Year Ender 2025: साल भर में किसानों को कब-कब मिली PM Kisan की किस्त

Year Ender 2025 में पीएम किसान योजना के तहत किसानों को तीन किस्तों में 6,000 रुपये की मदद मिली. 19वीं किस्त फरवरी, 20वीं अगस्त और 21वीं नवंबर में जारी हुई. यह राशि सीधे बैंक खातों में ट्रांसफर की गई.

By Abhishek Pandey | December 13, 2025 12:35 PM

Year Ender 2025 PM Kisan Installment: साल 2025 भी देश के करोड़ों किसानों के लिए राहत भरा साल रहा. केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan) के तहत इस साल भी किसानों को समय पर आर्थिक मदद मिलती रही. इस योजना का मकसद छोटे और सीमांत किसानों को खेती-किसानी के खर्च में सहारा देना है, ताकि बीज, खाद और दूसरी जरूरतों के लिए उन्हें ज्यादा परेशानी न हो.

पीएम किसान योजना के तहत पात्र किसानों को हर साल 6,000 रुपये दिए जाते हैं. यह रकम एक साथ नहीं, बल्कि तीन बराबर किस्तों में 2,000-2,000 रुपये करके सीधे किसानों के बैंक खाते में भेजी जाती है. आमतौर पर हर चार महीने के अंतराल पर एक किस्त जारी होती है. साल 2025 में भी यही व्यवस्था देखने को मिली.

2025 में कब-कब आई PM Kisan की किस्त?

साल 2025 में कुल तीन किस्तें किसानों के खातों में ट्रांसफर की गईं.

साल भर में किसानों को कब-कब मिली पीएम किसान की किस्त

पहली किस्त (PM Kisan19th installment): यह साल की पहली किस्त थी, जो 24 फरवरी 2025 को जारी की गई. साल की शुरुआत में ही यह रकम मिलने से किसानों को रबी फसलों की कटाई और अगली खेती की तैयारी में मदद मिली. पढ़ें पूरी खबर

दूसरी किस्त (PM Kisan 20th installment): इसके बाद 2 अगस्त 2025 को दूसरी किस्त जारी की गई. इस समय खरीफ फसलों की बुवाई का दौर चल रहा था, ऐसे में यह 2,000 रुपये किसानों के लिए काफी काम के साबित हुए. पढ़ें पूरी खबर

तीसरी और आखिरी किस्त (PM Kisan 21st installment): साल 2025 की तीसरी और आखिरी किस्त 19 नवंबर 2025 को किसानों के खातों में भेजी गई. इस किस्त से किसानों को रबी सीजन की बुवाई और खाद-बीज खरीदने में सहूलियत मिली.पढ़ें पूरी खबर

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किसानों के लिए क्यों अहम है पीएम किसान योजना?

पीएम किसान योजना उन किसानों के लिए बड़ी राहत है, जिनकी आय सीमित है. सीधे खाते में पैसा आने से बिचौलियों की भूमिका खत्म होती है और किसानों को पूरी राशि मिलती है. छोटे किसानों के लिए यह रकम भले ही बड़ी न लगे, लेकिन खेती से जुड़े छोटे-छोटे खर्च पूरे करने में यह काफी मददगार साबित होती है.

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