Limestone Block Auction: जम्मू-कश्मीर में मिला लाइमस्टोन मिनरल ब्लॉक्स का खजाना, 24 नवंबर को होगी नीलामी

Limestone Block Auction: जम्मू-कश्मीर में पहली बार लाइमस्टोन मिनरल ब्लॉक्स की नीलामी 24 नवंबर 2025 को होगी, जिससे खनन क्षेत्र में पारदर्शिता और निवेश के नए अवसर खुलेंगे. अनंतनाग, राजौरी और पुंछ में 314 हेक्टेयर क्षेत्र में सात ब्लॉक्स की पहचान की गई है. एमएमडीआर एक्ट के तहत आयोजित यह नीलामी रोजगार, उद्योग विस्तार और राजस्व में वृद्धि का बड़ा मौका है. यह कदम जम्मू-कश्मीर को मिनरल सेक्टर में नई पहचान देने के साथ विकसित भारत 2047 विजन को भी मजबूत करेगा.

By KumarVishwat Sen | November 23, 2025 9:09 PM

Limestone Block Auction: जम्मू-कश्मीर अब मिनरल सेक्टर में एक नई इबारत लिखने जा रहा है. केंद्र सरकार ने पहली बार यहां लाइमस्टोन मिनरल ब्लॉक्स की नीलामी का ऐलान किया है. इसकी नीलामी सोमवार यानी 24 नवंबर 2025 को जम्मू में आयोजित की जाएगी. यह नीलामी न सिर्फ इस केंद्र शासित प्रदेश के लिए ऐतिहासिक कदम है, बल्कि भारत के खनन क्षेत्र में बढ़ती पारदर्शिता और सुधारों की दिशा में भी बड़ा माइलस्टोन मानी जा रही है.

केंद्रीय नेतृत्व की मौजूदगी से बढ़ा आयोजन का महत्व

मिनिस्ट्री ऑफ माइंस की ओर से जारी प्रेस रिलीज के अनुसार, नीलामी समारोह की अगुवाई केंद्रीय कोयला एवं खनन मंत्री जी. किशन रेड्डी करेंगे. इस दौरान जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की उपस्थिति केंद्र और प्रदेश के बीच मजबूत समन्वय को दर्शाती है. यह साझेदारी बताती है कि माइनिंग सेक्टर में निवेश और औद्योगिक विकास के लिए जम्मू-कश्मीर राष्ट्रीय महत्व का केंद्र बन सकता है.

माइनिंग रिफॉर्म्स के 10 साल बाद पहली नीलामी

यह नीलामी 2015 में शुरू किए गए माइनिंग सुधारों को आगे बढ़ाती है, जो माइंस एंड मिनरल्स (डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन) एक्ट यानी एमएमडीआर एक्ट के तहत लागू किए गए थे. सुधारों के बाद यह जम्मू-कश्मीर में होने वाली पहली माइनिंग ब्लॉक नीलामी है, जो दर्शाती है कि क्षेत्र में अब माइनिंग सेक्टर के लिए एक मजबूत, पारदर्शी और आधुनिक ढांचा तैयार हो चुका है. मिनिस्ट्री ने कहा है कि इस नीलामी से ट्रांसपेरेंसी, कॉम्पिटिटिवनेस और सस्टेनेबल डेवलपमेंट को बढ़ावा मिलेगा. इससे माइनिंग कंपनियों को स्पष्ट दिशा मिलेगी और प्रदेश में उद्योगों के लिए नए अवसर भी खुलेंगे.

सात लाइमस्टोन ब्लॉक्स की पहचान

इस नीलामी के लिए मिनिस्ट्री ने अनंतनाग, राजौरी और पुंछ जिलों में फैले लगभग 314 हेक्टेयर क्षेत्र में मौजूद सात लाइमस्टोन ब्लॉक्स को चिन्हित किया है. ये ब्लॉक्स यूएनएफसी जी3 और जी4 एक्सप्लोरेशन स्टेज के अंतर्गत शामिल हैं, यानी इनमें खनिज की उपस्थिति और गुणवत्ता का वैज्ञानिक आकलन किया जा चुका है. इन लाइमस्टोन डिपॉजिट्स में इतनी क्षमता है कि यह सीमेंट उद्योग, कंस्ट्रक्शन सेक्टर और दूसरे भारी उद्योगों के लिए कच्चे माल की जरूरतों को लंबे समय तक पूरा कर सकते हैं. यह निवेशकों और औद्योगिक घरानों के लिए एक बड़ा अवसर है.

एमएमडीआर एक्ट के तहत तेज और सरल नीलामी प्रक्रिया

समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, यह नीलामी एमएमडीआर एक्ट के सेक्शन 11(4) और 11(5) के तहत की जा रही है. इससे केंद्र सरकार उन राज्यों की मदद कर सकती है, जहां नीलामी प्रक्रिया के दौरान प्रशासनिक या तकनीकी बाधाएं आती हैं. यह मॉडल कोऑपरेटिव फेडरलिज्म का उदाहरण है, जो दिखाता है कि केंद्र और राज्य मिलकर संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित कर सकते हैं.

टेक्नोलॉजी-सक्षम पारदर्शी ऑक्शन

मिनिस्ट्री ऑफ माइंस का कहना है कि नीलामी प्रक्रिया पूरी तरह तकनीक-सक्षम, ट्रैक करने योग्य और पारदर्शी होगी. साथ ही, नेशनल एनवायरनमेंटल गाइडलाइंस के तहत सस्टेनेबल माइनिंग को प्राथमिकता दी जाएगी. इसका मतलब है कि पर्यावरण संरक्षण के साथ आर्थिक विकास को संतुलित किया जाएगा.

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रोजगार, निवेश और विकास की नई शुरुआत

सरकार को उम्मीद है कि यह पहला खनन नीलामी रोजगार के नए अवसर, राजस्व में बड़ी वृद्धि, स्थानीय उद्योगों का विस्तार और इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का कारण बनेगा. इससे स्थानीय समुदायों को आर्थिक मजबूती मिलेगी और जम्मू-कश्मीर डेवलप्ड इंडिया 2047 के राष्ट्रीय विज़न में अपना मजबूत योगदान देगा.

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