गुरुवार को कैसी रहेगी शेयर बाजार की चाल, ट्रंप के टैरिफ से अनिश्चितता का माहौल

Stock Market: ट्रंप प्रशासन की ओर से भारतीय उत्पादों पर 50% तक टैरिफ लगाने से गुरुवार को शेयर बाजार दबाव में रह सकता है. वस्त्र, रत्न-आभूषण, चमड़ा और समुद्री उत्पाद क्षेत्रों पर सबसे ज्यादा असर दिखेगा. निफ्टी-सेंसेक्स में गिरावट की आशंका है, जबकि दवा और आईटी सेक्टर निवेशकों के लिए सुरक्षित विकल्प बन सकते हैं. एफआईआई बिकवाली जारी रख सकते हैं, लेकिन डीआईआई खरीदारी से संतुलन बना सकते हैं. भारत-अमेरिका व्यापारिक रिश्तों पर इसका व्यापक असर देखने को मिल सकता है.

By KumarVishwat Sen | August 27, 2025 9:07 PM

Stock Market: भारतीय उत्पादों पर अमेरिका की ओर से 50% तक टैरिफ लगाए जाने का असर गुरुवार को घरेलू शेयर बाजारों पर दिख सकता है. विश्लेषकों का कहना है कि वस्त्र, रत्न एवं आभूषण, चमड़ा और समुद्री उत्पाद जैसे निर्यात-उन्मुख क्षेत्रों पर दबाव बढ़ेगा, जिससे निवेशकों में थोड़ी घबराहट रह सकती है. बुधवार से यह शुल्क लागू हो चुका है, लेकिन गणेश चतुर्थी की वजह से बाजार बंद रहे. इसलिए, इसका असर गुरुवार के कारोबार पर दिखाई देगा.

किन क्षेत्रों पर सबसे ज्यादा दबाव

विशेषज्ञ मानते हैं कि वस्त्र एवं परिधान, झींगा, चमड़ा-जूते, पशु उत्पाद, रसायन, विद्युत और यांत्रिक मशीनरी क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित होंगे. हालांकि, दवा, ऊर्जा और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों को इस शुल्क वृद्धि से छूट दी गई है, जिससे इन सेक्टर्स में अपेक्षाकृत स्थिरता बनी रह सकती है.

विदेशी और घरेलू निवेशकों की रणनीति

जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा कि बाजार की शुरुआत गिरावट के साथ हो सकती है. हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि घबराहट की संभावना कम है, क्योंकि निवेशक पहले से इस शुल्क वृद्धि की उम्मीद कर रहे थे. विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) बिकवाली जारी रख सकते हैं, लेकिन घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) निचले स्तर पर खरीदारी कर स्थिति को संभाल सकते हैं.

कंपनियों की आमदनी नहीं होगी प्रभावित

विजयकुमार के अनुसार, टैरिफ वृद्धि का असर कुछ चुनिंदा क्षेत्रों तक सीमित रहेगा और कुल मिलाकर कंपनियों की आय पर इसका प्रभाव नगण्य ही रहेगा. मंगलवार को जहां एफआईआई ने 6,516.49 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे, वहीं, डीआईआई ने 7,060.37 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी कर संतुलन बनाए रखा.

निफ्टी और सेंसेक्स में गिरावट

मास्टर ट्रस्ट ग्रुप के निदेशक पुनीत सिंघानिया ने बताया कि अतिरिक्त 25% टैरिफ की घोषणा से बाजार पहले ही प्रभावित हो चुका था. मंगलवार को निफ्टी 255.70 अंक गिरकर 24,712 पर बंद हुआ और सेंसेक्स 849.37 अंक टूटकर नीचे आया. उन्होंने चेतावनी दी कि निर्यात-आधारित कंपनियां अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धात्मकता खो सकती हैं और उनके आय अनुमान में कमी आ सकती है.

रक्षात्मक क्षेत्रों पर निवेशकों की नजर

सिंघानिया का मानना है कि घरेलू मांग पर आधारित क्षेत्र, साथ ही फार्मा और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे रक्षात्मक सेक्टर निवेशकों को आकर्षित कर सकते हैं. यानी, निवेशक अब जोखिम वाले क्षेत्रों से सुरक्षित विकल्पों की ओर रुख कर सकते हैं.

क्या कहती है ट्रेडजिनी

ऑनलाइन ब्रोकरेज फर्म ट्रेडजिनी के सीओओ त्रिवेश डी ने कहा कि अमेरिका में 27 अगस्त से लागू नए टैरिफ के बाद बाजार की पहली प्रतिक्रिया धारणा पर आधारित होगी. भारी टैरिफ से वस्त्र, रत्न-आभूषण, चमड़ा और समुद्री उत्पाद कंपनियों पर दबाव बढ़ेगा. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि बाजार पूरी तरह टूटेगा नहीं, बल्कि सीमित दायरे में रहकर सेक्टर-वार रोटेशन देखने को मिल सकता है.

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भारत-अमेरिका व्यापार पर नजर

वित्त वर्ष 2024-25 में भारत के कुल 437.42 अरब डॉलर के निर्यात में अमेरिका की हिस्सेदारी करीब 20% रही थी. ऐसे में अमेरिकी शुल्क का असर भारत की व्यापारिक स्थिति और कॉरपोरेट सेक्टर की आय पर नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता.

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