करियर की उड़ान में नहीं आएगा पैसा आड़े! इस योजना के तहत पाएं 10 लाख तक एजुकेशन लोन

PM Vidya Lakshmi Yojana: पीएम विद्या लक्ष्मी योजना के तहत छात्र बिना गारंटर के 10 लाख रुपये तक का शिक्षा ऋण ले सकते हैं. यह योजना देश और विदेश दोनों में उच्च शिक्षा के लिए उपलब्ध है, जिसमें ब्याज पर छूट और आसान आवेदन प्रक्रिया की सुविधा दी गई है.

By Pushpanjali | August 12, 2025 11:02 AM

PM Vidya Lakshmi Yojana: देश के लाखों होनहार छात्रों के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ी राहत की सौगात दी है. अब आर्थिक तंगी के कारण पढ़ाई बीच में छोड़ने का डर खत्म हो जाएगा. प्रधानमंत्री विद्या लक्ष्मी योजना के तहत छात्र 10 लाख रुपये तक का शिक्षा ऋण ले सकेंगे. यह मौका खासतौर पर उन युवाओं के लिए है जो उच्च शिक्षा का सपना देखते हैं, लेकिन पैसों की कमी उनके रास्ते में दीवार बन जाती है.

सरकार ने इस योजना के संचालन के लिए बजट भी तय कर दिया है. इसका उद्देश्य है – आर्थिक रूप से कमजोर, लेकिन मेधावी छात्रों को उनकी पढ़ाई पूरी करने का अवसर देना. खास बात यह है कि इस योजना के तहत छात्र न सिर्फ भारत के प्रतिष्ठित कॉलेजों में, बल्कि विदेश के टॉप रैंकिंग वाले संस्थानों में भी पढ़ाई कर सकते हैं.

बिना गारंटर मिलेगा लोन

इस योजना की सबसे बड़ी खासियत है कि लोन लेने के लिए किसी गारंटर की जरूरत नहीं होगी. देश के करीब 39 राष्ट्रीयकृत बैंक इस योजना से जुड़े हैं. केंद्र सरकार 7.5 लाख रुपये तक के लोन पर 75% तक की क्रेडिट गारंटी देगी, जिससे बैंकों को भरोसा मिलेगा और छात्रों को लोन लेना आसान हो जाएगा.

कौन ले सकता है लाभ?

  • आवेदक भारत का नागरिक हो.
  • 10वीं और 12वीं की परीक्षा में कम से कम 50% अंक हों.
  • परिवार की वार्षिक आय 8 लाख रुपये से अधिक न हो.
  • छात्र किसी मान्यता प्राप्त संस्थान में प्रवेशित हो.
  • जिन परिवारों की आय 8 लाख रुपये तक है, उन्हें ब्याज दर में 3% की छूट मिलेगी. वहीं, जिनकी आय 4.5 लाख रुपये तक है, उन्हें पहले से चल रही ब्याज छूट योजनाओं का भी अतिरिक्त लाभ मिलेगा.

आवेदन प्रक्रिया

इच्छुक छात्र Vidya Lakshmi Portal पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. यहां फॉर्म भरकर और जरूरी दस्तावेज अपलोड कर लोन के लिए अप्लाई किया जा सकता है. लोन स्वीकृत होते ही छात्र अपनी पढ़ाई शुरू कर सकते हैं.

यह योजना उन छात्रों के लिए उम्मीद की नई किरण है, जो पढ़ाई में होशियार हैं लेकिन आर्थिक तंगी के कारण अपने सपनों को अधूरा छोड़ने को मजबूर हो जाते हैं. अब न गारंटर की चिंता, न फीस का डर, बस पढ़ाई और करियर की उड़ान.

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