मतदाताओं ने नफरत फैलाने वालों को अच्छा संकेत दिया है : दिग्विजय सिंह

रायपुर : दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों को ‘‘अच्छा संकेत’ बताते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बुधवार को कहा कि जिन लोगों ने धार्मिक नफरत फैलाई और नये नागरिकता कानून को लेकर फायदा उठाने की कोशिश की, उन्हें उखाड़ फेंका गया. अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) ने अपने मुख्य […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 12, 2020 5:32 PM

रायपुर : दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों को ‘‘अच्छा संकेत’ बताते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बुधवार को कहा कि जिन लोगों ने धार्मिक नफरत फैलाई और नये नागरिकता कानून को लेकर फायदा उठाने की कोशिश की, उन्हें उखाड़ फेंका गया. अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) ने अपने मुख्य विपक्षी दल भाजपा को करारी शिकस्त देते हुए मंगलवार को दिल्ली में प्रचंड बहुमत से जीत हासिल की.

छत्तीसगढ़ में पत्रकारों से बात करते हुए सिंह ने शाहीन बाग प्रदर्शन के संदर्भ में मतदाताओं से चुनाव पूर्व अपील के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर कटाक्ष किया. सिंह अंबिकापुर जिले में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव की मां के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए छत्तीसगढ़ आए हुए हैं. उन्होंने कहा, ‘‘अमित शाह जी ने लोगों से इतनी जोर से वोटिंग बटन दबाने के लिए कहा कि उसका करंट शाहीन बाग में महसूस हो. महबूबा मुफ्ती की बेटी ने यह कहते हुए अच्छा बयान दिया कि मतदाताओं ने इतनी जोर से बटन दबाया कि भाजपा को करंट लग गया.’

उन्होंने कहा कि यह अच्छा संकेत है कि जिन ताकतों ने धर्म के नाम पर ‘‘नफरत’ फैलाई और हिंदुओं तथा मुसलमानों को बांटकर नये नागरिकता कानून से राजनीतिक लाभ हासिल करने की कोशिश की, उन्हें चुनावों में लोगों ने ‘‘उखाड़ फेंका’. दिल्ली में कांग्रेस के प्रदर्शन पर सिंह ने कहा कि सभी वोट आप की ओर चले गए क्योंकि लोगों ने उस शख्स और पार्टी का समर्थन किया जिस पर उन्हें यकीन था कि वह भाजपा को हरा पायेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव में आप के मुकाबले दिल्ली में अधिक मत हासिल किए. कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘बिहार और पश्चिम बंगाल में भी ऐसे ही नतीजे दोहराए जाएंगे.’

सिंह ने ‘‘बढ़ती बेरोजगारी’ और ‘‘अर्थव्यवस्था की खराब हालत’ का हवाला देते हुए हाल के केंद्रीय बजट को ‘‘निराशाजनक’ बताया. उन्होंने कहा, ‘‘जीएसटी संग्रह कम होने के कारण राज्य को अपना बकाया हिस्सा नहीं मिल रहा और राज्य सरकारों से धोखा किया जा रहा है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण किसी भी निधि से बजट में कटौती कर सकती हैं लेकिन राज्य के संवैधानिक अधिकारों को छीना नहीं जाना चाहिए.’

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