Pooja Pal Education: सपा से बाहर हुईं पूजा पाल, जानें राजनीति से पहले कैसी रही उनकी जिंदगी, कहां से की है पढ़ाई

Pooja Pal Education: कौशांबी की चायल सीट से सपा विधायक पूजा पाल को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है. योगी आदित्यनाथ की तारीफ और बीजेपी प्रत्याशी के समर्थन ने उनका राजनीतिक सफर बदल दिया. पति की हत्या से न्याय तक की उनकी यात्रा संघर्ष और साहस से भरी रही. जानें कितनी पढ़ी लिखीं हैं पूजा पाल.

By Pushpanjali | August 15, 2025 12:26 PM

Pooja Pal Education: उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन दिनों एक नाम लगातार सुर्खियों में है, कौशांबी जिले की चायल विधानसभा सीट से विधायक पूजा पाल. समाजवादी पार्टी (सपा) ने हाल ही में उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के हस्ताक्षर वाले पत्र में साफ लिखा गया कि उनकी गतिविधियों से संगठन को नुकसान पहुंचा है और उन्होंने गंभीर अनुशासनहीनता की है. ऐसे में आज इस लेख में हम आपको बताएंगे कितनी पढ़ी लिखीं हैं पूजा पाल.

शिक्षा और शुरुआती जीवन

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पूजा पाल ने अपनी स्कूली पढ़ाई NIOS से पूरी की और उच्च शिक्षा स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय, मेरठ से हासिल की. उनके पिता का नाम अमृत लाल पाल है. पढ़ाई के बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा और अपने पति की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया.

राजनीति में कठिन शुरुआत

पूजा पाल की राजनीतिक यात्रा बेहद कठिन रही. 25 जनवरी 2005 को प्रयागराज में उनके पति और तत्कालीन बसपा विधायक राजू पाल की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया था. आरोप कुख्यात माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ पर लगा. पूजा पाल ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी और न्याय की मांग में लगातार सक्रिय रहीं.

क्यों हुई कार्रवाई?

पूजा पाल के खिलाफ कार्रवाई की सबसे बड़ी वजह उनका मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सार्वजनिक प्रशंसा करना और पार्टी लाइन से अलग जाकर कदम उठाना रहा. 2024 के फूलपुर उपचुनाव में उन्होंने न सिर्फ बीजेपी प्रत्याशी दीपक पटेल का समर्थन किया, बल्कि उनके लिए प्रचार भी किया और घर-घर जाकर वोट मांगे.

योगी सरकार पर भरोसा

समय के साथ अतीक अहमद और अशरफ की हत्या हो गई. पूजा पाल का कहना है कि इस मामले में उन्हें न्याय दिलाने का श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जाता है. उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा था:
“सब जानते हैं कि मेरे पति की हत्या किसने की। जब किसी ने मेरी बात नहीं सुनी, तब योगी आदित्यनाथ ने सुनी. प्रयागराज में जीरो टॉलरेंस नीति लागू करके उन्होंने मुझ जैसी कई महिलाओं को न्याय दिलाया.”

पूजा पाल का यह बयान और बीजेपी प्रत्याशी का समर्थन उनकी राजनीतिक किस्मत को बदलने वाला साबित हुआ और सपा ने उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया. अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि उनका अगला कदम बीजेपी की ओर हो सकता है.

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