SBI Chairman Statement: एसबीआई ने क्यूआईपी से जुटाई 25,000 करोड़, 5-6 सालों तक इक्विटी कैपिटल की जरूरत नहीं

SBI Chairman Statement: एसबीआई के चेयरमैन सीएस शेट्टी ने कहा कि क्यूआईपी के जरिए जुटाए गए 25,000 करोड़ रुपये से बैंक को 12 लाख करोड़ रुपये की ऋण वृद्धि में मदद मिलेगी और अगले 5-6 साल तक नई इक्विटी पूंजी की जरूरत नहीं पड़ेगी. उन्होंने बताया कि बैंक टियर-II बॉन्ड से 12,500 करोड़ रुपये और जुटाएगा. शेट्टी ने उम्मीद जताई कि आरबीआई यदि रेपो दर में 0.25% की कटौती भी करता है, तब भी एसबीआई तीन प्रतिशत एनआईएम लक्ष्य को हासिल कर लेगा.

By KumarVishwat Sen | November 27, 2025 3:41 PM

SBI Chairman Statement: भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन सीएस शेट्टी ने बताया कि बैंक ने वर्ष 2025 की शुरुआत में क्वालिफाई इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (क्यूआईपी) के माध्यम से जुटाई गई 25,000 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी से अपनी भविष्य की ऋण वृद्धि क्षमता को मजबूत किया है. उन्होंने कहा कि इस राशि से बैंक को आने वाले वर्षों में 12 लाख करोड़ रुपये की ऋण वृद्धि को समर्थन मिलेगा और पूंजी पर्याप्तता अनुपात (सीआरएआर) अगले 5-6 वर्षों तक लगभग 15% बना रहेगा.

क्यूआईपी के पैसों से मजबूत होगी ऋण वृद्धि

सीएस शेट्टी ने बताया कि क्यूआईपी से जुटाई गई राशि बैंक की दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य पूंजी आधार को सुदृढ़ करते हुए ऋण विस्तार को सुचारू रखना है. उन्होंने कहा, क्यूआईपी शुरू होने से पहले भी हमारे पास ऋण वृद्धि को वित्तपोषित करने की पर्याप्त क्षमता थी, लेकिन हमारा लक्ष्य पूंजी अनुपात को मजबूत बनाना था. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बैंक का उद्देश्य कॉमन इक्विटी टियर-1 (सीईटी-1) को 12% पर और कुल सीआरएआर को 15% पर बनाए रखना है, जिससे बैंक को 12 लाख करोड़ रुपये से अधिक के अग्रिमों को वित्तपोषित करने की व्यापक क्षमता मिलती है.

टियर-II बॉन्ड से जुटाए जाएंगे 12,500 करोड़ रुपये

एसबीआई अपने ऋण पूंजी प्रबंधन के तहत इस वर्ष टियर-II बॉन्ड्स के माध्यम से 12,500 करोड़ रुपये और जुटाने की तैयारी कर रहा है. टियर-II राशि निश्चित अवधि के लिए जुटाई जाती है और यह बैंक की पूंजी संरचना को संतुलित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. इसके साथ ही, बैंक ने जुलाई 2025 में हुए क्यूआईपी के जरिए इक्विटी कैपिटल का अब तक का सबसे बड़ा भारतीय बाजार लेन-देन पूरा किया, जिससे 25,000 करोड़ रुपये जुटाए गए. यह 2017 में जुटाई गई 15,000 करोड़ रुपये की राशि की तुलना में करीब 10,000 करोड़ रुपये कहीं अधिक राशि है.

नई इक्विटी पूंजी की जरूरत

सीएस शेट्टी ने कहा कि बैंक की वर्तमान लाभप्रदता और वृद्धि की गति को देखते हुए अगले पांच से छह वर्षों तक बैंक को सीईटी-1 के लिए नई इक्विटी जुटाने की कोई आवश्यकता नहीं पड़ेगी. उन्होंने कहा, “अगर हमारी लाभप्रदता अगले कुछ वर्षों तक इसी स्तर पर बनी रहती है, तो हमें सीईटी-1 पूंजी जुटाने की जरूरत नहीं होगी.” यह बैंक की वित्तीय स्थिति और भविष्य की स्थिरता को लेकर प्रबंधन के आत्मविश्वास को दर्शाता है.

तीन प्रतिशत एनआईएम का भरोसा

आगामी मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में आरबीआई की ओर से रेपो रेट में 0.25% कटौती की संभावना को लेकर शेट्टी ने कहा कि एसबीआई अपने नेट इंट्रेस्ट मार्जिन (एनआईएम) को लगभग 3% के स्तर पर बनाए रखने में सक्षम रहेगा. उन्होंने कहा, ब्याज दरों में मामूली कटौती की गुंजाइश है और अगर ऐसा होता है तो भी हम अपनी लक्ष्यित एनआईएम को हासिल कर लेंगे. हाल ही में आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने संकेत दिया था कि ब्याज दरों में कटौती की संभावना बढ़ गई है, जिसे अक्टूबर की द्विमासिक नीति समीक्षा में भी संकेत दिया गया था.

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अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर और आरबीआई की चुनौती

सीएस शेट्टी ने देश की आर्थिक वृद्धि को लेकर सकारात्मक संकेत दिए. एसबीआई को उम्मीद है कि दूसरी तिमाही में वास्तविक जीडीपी लगभग 7.5% रहेगी, जबकि वित्त वर्ष 2025-26 में वृद्धि दर 7% के आसपास रहने की संभावना है. उन्होंने कहा कि उच्च वृद्धि दर के माहौल में आरबीआई को सावधानी से निर्णय लेना होगा, क्योंकि यह नीति निर्धारण के लिए कड़ी चुनौती हो सकती है.

भाषा इनपुट के साथ

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