तुर्किये-अजरबैजान को भारत से पंगा लेना पड़ा भारी, हवाई टिकट बुकिंग में 60% गिरावट

Turkey Travel Ban: ऑपरेशन सिंदूर के बाद तुर्किये और अजरबैजान की भारत-विरोधी प्रतिक्रिया से नाराज भारतीयों ने इन देशों की यात्रा का बहिष्कार शुरू कर दिया है. मेकमाईट्रिप के अनुसार, बुकिंग में 60% गिरावट और रद्दीकरण में 250% वृद्धि हुई है. सोशल मीडिया पर भी बहिष्कार की अपील तेज है, जिससे भारत में इन देशों की छवि प्रभावित हो रही है.

By KumarVishwat Sen | May 14, 2025 9:57 PM

Turkey Travel Ban: भारत में तुर्किये और अजरबैजान की यात्रा का बहिष्कार अब प्रभावी होता दिख रहा है. ऑपरेशन सिंदूर के तहत तुर्किए ने पाकिस्तान को सैन्य मदद करते हुए ड्रोन की सप्लाई की थी, जिससे पाकिस्तान भारत के सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला किया था. भारतीय सैनिकों ने उन पाकिस्तानी ड्रोन्स को हवा में ही मार गिराया. ऑनलाइन ट्रैवल कंपनी मेकमाईट्रिप (MakeMyTrip) ने बताया है कि पिछले एक सप्ताह में इन दोनों देशों के लिए बुकिंग 60% तक गिर गई है. वहीं, टिकट कैंसेलेशन में 250% यानी ढाई गुना बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भड़का जन आक्रोश

22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और पीओके के आतंकी ठिकानों पर करारा जवाब देते हुए 6-7 मई की रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया. इसके बाद तुर्किये और अजरबैजान द्वारा पाकिस्तान के पक्ष में बयानबाजी और भारत की आलोचना ने देशवासियों को नाराज कर दिया.

सोशल मीडिया पर बड़ा विरोध

सोशल मीडिया पर इन देशों के उत्पादों और पर्यटन सेवाओं के बहिष्कार की अपील चल रही है. ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर लाखों लोगों ने #BoycottTurkey और #BoycottAzerbaijan जैसे हैशटैग्स के जरिए विरोध जताया है.

मेकमाईट्रिप की यात्रा टालने की अपील

मेकमाईट्रिप के प्रवक्ता ने कहा, “भारतीय यात्रियों ने देश के साथ गहरी एकजुटता दिखाई है. टिकटों के कैंसेलेशन के आंकड़े साफ संकेत हैं कि जनता तुर्किये और अजरबैजान के खिलाफ खड़ी है. हम भी इस भावना का समर्थन करते हैं और इन देशों की अनावश्यक यात्रा टालने की सलाह देते हैं.”

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भारत में मजबूत राष्ट्रीय भावना

भारत में तुर्किये और अजरबैजान के प्रति यह तीखा रुख देशभक्ति और राष्ट्रीय सुरक्षा भावना से प्रेरित है. भारतीय नागरिक अपने सशस्त्र बलों के साथ खड़े हैं और आतंकवाद के समर्थन में खड़े देशों को आर्थिक और सामाजिक स्तर पर जवाब दे रहे हैं.

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