कोटक म्यूचुअल फंड ने ग्रामीण भारत पर लगाया बड़ा दांव, लॉन्च किया कोटक रूरल अपॉर्च्यूनिटीज फंड

Kotak Mutual Fund: कोटक म्यूचुअल फंड ने ग्रामीण भारत की ग्रोथ पोटेंशियल पर ध्यान केंद्रित करते हुए कोटक रूरल अपॉर्च्यूनिटीज फंड लॉन्च किया है. यह ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम ग्रामीण और उससे जुड़े सेक्टर्स में निवेश पर फोकस करेगी. फंड का उद्देश्य निवेशकों को लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न देना है. यह स्कीम 6 नवंबर से 20 नवंबर 2025 तक निवेश के लिए खुली रहेगी. कोटक एएमसी के एमडी नीलेश शाह ने कहा कि ग्रामीण भारत अब विकास का नया केंद्र बन चुका है.

By KumarVishwat Sen | November 6, 2025 8:00 PM

Kotak Mutual Fund: कोटक म्यूचुअल फंड ने ग्रामीण भारत की संभावनाओं पर बड़ा दांव लगाया है. उसने ग्रामीण भारत की ग्रोथ पोटेंशियल को पहचानते हुए कोटक रूरल अपॉर्च्यूनिटीज फंड लॉन्च किया है. यह एक ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम है, जो ग्रामीण और उससे जुड़े सेक्टर्स में निवेश पर फोकस करेगी. यह स्कीम 6 नवंबर 2025 से 20 नवंबर 2025 तक निवेशकों के लिए खुली रहेगी.

कोटक रूरल अपॉर्च्यूनिटीज फंड का क्या है उद्देश्य

इस फंड का मुख्य उद्देश्य निवेशकों की लंबी अवधि की दौलत में इजाफा करना है. यह उन कंपनियों में निवेश करेगा जो भारत के ग्रामीण विकास और परिवर्तन (रूरल ट्रांसफॉर्मेशन) से जुड़ी हैं या उससे लाभान्वित हो रही हैं. इसका बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी रूरल इंडेक्स टीआरआई होगा.

क्या कहते हैं कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट के एमडी

कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी (केएमएएमसी) के मैनेजिंग डायरेक्टर नीलेश शाह ने कहा, “ग्रामीण भारत अब केवल कृषि तक सीमित नहीं है. वित्तीय समावेशन, डिजिटल कनेक्टिविटी और स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग ने इसे भारत के विकास का नया मोर्चा बना दिया है.” उन्होंने कहा कि बढ़ती आय, सरकारी नीतियों और कंजम्पशन में वृद्धि ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी है. इस फंड के ज़रिए निवेशक इस परिवर्तन में भागीदार बन सकते हैं.

ग्रामीण भारत की आय, रोजगार और खपत में बड़ा बदलाव

पीएलएफएस, नाबार्ड और मॉर्गन स्टेनले की रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण भारत में अब लगभग 40% लोग खेती के अलावा दूसरे कार्यों में लगे हैं. 2018 के बाद से ग्रामीण महिलाओं की रोजगार भागीदारी लगभग दोगुनी हो चुकी है. इसके साथ ही ग्रामीण खर्च का 50% हिस्सा अब नॉन-फूड आइटम्स पर हो रहा है. यह दर्शाता है कि ग्रामीण क्षेत्र अब आर्थिक विकास के प्रमुख केंद्र बन चुके हैं.

फंड पोर्टफोलियो और चयन प्रक्रिया

फंड का पोर्टफोलियो उन कंपनियों पर आधारित होगा, जिनकी ग्रामीण क्षेत्रों से गहरी भागीदारी है. इसके लिए क्वालिटी, ग्रोथ और वैल्यूएशन के सख्त मानकों का पालन किया जाएगा. निवेशकों को एक डाइवर्सिफाइड और बैलेंस्ड पोर्टफोलियो मिलेगा, जिसे बाजार और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के नए अवसरों के अनुसार अपडेट किया जाएगा.

क्या कहते हैं फंड मैनेजर अर्जुन खन्ना

फंड मैनेजर अर्जुन खन्ना ने कहा, “हमारा नजरिया ग्रामीण थीम पर संरचनात्मक रूप से पॉजिटिव है. बढ़ती इनकम, इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार और वित्तीय पहुंच ने ग्रामीण भारत को नए ग्रोथ प्लेटफॉर्म पर खड़ा किया है.” उन्होंने बताया कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था अब कृषि, मैन्युफैक्चरिंग, कंस्ट्रक्शन, सर्विसेज और कंजम्पशन जैसे सेक्टर्स में तेजी से फैल रही है. फंड एक रिसर्च-बेस्ड और बॉटम-अप अप्रोच अपनाकर ऐसे व्यवसायों की पहचान करेगा, जो इस बदलाव से लाभ कमा रहे हैं.

इसे भी पढ़ें: एसबीआई फंड मैनेजमेंट का जल्द आएगा IPO, भारतीय स्टेट बैंक ने 6% हिस्सेदारी को दी मंजूरी

निवेश की शर्तें और एनएफओ की अवधि

यह स्कीम 6 नवंबर से 20 नवंबर 2025 तक खुली रहेगी.

  • न्यूनतम निवेश राशि (लम्पसम): 1,000 रुपये
  • एसआईपी निवेश की न्यूनतम राशि: 500 रुपये

इसके बाद निवेशक अपनी सुविधानुसार राशि बढ़ा सकते हैं.

इसे भी पढ़ें: SIP Investment Tips: एसआईपी से करना है धुआंधार कमाई, तो टॉप के ये 9 म्यूचुअल फंड हो सकते हैं बेहतर

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.