंद किए जाते हैं. वह आम लोगों से भी मुहब्बत के साथ मिलते हैं. शहर विधानसभा के गांव टीयूलिया निवासी संतोष कुमार गंगवार (यह गांव पहले भोजीपुरा विधानसभा का गांव था) 1980 के चुनाव में भोजीपुरा विधानसभा से लड़े थे. इस चुनाव में भोजीपुरा सीट से कांग्रेस के भानु प्रताप सिंह को 21486, जबकि संतोष गंगवार को 12095 वोट मिले थे. वह करीब नौ हजार वोट के अंतर से चुनाव हार गए थे. मगर, हौसला नहीं हारे थे.

जीत दर जीत बना दिया एक नया रिकॉर्ड

भाजपा ने 1984 के लोकसभा चुनाव में संतोष कुमार गंगवार पर भरोसा जताया. उनको बरेली लोकसभा से टिकट दिया गया. वह कांग्रेस की बेगम आबिदा से चुनाव में हार गए, लेकिन 1989 के चुनाव में संतोष कुमार गंगवार ने कांग्रेस प्रत्याशी को हरा दिया. इस चुनाव में 159502 वोट पड़े, जबकि बेगम आबिदा को 116337 मत मिले. वह पहली बार सांसद बन गए. इसके बाद 1991,1996, 1998, 1999 और 2004 के लोकसभा चुनाव में भी जीत दर्ज की.

अटल जी के नेतृत्व में संभाल चुके हैं बड़ी जिम्मेदारी

13वीं लोकसभा में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में बनी सरकार में वह पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री के साथ-साथ संसदीय कार्य राज्य मंत्री का पदभार भी संभाला. इसके अलावा वह विज्ञान एवं तकनीकि राज्यमंत्री भी रह चुके हैं. 14वीं लोकसभा में भी राजग सरकार में केंद्रीय राज्यमंत्री रहे थे. हालांकि 15वीं (2009-2014) लोकसभा में उन्हें कांग्रेस के प्रवीण सिंह ऐरन के हाथों हार झेलनी पड़ी. मगर, 2014 में लंबे अंतर से जीत दर्ज की थी.

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तमाम संगठन की संभाल चुके हैं जिम्मेदारी

पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार में कैबिनेट राज्य मंत्री, (स्वतंत्र प्रभार), कपड़ा मंत्रालय, संसदीय कार्य राज्य मंत्री, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा कायाकल्प बनाया गया. उन्हें केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), श्रम और रोजगार मंत्रालय नियुक्त किया गया. 2016 में केंद्रीय राज्य मंत्री, वित्त मंत्रालय नियुक्त किया गया. 2019 लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन प्रत्याशी भगवत शरण गंगवार को 167282 वोट से हराया. इस सरकार में भी मंत्री बने थे. मगर, कुछ समय पहले मंत्रालय से हटा दिया गया था. वह 1996 में उत्तर प्रदेश भाजपा इकाई के महासचिव समेत तमाम संगठन के पदों पर भी रह चुके हैं.

रिपोर्ट: मुहम्मद साजिद

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