Success Story: ‘अबुआ जादुई पिटारा’ से बच्चों की पढ़ाई आसान बनाई, अब शिक्षक दिवस पर राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित होंगी देवघर की श्वेता शर्मा

Success Story: देवघर की शिक्षिका श्वेता शर्मा को 2025 में राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है. ‘अबुआ जादुई पिटारा’ जैसे नवाचार और डिजिटल शिक्षा में योगदान ने उन्हें यह सम्मान दिलाया. झारखंड से इस बार वही अकेली शिक्षिका चुनी गई हैं.

By Pushpanjali | September 4, 2025 3:34 PM

Success Story: देवघर की शिक्षिका श्वेता शर्मा ने यह साबित कर दिया कि सच्चा शिक्षक वही है, जो सीमित संसाधनों में भी बड़े बदलाव ला सके. वर्ष 2004 में एक छोटे से स्कूल से सफर शुरू करने वाली श्वेता आज राष्ट्रीय स्तर पर झारखंड का नाम रोशन कर रही हैं. खेल-खेल में पढ़ाई कराने की उनकी अनोखी शैली और ‘अबुआ जादुई पिटारा’ जैसे नवाचार ने उन्हें राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2025 के लिए चयनित किया है.

छोटे विद्यालय से शुरू हुआ सफर

साल 2004 में श्वेता शर्मा ने सहायक शिक्षिका के रूप में देवघर के कुशमाहा स्थित एक छोटे विद्यालय से अपनी सेवाएं शुरू कीं. कठिन परिस्थितियों में भी उन्होंने बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाने की अनूठी शैली अपनाई और धीरे-धीरे नवाचार की पहचान बना ली.

‘अबुआ जादुई पिटारा’ से मिली पहचान

नई शिक्षा नीति 2020 और फाउंडेशन स्टेज 2022 के अनुरूप बच्चों को पढ़ाने के लिए श्वेता ने ‘अबुआ जादुई पिटारा’ तैयार किया. इस पिटारे में सोहराय पेंटिंग, बैद्यनाथ पेंटिंग, कपड़े के पुतले और पारंपरिक वाद्य यंत्र शामिल किए. इससे पढ़ाई बच्चों के लिए और भी रोचक बन गई.

कई बार मिला सम्मान

श्वेता शर्मा अब तक जिला स्तरीय, राज्य स्तरीय और राष्ट्रीय स्तर पर कई बार सम्मानित हो चुकी हैं. 2017 में जिला स्तरीय श्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार, 2018 में राज्य स्तरीय सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार और 2019 में राष्ट्रीय आईसीटी अवॉर्ड से उन्हें सम्मान मिला. इसके अलावा 2015 में उन्होंने देवघर का प्रतिनिधित्व राष्ट्रीय इंस्पायर अवॉर्ड विज्ञान प्रदर्शनी में किया था.

ई-कंटेंट क्रिएटर और ट्रेनर

राज्यस्तरीय सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी समूह और दीक्षा पोर्टल से जुड़कर श्वेता ने अब तक 100 से अधिक ई-कंटेंट तैयार किए हैं. साथ ही, वे अन्य शिक्षकों को भी अपने अनुभव से प्रशिक्षित करती रही हैं. कोविड लॉकडाउन के दौरान बनाए गए उनके ऑनलाइन शिक्षण समूह को संयुक्त राष्ट्र संघ ने 2020 की 10 सर्वश्रेष्ठ पहलों में शामिल किया था.

गर्व का पल

श्वेता शर्मा का कहना है कि राष्ट्रीय स्तर की ज्यूरी ने उनके नवाचार और शिक्षण पद्धति को सराहा. चयन की सूचना मिलते ही उनकी आंखें खुशी से भर आई. देवघर और झारखंड के लिए यह गौरव का क्षण है.

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