AGR payment issue : सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन आइडिया को लगायी कड़ी फटकार, बकाया भुगतान में देर पर जेल भेजने की दी हिदायत

AGR Outstanding payment issue : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को समायोजित सकल राजस्व (AGR) मामले की सुनवाई करते हुए दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया को कड़ी चेतावनी दी है. एजीआर बकाया भुगतान को लेकर शीर्ष अदालत यहां तक कहा कि अब वह कंपनी के अधिकारी को जेल भेज देगा. इससे पहले, कंपनी की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने अदालत को बताया कि वोडाफोन आइडिया ने बीते 15 साल में जितने राजस्व की आमदनी की है, वह सब समाप्त हो चुका है. ऐसी स्थिति में एजीआर की बकाया राशि का भुगतान कर पाना फिलहाल उसके लिए संभव नहीं. दूरसंचार विभाग वोडाफोन आइडिया पर करीब 58,000 करोड़ रुपये के बकाया का दावा कर रहा है. फिलहाल, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अपना आदेश 10 अगस्त तक के लिए टाल दिया है.

By Prabhat Khabar Print Desk | July 20, 2020 6:25 PM

AGR Outstanding payment issue : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को समायोजित सकल राजस्व (AGR) मामले की सुनवाई करते हुए दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया को सख्त चेतावनी दी है. एजीआर बकाया भुगतान को लेकर शीर्ष अदालत यहां तक कहा कि अब वह कंपनी के अधिकारी को जेल भेज देगा. इससे पहले, कंपनी की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने अदालत को बताया कि वोडाफोन आइडिया ने बीते 15 साल में जितने राजस्व की आमदनी की है, वह सब समाप्त हो चुका है. ऐसी स्थिति में एजीआर की बकाया राशि का भुगतान कर पाना फिलहाल उसके लिए संभव नहीं. दूरसंचार विभाग वोडाफोन आइडिया पर करीब 58,000 करोड़ रुपये के बकाया का दावा कर रहा है. फिलहाल, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अपना आदेश 10 अगस्त तक के लिए टाल दिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए वोडाफोन आइडिया के वकील मुकुल रोहतगी से कहा कि अगर दशकों से आप घाटे में चल रहे हैं, तो हम आप पर कैसे भरोसा कर सकते हैं कि आप एजीआर का बकाया कैसे चुकाएंगे? जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि अगर आप हमारे आदेश का पालन नहीं करेंगे, तो हम कड़ी कार्रवाई करेंगे. जस्टिस मिश्रा ने बेहद सख्त लहजे में कहा कि अब से जो गलत करेगा, हम उसे सीधे जेल भेज देंगे.

इस पर रोहतगी ने कोर्ट से कहा कि कंपनी का पूरा का पूरा नेटवर्थ पिछले 15 साल में खत्म हो चुका है. उन्होंने कहा कि हमने वित्तीय दस्तावेज, जैसे आयकर रिटर्न्स जमा करवा दिए हैं. पिछले 15 साल में कंपनी का पूरा नेटवर्थ खत्म हो गया. रोहतगी ने अदालत से कहा कि पूरा राजस्व कर्ज, टैक्स और बकाया चुकाने में खत्म हो गया है. प्रमोटरों ने 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य के शेयर खरीदे थे, वह भी खत्म हो गए.

कंपनी ने यह कहते हुए तुरंत बकाया भुगतान करने में अपनी असमर्थता जाहिर की कि पिछले 15 साल में जो उसने कमाया, वह उसे टेलिकॉम इन्फ्रास्ट्रक्चर को संचालित करने में गंवा चुकी है. रोहतगी ने कोर्ट को बताया कि पिछले 10 साल में 6.27 लाख करोड़ रुपये के राजस्व प्राप्त हुआ, जिसमें 4.95 लाख करोड़ रुपये परिचालन लागत (ऑपरेशनल कॉस्ट्स) पर खर्च हो गया. उसने कहा कि उसकी परिसपंत्तियों पर बैंकों से पहले ही लोन लिए जा चुके हैं. इसलिए अब उसे कोई भी कर्ज देने वाला नहीं बचा है.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में सभी दूरसंचार कंपनियों से पिछले एक दशक में प्राप्त राजस्व और चुकाये गए टैक्स की विस्तृत जानकारी देने को कहा था. 18 जून को जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस शाह ने वोडाफोन आइडिया को 10 साल का बैलेंश शीट जमा कराने का निर्देश दिया था. तब कोर्ट ने कंपनियों से कुछ सिक्योरिटी या बैंक गारंटी देने को भी कहा था, ताकि तय किए गए भुगतान योजना का पालन हो सके. 11 जून को कोर्ट ने कंपनियों से कुछ सिक्योरिटी जमा कराने के बाद उसकी परेशानी सुनने को तैयार हुआ था.

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Posted By : Vishwat Sen

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