NEP का असर, होमवर्क का बदलता स्वरूप, रटने की जगह सोचने-समझने की ओर

NEP 2020 Homework Innovation: भारतीय स्कूलों में होमवर्क का मतलब पहले सिर्फ गणित के सवाल बार-बार हल करना या निबंध लिखना होता था. लेकिन अब यह बदल रहा है. होमवर्क को बच्चों के लिए आसान, रोचक और रचनात्मक बनाने की कोशिश की जा रही है. इसे अब सिर्फ पढ़ाई का बोझ नहीं, बल्कि सोचने, समझने और नई चीजें सीखने का तरीका माना जा रहा है. इससे बच्चों की सोचने की क्षमता बढ़ रही है.

By Ravi Mallick | September 8, 2025 12:51 PM

NEP 2020 Homework Innovation: पहले स्कूलों में होमवर्क का मतलब होता था गणित के एक जैसे सवाल बार-बार हल करना या लंबा-लंबा निबंध लिखना. लेकिन अब यह बदल रहा है. आजकल स्कूल होमवर्क को छात्रों के लिए आसान, दिलचस्प और रचनात्मक बनाने की कोशिश कर रहे हैं. इसका मकसद छात्रों को सिर्फ पढ़ाई के लिए मजबूर करना नहीं, बल्कि सीखने की प्रक्रिया को मजेदार बनाना है.

रटने से रचनात्मकता की ओर बदलाव

अब होमवर्क में सिर्फ याद करने की बजाय सोचने, समझने और नई चीजें बनाने पर जोर दिया जा रहा है. स्कूलों में बच्चों को प्रोजेक्ट बनाना, ग्रुप में काम करना और नयी जानकारी पर खोज करने जैसे काम दिए जा रहे हैं. इससे बच्चे अपने खुद के तरीके से सीखते हैं . इससे उनकी सोचने की क्षमता भी बढ़ती है.

प्रधानमंत्री का नया ‘होमवर्क’ अभियान

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिक्षकों को एक खास होमवर्क दिया था. इसमें उन्हें अपने छात्रों के साथ मिलकर देशी उत्पादों का प्रचार करना था और ‘मेक इन इंडिया’, ‘वोकल फॉर लोकल’ जैसी योजनाओं को बढ़ावा देना था. इससे छात्रों में देशभक्ति की भावना के साथ-साथ व्यावहारिक सोच भी आएगी.

NEP का असर

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार अब होमवर्क को पढ़ाई का बोझ नहीं मानते. इसके बजाय इसे बच्चों के लिए मनोरंजक और व्यावहारिक बनाने की सलाह दी गई है. कई राज्य बोर्ड और केंद्रीय बोर्ड (CBSE) ने अपने स्कूलों में प्रोजेक्ट आधारित होमवर्क, प्रयोग और रचनात्मक गतिविधियां करने के निर्देश दिए हैं. अब बच्चों से सिर्फ ‘क्या’ नहीं पूछा जाता, बल्कि ‘क्यों’ और ‘कैसे’ पर ध्यान दिया जाता है.

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