JEE टॉपर, बिना कोचिंग UPSC में Rank 38, गौरव मंत्रालय में पोस्टिंग से इस्तीफा देकर बन गए टीचर
Teachers Day 2025 Success Story: हर साल देशभर में 5 सिंतबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है. इस मौके पर अक्सर हम उन लोगों को याद करते हैं जिन्होंने अपने जीवन को शिक्षा और ज्ञान बांटने के लिए समर्पित कर दिया. ऐसी ही एक प्रेरक कहानी है UPSC टॉपर रह चुके गौरव कौशल की.
Teachers Day 2025 Success Story: गौरव कौशल की यात्रा की शुरुआत IIT-JEE परीक्षा से हुई, जहां उन्होंने टॉप रैंक हासिल की. इसके बाद उन्होंने बिना किसी कोचिंग के UPSC सिविल सर्विस परीक्षा पास की और पूरे भारत में 38वीं रैंक प्राप्त की. फिर अचानक रक्षा मंत्रालय में IDES के पद से इस्तीफा देकर उन्होंने सभी को हैरान कर दिया. गौरव कौशल की कहानी (Gaurav Kaushal Success Story) लाखों युवाओं को प्रेरित करने वाली है.
कौन हैं गौरव कौशल?
गौरव कौशल हरियाणा के पंचकुला के रहने वाले हैं. उनकी शुरुआती स्कूली पढ़ाई भी यहीं से हुई. बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल रहने वाले गौरव ने 12वीं साइंस स्ट्रीम से पास की. इसके बाद उन्होंने देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक IIT-JEE पास की और टॉप रैंक हासिल की. गौरव ने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की.
UPSC की तैयारी
इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान ही गौरव कौशल ने सिविल सेवा परीक्षा यानी UPSC की तैयारी शुरू कर दी. खास बात यह रही कि उन्होंने इसके लिए कभी भी कोचिंग नहीं ली, बल्कि सेल्फ स्टडी के दम पर अपनी तैयारी की. साल 2012 में उन्होंने यह कठिन परीक्षा पास कर ली और पूरे भारत में 38वीं रैंक हासिल की. उन्हें IDES (Indian Defence Estate Service) कैडर मिला और रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश में CEO के पद पर उनकी पहली नियुक्ति हुई.
IAS पद से दिया इस्तीफा
गौरव कौशल ने बतौर सिविल सर्वेंट करीब 11 साल तक काम किया. उनकी पहचान एक युवा और सफल अधिकारी के रूप में बनी. लेकिन सभी को चौंकाते हुए उन्होंने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया. यह फैसला उनके लिए आसान नहीं था, लेकिन गौरव का मानना था कि असली बदलाव शिक्षा के जरिए ही लाया जा सकता है. IAS लेवल की चमकदार नौकरी छोड़कर उन्होंने खुद को शिक्षण कार्य में समर्पित कर दिया.
Teachers Day 2025 Special: गौरव बन गए टीचर
आज गौरव कौशल UPSC की तैयारी करवाते हैं और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर छात्रों को मार्गदर्शन देते हैं. उनके सेशन हजारों अभ्यर्थियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुके हैं. उनकी पत्नी नैंसी लूंबा, जो एक फाइनेंस कंसल्टेंट हैं, भी इस काम में उनका साथ देती हैं. गौरव की कहानी शिक्षक दिवस के मौके पर हमें यह सीख देती है कि शिक्षक होना किसी भी बड़े पद से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है.
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