कितने साल में बना था लाल किला? जानिए शाहजहां के इस सपने पर कितना खर्च हुआ था
General Knowledge: लाल किला सिर्फ एक किला नहीं, भारत की ऐतिहासिक पहचान है. जानिए इसे बनने में कितने साल लगे, कितना खर्च आया और इसकी खासियत क्या है. 10 साल में बना था यह भव्य किला, जिस पर हर साल फहराया जाता है तिरंगा.
General Knowledge: 15 अगस्त 1947 को जब देश आजाद हुआ, तब से अब तक हर साल प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराते हैं. यह परंपरा इस बार 79वें स्वतंत्रता दिवस पर भी जारी रहेगी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि लाल किला कितने समय में बना था और इसे बनवाने में कितना खर्च आया?
लाल किला सिर्फ एक इमारत नहीं, भारत की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है. यह देश की स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना है. इसे मुगल सम्राट शाहजहां ने 1638 में बनवाना शुरू कराया था और 1648 तक इसका निर्माण पूरा हुआ. यानी, इसे बनाने में कुल 10 साल लगे थे.
शाहजहां की राजधानी का सपना
इस किले का निर्माण मुगलों की राजधानी को आगरा से दिल्ली स्थानांतरित करने के उद्देश्य से किया गया था. लाल बलुआ पत्थरों से बनी यह इमारत अपनी भव्यता के लिए जानी जाती है. यह किला कभी यमुना नदी के किनारे हुआ करता था, लेकिन अब अतिक्रमण और शहरीकरण के चलते नदी काफी दूर चली गई है.
कितनी लागत में बना था लाल किला?
जब यह किला बनकर तैयार हुआ, तब इसे बनवाने में लगभग 1 करोड़ रुपये खर्च हुए थे. उस दौर में यह एक बहुत बड़ी राशि मानी जाती थी. इसकी दीवारें यमुना की ओर से 18 मीटर और शहर की ओर से 33 मीटर ऊंची हैं.
क्या-क्या है लाल किले में खास?
लाल किले में तीन प्रमुख दरवाजे हैं- लाहौरी गेट, दिल्ली गेट और खेजरी गेट. प्रवेश लाहौरी गेट से किया जाता है. अंदर जाने पर छत्ता चौक, संगमरमर की छतरी, और बादशाह का सिंहासन दिखाई देता है, जहां बैठकर शासक दरबार लगाया करते थे.
यूनेस्को में दर्ज
साल 2007 में लाल किला को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता मिली थी. हर साल लाखों सैलानी इसे देखने आते हैं.
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