मछलियां बेची, मिस्त्री का किया काम, फिर पान की दुकान चलाते हुए लिख दी 12 किताबें

Pintu Pohan Success Story: कोलकाता के बेहला के एक छोटे से गली नुक्कड़ में एक पान की दुकान है. लेकिन यह कोई आम दुकान नहीं है. इस दुकान के पीछे खड़ा है वह आदमी, जिसने गरीबी और मुश्किल हालातों में भी अपने सपनों का पीछा नहीं छोड़ा. यह हैं पिंटू पोहान. पान बेचकर जीवन यापन करने वाले पिंटू आज 12 बंगाली किताबों और 200 से अधिक कविताओं और कहानियों के लेखक हैं.

By Ravi Mallick | October 2, 2025 4:59 PM

Pintu Pohan Success Story: पिंटू का जीवन संघर्षों से भरा रहा. उन्होंने दसवीं कक्षा के बाद स्कूल छोड़ दिया और जीविका के लिए मछली, फूल बेचे, मिस्त्री का काम किया और इलेक्ट्रिशियन की नौकरी की. कभी-कभी पिंटू पोहान (Pintu Pohan) के पास एक दिन में सिर्फ 30 रुपये ही आते थे. लेकिन इसके बावजूद उन्होंने हमेशा अपनी लेखनी को थामे रखा.

Pintu Pohan Success Story: 1500 रुपये में खोली दुकान

1998 में उन्होंने सिर्फ 1,500 रुपये से अपनी पान की दुकान शुरू की. यही दुकान उनका काम और उनकी लिखने की जगह दोनों बन गई. लोगों ने उन्हें पान की दुकान में लिखते देखकर हंसी उड़ाई, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी. “मैंने हमेशा लिखा, चाहे सुपारी और धुएँ के बीच ही क्यों न हो,” पिंटू ने साझा किया.

कड़ी मेहनत और लगन के साथ उन्होंने फिर से पढ़ाई शुरू की. उन्होंने ग्रेजुएशन और बंगाली में मास्टर्स की डिग्री पूरी की, जबकि 16 घंटे की शिफ्ट में काम करते रहे. इसी दौरान उनके छोटे-छोटे लेख और कविताएं धीरे-धीरे पाठकों तक पहुंचने लगीं.

मशहूर हुई किताबें

उनकी किताबें अब बच्चों के बीच लोकप्रिय हैं. Thakurdar Ascharya Galpo, Parulmashir Chagolchana और Jhinook Kumar बच्चों के बीच पसंदीदा किताबें बन गई हैं. पिंटू के लेखन ने न सिर्फ उन्हें पहचान दिलाई बल्कि उनके परिवार के जीवन में भी स्थिरता लाई.

आज पिंटू अपनी पत्नी, कॉलेज में पढ़ रही बेटी और स्कूल जाने वाले बेटे का पालन-पोषण कर रहे हैं. इसके बावजूद वह ग्राहकों के बीच समय निकालकर लिखते रहते हैं. उनका मानना है कि गरीबी अपराध नहीं है, असली अपराध अपने सपनों को छोड़ देना है.

पिंटू पोहान की कहानी हमें यह सिखाती है कि संघर्ष चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो, अगर हिम्मत और लगन साथ हो तो सफलता अवश्य मिलती है. पान की दुकान से लेखक तक का उनका सफर यह साबित करता है कि कठिनाइयां केवल हमें मजबूत बनाती हैं और सपने हमेशा साकार हो सकते हैं.

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