भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगी स्टेटस रिपोर्ट, ब्रिटेन में अब भी लंबित है कार्यवाही

सोमवार को भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को भारत लाने के बारे मे ब्रिटेन में प्रत्यर्पण को लेकर लंबित कार्यवाही की स्थिति रिपोर्ट छह सप्ताह के भीतर पेश करने का निर्देश केन्द्र को दिया. न्यायमूर्ति यूयू ललित और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई करते हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि वह इस मामले में छह सप्ताह के भीतर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करें.

By Prabhat Khabar Print Desk | November 2, 2020 6:55 PM

नयी दिल्ली : सोमवार को भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को भारत लाने के बारे मे ब्रिटेन में प्रत्यर्पण को लेकर लंबित कार्यवाही की स्थिति रिपोर्ट छह सप्ताह के भीतर पेश करने का निर्देश केन्द्र को दिया. न्यायमूर्ति यूयू ललित और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई करते हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि वह इस मामले में छह सप्ताह के भीतर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करें.

पीठ ने इस मामले को अब अगले साल जनवरी में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया है. पीठ ने विजय माल्या का न्यायालय में अभी तक प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता ईसी अग्रवाल को इस मामले से मुक्त करने का अनुरोध ठुकरा दिया है. केन्द्र ने पांच अक्टूबर को न्यायालय को बताया था कि भगोड़े कारोबारी विजय माल्या का उस समय तक भारत प्रत्यर्पण नहीं हो सकता, जब तक ब्रिटेन में चल रही एक अलग ‘गोपनीय’ कानूनी प्रक्रिया का समाधान नहीं हो जाता.

केन्द्र ने कहा था कि उसे ब्रिटेन में विजय माल्या के खिलाफ चल रही इस गोपनीय कार्यवाही की जानकारी नहीं है. सरकार का कहना था कि ब्रिटेन की सर्वोच्च अदालत ने माल्या के प्रत्यर्पण की कार्यवाही को बरकरार रखा है, लेकिन अभी ऐसा नहीं हो रहा है. शीर्ष अदालत ने इससे पहले माल्या की 2017 की पुनर्विचार याचिका खारिज करते हुए उसे पांच अक्टूबर को न्यायालय में पेश होने का निर्देश दिया था.

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न्यायालय ने विजय माल्या को अदालत के आदेशों का उल्लंघन करके अपने बच्चों के खातों में 4 करोड़ अमेरिकी डॉलर हस्तांतरित करने के मामले में 2017 में उसे अवमानना का दोषी ठहराया था. इससे पहले, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण का मामला समाप्त हो चुका है, लेकिन ब्रिटेन में इस मामले में कुछ गोपनीय कार्यवाही चल रही है, जिसकी जानकारी भारत को भी नहीं दी गई है. केंद्र ने कहा था कि माल्या के प्रत्यर्पण में देरी की जा रही है.

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Posted By : Vishwat Sen

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