बिहार के छात्रों को तोहफा, पटना लॉ कॉलेज में इस सत्र से होगा बीबीए-एलएलबी एडमिशन

Patna Law College: पटना लॉ कॉलेज को बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने पांच वर्षीय बीबीए-एलएलबी कोर्स चलाने की अनुमति दे दी है. 180 सीटों पर एडमिशन होंगे और जल्द ही नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी. इस कोर्स से छात्रों को कानून और प्रबंधन दोनों पढ़ने का मौका मिलेगा.

By Pushpanjali | August 28, 2025 7:57 AM

Patna Law College: पटना विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले पटना लॉ कॉलेज को बड़ी सौगात मिली है. बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने कॉलेज को पांच वर्षीय बीबीए-एलएलबी कोर्स चलाने की अनुमति दे दी है. इसके साथ ही इस सत्र से ही छात्रों के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

180 सीटों पर मिलेगा दाखिला

कॉलेज के प्राचार्य प्रो. योगेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि बीसीआई ने 180 सीटों पर दाखिले की मंजूरी दी है. इन सीटों को तीन सेक्शन में बांटा गया है और प्रत्येक सेक्शन में 60 छात्र पढ़ाई कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि यह कॉलेज और छात्रों के लिए ऐतिहासिक कदम है, क्योंकि पहली बार यहां बीबीए-एलएलबी कोर्स शुरू हो रहा है.

बीसीआई निरीक्षण के बाद मिली अनुमति

प्राचार्य ने जानकारी दी कि 11 जुलाई को बार काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से निरीक्षण टीम ने कॉलेज का दौरा किया था. निरीक्षण के बाद बीसीआई ने कॉलेज को औपचारिक पत्र जारी कर मान्यता दी. उन्होंने इस उपलब्धि के लिए बीसीआई चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा, स्टेट बार काउंसिल चेयरमैन रमाकांत शर्मा और पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अजय कुमार सिंह का विशेष आभार जताया.

शिक्षकों की बहाली और कक्षाओं की मांग

कॉलेज प्रशासन ने कुलपति से रिक्त पदों पर शिक्षकों की बहाली और अतिरिक्त कक्षाओं की व्यवस्था करने का अनुरोध भी किया है. प्राचार्य ने कहा कि नए कोर्स की शुरुआत से छात्रों को कानून और प्रबंधन दोनों की पढ़ाई का अवसर मिलेगा, जिससे उनका करियर विकल्प और मजबूत होगा.

छात्रों के लिए सुनहरा अवसर

कॉलेज के सहायक प्राध्यापक एवं मीडिया प्रभारी डॉ. वीरेंद्र पासवान ने भी खुशी जाहिर की और कहा कि यह कदम छात्रों के लिए बड़ा अवसर लेकर आया है. उन्होंने उम्मीद जताई कि बीबीए-एलएलबी कोर्स से राज्य के युवाओं को राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में मदद मिलेगी.

बिहार के छात्रों को मिलेगा नया विकल्प

अब पटना लॉ कॉलेज केवल पारंपरिक कानून शिक्षा का केंद्र नहीं रहेगा, बल्कि छात्रों को आधुनिक और बहुआयामी कोर्स का लाभ भी मिलेगा. इस कदम से न केवल पटना, बल्कि पूरे बिहार के छात्रों को उच्चस्तरीय शिक्षा का बेहतर विकल्प उपलब्ध होगा.

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