Success Story: गुजराती लड़की और राजस्थानी छोरे ने किया कमाल, सिर्फ 10 महीने में खड़ी कर दी 10.5 करोड़ की कंपनी

Success Story: लॉन्च्ड ग्लोबल की सफलता कहानी यह बताती है कि सही विजन और मेहनत से रिकॉर्ड समय में बड़ी उपलब्धि हासिल की जा सकती है. दिसंबर 2024 में शुरुआत करने वाले इस एडटेक स्टार्टअप ने महज 10 महीनों में 25,000 छात्रों को सेवाएं देकर 10.5 करोड़ रुपये की कमाई की है. अपस्किलिंग, विदेश में अध्ययन और हेल्थकेयर नौकरियों पर फोकस करने वाली यह कंपनी टियर-2 और टियर-3 शहरों के युवाओं को नए अवसर दे रही है और तेजी से वैश्विक विस्तार की ओर बढ़ रही है.

By KumarVishwat Sen | November 25, 2025 9:24 PM

Success Story: भारतीय स्टार्टअप दुनिया में रोज नए प्रयोग होते हैं. कई सफल होते हैं, तो कई कहीं खो जाते हैं. लेकिन, कुछ स्टार्टअप्स की सफलता की कहानियां ऐसी होती हैं, जो न सिर्फ चौंकाती हैं, बल्कि यह साबित करती हैं कि सही विजन, समय और साहस से असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है. बेंगलुरु स्थित लॉन्च्ड एडुटेक सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड या लॉन्च्ड ग्लोबल ऐसी ही एक कहानी है, जिसने बेहद कम समय में अपनी दमदार मौजूदगी दर्ज कराई है. शुरू हुए अभी दस महीने ही हुए हैं और कंपनी 25,000 छात्रों को सेवाएं दे चुकी है, 10.5 करोड़ रुपये की कमाई कर चुकी है और आज पूरी तरह लाभ में है. यह उपलब्धि भारत के बड़े से बड़े स्टार्टअप्स के लिए भी दुर्लभ है.

कैसे शुरू हुई लॉन्च्ड ग्लोबल की कहानी

लॉन्च्ड ग्लोबल की सफलता की कहानी की शुरुआत दिसंबर 2024 में होती है. स्टार्टअपपीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, अहमदाबाद की काजल दवे और उदयपुर के रितेश जैन दो अलग शहरों से दो सपने और एक लक्ष्य लेकर बेंगलुरु पहुंचे थे. काजल ने बेंगलुरु में एमबीए के दौरान एडटेक के भीतर झांकना शुरू किया और देखते-देखते 2021 तक एक एडटेक कंपनी को 20 कर्मचारियों से 1,200 कर्मचारियों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई. लेकिन 2024 में एक ब्रेकअप ने उन्हें वहीं से फिर से उठकर कुछ नया प्रयोग करने की प्रेरणा दी. काजल कहती हैं, “वह गिरना निजी था, लेकिन उसी ने मुझे याद दिलाया कि हर अंत से एक नई शुरुआत होती है.”

उधर, रितेश न्यूजीलैंड से एमबीए करने के बाद टेलीकॉम, टेक्नोलॉजी और विदेशी शिक्षा कंसल्टिंग में मजबूत अनुभव लेकर लौटे थे. उन्होंने खुद भी एक सफल वेंचर खड़ा किया, लेकिन भारत के युवा छात्रों की क्षमता को दुनिया तक पहुंचाने का सपना अधूरा था. सितंबर 2024 में जब दोनों मिले, तो शायद कहानी का सफर यहीं से तय हो गया. दोनों का विजन एक हो गया और वह विजन भारत में शिक्षा, कौशल और वैश्विक अवसरों के बीच पुल बनाने का था.

सफर कठिन, लेकिन इरादा अडिग

जनवरी 2025 में लॉन्च्ड ग्लोबल ने ऑपरेशन शुरू किया. उस समय न कहीं से कोई फंडिंग थी और न ही निवेशकों का सहारा था. काजल और रितेश ने टीम बनाना शुरू किया, ट्रेनिंग दी और पूरे मॉडल को जमीन पर उतारा. शुरुआती महीनों में भावनात्मक और व्यावसायिक संघर्ष होते रहे, लेकिन यही संघर्ष लॉन्च्ड ग्लोबल की मजबूती बने. कुछ ही महीनों में कंपनी ने इतनी स्पीड पकड़ी कि जुलाई तक वह मुनाफे में पहुंच गई, जो किसी भी एडटेक स्टार्टअप के लिए रिकॉर्ड जैसा है.

लॉन्च्ड ग्लोबल क्या करती है?

लॉन्च्ड ग्लोबल ने भारतीय छात्रों, खासकर टियर-2 और टियर-3 शहरों के युवाओं को ध्यान में रखते हुए तीन प्रमुख क्षेत्रों पर फोकस किया है. पहला, अपस्किलिंग जहां एआई, एसएएएस, डेटा साइंस, फुल-स्टैक डेवलपमेंट, साइबर सिक्योरिटी और फाइनेंस के लाइव मेंटर-लीड कोर्स हिंग्लिश में कराए जाते हैं, ताकि हर छात्र आसानी से सीख सके. दूसरा, विदेश में अध्ययन है. कंपनी दुनिया के 500 से अधिक वैश्विक विश्वविद्यालयों में छात्रों को बिना शुल्क के प्रवेश सहायता, वीजा सपोर्ट और स्कॉलरशिप गाइडेंस देती है. तीसरा, हेल्थकेयर नौकरियां, जिसमें जर्मनी में नर्सिंग और मेडिकल स्टाफ की कमी को देखते हुए लॉन्च्ड ग्लोबल भारतीय हेल्थ प्रोफेशनलों को जर्मन भाषा ट्रेनिंग, नौकरी मिलान और रिलोकेशन सहायता देती है.

छोटे शहरों के छात्रों को मिली नौकरियां

इन सेवाओं का असर अब परिणामों में दिखने लगा है. 25,000 छात्रों में से लगभग 90% भारत के छोटे शहरों और कॉलेजों से हैं. 100 से अधिक साझेदार कंपनियों में इंटर्नशिप मिल चुकी है और 300 से अधिक युवा प्रतिष्ठित कंपनियों में नौकरी पा चुके हैं. 100 से ज्यादा छात्रों को विदेश में उच्च शिक्षा के अवसर मिल चुके हैं.

ग्लोबल विस्तार और एआई आधारित प्लेटफॉर्म

आज लॉन्च्ड ग्लोबल के पास 170 विशेषज्ञों की टीम है और कंपनी अपने मुनाफे को दोबारा निवेश करके तेजी से विस्तार कर रही है. आने वाले महीनों में डोजोवर्क्स लॉन्च होगा. एक ऐसा प्लेटफॉर्म, जो छात्रों, कॉलेजों और कंपनियों को रियल-टाइम प्रोजेक्ट्स और एआई एनालिटिक्स से जोड़ेगा. इसके बाद दुबई, सिंगापुर और वियतनाम में ग्लोबल लॉन्च की तैयारी है। साथ ही दुनिया का पहला एमआई जॉब इंडेक्स बनाने की दिशा भी कंपनी आगे बढ़ा रही है.

इसे भी पढ़ें: डेट म्यूचुअल फंड में आ गई बाढ़, अक्टूबर में 1.6 लाख करोड़ रुपये का नेट इनफ्लो दर्ज

छोटे शहरों के बड़े सपनों को देने उड़ान

काजल और रितेश का मानना है कि भारत का असली टैलेंट छोटे शहरों में है और उसी प्रतिभा को वैश्विक अवसरों से जोड़ना उनका मिशन है. लॉन्च्ड ग्लोबल आज भारत में स्किल-आधारित शिक्षा और करियर पारिस्थितिकी तंत्र में क्रांति लाने की दिशा में सबसे तेज उभरते एडटेक प्लेटफॉर्म्स में शामिल हो चुका है.

इसे भी पढ़ें: Rules Change: 1 दिसंबर से आधार कार्ड से एलपीजी तक के बदल जाएंगे नियम, जो आपकी जेब पर पड़ेंगे भारी

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.