World Photography Week: कैसे क्लिक करें परफेक्ट पिक्चर, जानें यहां

आज हर हाथ में स्मार्टफोन है और हर स्मार्टफोन में कैमरा. ऐसे में फोटोग्राफी सबके लिए आसान हो गयी है, लेकिन परफेक्ट पिक्चर क्लिक करना आज भी एक चुनौती है. अच्छी तस्वीर लेने के लिए कैमरा से जुड़े बेसिक टर्म्स को जानना जरूरी हो जाता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 21, 2022 3:06 PM

World Photography Week: 19 अगस्त से 26 अगस्त तक वर्ल्ड फोटोग्राफी वीक मनाया जा रहा है. इसे लेकर ही फोटोग्राफी के बारें में कई जानकारी साझा कर रही है. आर्ट के साथ-साथ एक साइंस भी है. एक अच्छा फोटोग्राफर बनने के लिए सब्जेक्ट के साथ कैमरे के तकनीकों को भी समझना होता है.

क्या है मेगापिक्सल

कैमरा छोटे-छोटे डॉट के आधार पर तस्वीरें बनाता है. इन्हीं डॉट्स को पिक्सल कहा जाता है. 10 लाख पिक्सल को एक मेगापिक्सल कहा जाता है. मेगापिक्सल से कैमरे की इमेज क्वॉलिटी का पता चलता है. यानी जितने ज्यादा पिक्सल होंगे, उतनी बेहतर इमेज क्वॉलिटी. हालांकि, बहुत कुछ इस बात पर भी निर्भर करता है कि लेंस की क्षमता क्या है. दरअसल, लेंस एक तरह से कैमरे की आंख है. लेंस की क्वॉलिटी जितनी अच्छी होगी, तुम उतनी बेहतर इमेज कैप्चर कर पाओगे.

इमेज सेंसर की भूमिका

लेंस में जो भी सूचनाएं आती हैं, वह इमेज सेंसर पर ही रिकॉर्ड होती हैं. कैमरे का इमेज सेंसर जितना बड़ा होगा, पिक्चर उतनी अच्छी आयेगी. डीएसएलआर कैमरों में बड़ा सेंसर लगा होता है, जबकि स्मार्टफोन में छोटा. इसी कारण डीएसएलआर कैमरों की पिक्चर क्वॉलिटी शानदार होती है.

शटर स्पीड का महत्व

शटर स्पीड उस समय को कहते हैं, जितने समय में लाइट, कैमरे के अंदर इमेज सेंसर तक पहुंच सके. इसे प्रति सेकंड के आधार पर मापा जाता है. डीएसएलआर कैमरे में शटर स्पीड को ऑटो और मैनुअल आधार पर सेट किया जा सकता है. तेज रोशनी में शटर स्पीड तेज होगी, जबकि कम रोशनी में धीमी. डीएसएलआर से फोटो खींचते समय ध्यान रखो कि शटर स्पीड 1/125, रुके हुए (स्टिल ऑब्जेक्ट) के लिए बेस्ट है. वहीं, 1/2000 की शटर स्पीड तेजी से मूव करती हुई किसी सब्जेक्ट की तस्वीर लेने के लिए बेहतर होती है.

रेजॉल्यूशन होना चाहिए मैक्सिमम

कोई भी कैमरा किसी इमेज की जितनी डीटेल को कैप्चर करता है, उसे ही रेजॉल्यूशन कहते हैं. स्मार्टफोन में कैमरे का रेजॉल्यूशन जितना ज्यादा होगा, उतनी बेहतर तस्वीरें खींची जा सकेंगी. सेटिंग में जाकर तुम रेजॉल्यूशन बढ़ा सकते हो. हालांकि, इसका जरूर ध्यान रखो कि ज्यादा रेजॉल्यूशन में खींची तस्वीर ज्यादा बड़े साइज में होती हैं. यह तुम्हारे स्मार्टफोन मेमरी का ज्यादा स्पेस लेगी.

कब करें एचडीआर मोड ऑन

एचडीआर यानी हाइ डाइनैमिक रेंज पिक्चर क्वॉलिटी को बेहतर करने के लिए होता है. यदि तुम ज्यादा रोशनी या चमकीली तस्वीरों की फोटो ले रहे हों तो इस मोड को ऑन जरूर करो.

फोटोग्राफी करते समय इन बातों का रखें खास ध्यान

  • Â लेंस हो साफ-सुथरा : तुम्हारा स्मार्टफोन ज्यादातर समय पॉकेट में होता है, जिससे अक्सर लेंस गंदा हो जाता है. स्मार्टफोन को हाथ में पकड़े रहने से भी लेंस पर उंगलियों के निशान पड़ जाते हैं. ऐसे में जब भी तुम कोई तस्वीर लो, तो सबसे पहले लेंस को एक साफ कपड़े से अच्छी तरह साफ करो, ताकि तस्वीर ब्लर न दिखे.

  • Â न हटे सब्जेक्ट से फोकस : अगर सब्जेक्ट पर कैमरे का फोकस नहीं रहेगा, तो फिर अच्छी तस्वीर भी नहीं आयेगी. इसमें टाइमिंग का ध्यान रखो, क्योंकि अगर तुमने फोटो क्लिक करने में जरा भी देर की तो फोकस सब्जेक्ट से हट जायेगा और तस्वीर धुंधली हो जायेगी.

  • Â मैनुअल सेटिंग को जानना जरूरी : अधिकांश स्मार्टफोन में ये फिक्स होते हैं. हालांकि, महंगे स्मार्टफोन और डीएसएलआर कैमरे में इन्हें मैनुअली बदला जा सकता है. दरअसल, जब तुम किसी सब्जेक्ट पर फोकस करते हो तो तुम्हारे फोन का कैमरा फोकस प्वाइंट की मदद से बैकग्राउंड की चीजों को एक्सपोज करने की कोशिश करता है. ऐसे में तस्वीर का कुछ हिस्सा काफी ब्राइट दिखता है और कुछ हिस्सा डार्क, जो देखने में अच्छा नहीं लगता. ऐसे में मैनुअल सेटिंग में जाकर आइएसओ, अपर्चर और शटर स्पीड सेट करके पिक्चर क्वॉलिटी बेहतर की जा सकती है.

  • Â अच्छी तस्वीर के लिए जूम सही नहीं : खासकर स्मार्टफोन से अच्छी तस्वीर लेने के लिए जूम पर कभी भरोसा न करो और जितना हो सके, सब्जेक्ट के पास जाकर तस्वीर खींचो. इससे पिक्चर की क्वॉलिटी काफी बेहतर आयेगी.

  • Â बहुत जरूरी हो, तभी ऑन करो फ्लैश : यदि तुम सोचते हो कि फ्लैश ऑन करने पर ही फोटो क्वॉलिटी अच्छी आती है, तो तुम गलत हो. नैचुरल लाइट में खींची गयी तस्वीर काफी अच्छी होती है. कम लाइट हो तो पोर्टेबल फ्लैश यूज करना बेहतर रहेगा.

स्मार्टफोन में होते हैं कई सारे मोड

स्मार्टफोन के कैमरे की सेटिंग्स में कई मोड होते हैं, जिनकी मदद से तुम बेहतर फोटो क्लिक कर सकते हो. ऑटोमैटिक मोड में कैमरा सब्जेक्ट और बैकग्राउंड के अनुसार लाइट, फोकस और कलर अजस्ट कर लेता है. वहीं, पोर्ट्रेट मोड में कैमरा सब्जेक्ट को फोकस कर लेता है और बाकी बैकग्राउंड को ब्लर कर देता है. पैनोरमा मोड के जरिये कैमरे के फ्रेम में आ रहे सीन्स से ज्यादा बड़ी तस्वीर ली जाती है. इसी प्रकार नाइट मोड रात के समय तस्वीर लेने के लिए सही है. इसमें शटर स्पीड काफी स्लो हो जाती है, ताकि लेंस के अंदर लाइट जाये और इमेज क्लियर दिखे. इसमें फ्लैश भी अहम रोल निभाता है.

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