12वीं की किताब में मुगलों के महिमामंडन पर मचा कोहराम, NCERT को लीगल नोटिस

एनसीईआरटी (NCERT) की 12वीं कक्षा की इतिहास की किताब में मुगल शासकों का महिमामंडन (Mughal emperors gave grants for temple repairs) करने पर बवाल शुरू हो गया है. राजस्थान के एक समाजसेवी दपिंदर सिंह और उनके साथी संजीव विकल ने दिल्ली हाईकोर्ट के वकील कनक चौधरी के जरिए NCERT को लीगल नोटिस भेजकर किताब से ये भ्रामक तथ्य हटाने की मांग की है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 4, 2021 9:18 PM

एनसीईआरटी (NCERT) की 12वीं कक्षा की इतिहास की किताब में मुगल शासकों का महिमामंडन (Mughal emperors gave grants for temple repairs) करने पर बवाल शुरू हो गया है. राजस्थान के एक समाजसेवी दपिंदर सिंह और उनके साथी संजीव विकल ने दिल्ली हाईकोर्ट के वकील कनक चौधरी के जरिए NCERT को लीगल नोटिस भेजकर किताब से ये भ्रामक तथ्य हटाने की मांग की है. इस नोटिस में मुगलों की तारीफ में लिखी गईं भ्रामक बातों को हटाने की मांग की गई है. दपिंदर ने इस संबंध में NCERT को एक RTI भी भेजी थी जिस पर संस्था की तरफ से संतुष्ट करने वाला जवाब नहीं दिया गया.

दपिंदर के मुताबिक NCERT की 12वीं की इतिहास की पुस्तक थीम्स इन इंडियन हिस्ट्री पार्टी- 2 के पेज 234 में पर लिखा है कि मुग़ल बादशाहों ने युद्ध के दौरान हिंदू मंदिरों को ढहा दिया था. इसमें आगे लिखा है कि युद्ध ख़त्म होने के बाद मुगल बादशाहों शाहजहां और औरंगजेब ने मंदिरों को फिर से बनाने के लिए ग्रांट जारी की थी. दपिंदर ने इन तथ्यों को वेरीफाई करने के लिए एक RTI डालकर NCERT से जवाब मांगा था. हालांकि इस RTI के जवाब में हेड ऑफ डिपार्टमेंट प्रो. गौरी श्रीवास्तव और पब्लिक इन्फोर्मेंशन डिपार्टमेंट ने फाइलों में इससे संबंधित कोई भी सूचना न होने का जवाब भेज दिया है.

संजीव विकल ने कहा कि कल्पना के आधार पर छात्रों को इतिहास पढ़ाया जा रहा है, एनसीईआरटी की पुस्तकों को विद्यालयी शिक्षा के लिए बेंचमार्क माना जाता है, सिविल सेवा जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में भी इन पुस्तकों से तैयारी करने की सलाह एक्पर्ट्स द्वारा दी जाती रही है. हमारी भविष्य की पीढ़ी को गलत दिशा में धकेलने की कोशिश की जा रही है जिसके घातक परिणाम हो सकते हैं.

Posted By: Shaurya Punj

Next Article

Exit mobile version