ट्रंप का टैरिफ भी नहीं रोक सकेगा भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार, अमेरिका को टेकने पडेंगे घुटने
India Economy: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से लगाए गए 50% टैरिफ के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार थमी नहीं है. मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने भरोसा जताया कि वित्त वर्ष 2025-26 में जीडीपी 6.3-6.8% की दर से बढ़ेगी. अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी 7.8% रही, जो उम्मीद से अधिक है. अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता जारी है और निकट भविष्य में समाधान की संभावना है. मजबूत घरेलू मांग और निर्यात क्षमता भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थिर बनाए हुए हैं.
India Economy: अमेरिका की ओर से भारत पर लगाए 50% का टैरिफ भी भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार को नहीं रोक पाएगा. बहुत जल्द ही अमेरिका को भारत के सामने घुटने टेकने पड़ेंगे. इसका कारण यह है कि भारत अगर अमेरिका में अपने सामानों का निर्यात करता है, तो अमेरिका के लिए भारत भी दुनिया में सबसे बड़ा बाजार है, जहां उसके सामानों की खपत होती है. टैरिफ की जोखिमों के बीच भारत का जीडीपी 6.3-6.8% की दर से बढ़ेगा.
6.3 से 6.8% की दर से बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था
मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने भारी-भरकम अमेरिकी टैरिफ की वजह से जोखिम पैदा होने के बीच शुक्रवार को भरोसा जताया कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.3 से 6.8% की दर से बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि घरेलू मांग मजबूत बनी हुई है, लेकिन अमेरिका में भारतीय उत्पादों पर 50% का आयात शुल्क लगाए जाने से वृद्धि अनुमान पर थोड़ी प्रतिकूलता आ सकती है.
अमेरिका से बातचीत जारी
वी अनंत नागेश्वरन का यह बयान वित्त वर्ष 2025-26 की अप्रैल-जून तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.8% रहने के आंकड़े सामने के बाद आया है. पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका की तरफ से लगाए गए भारी ट्रंप टैरिफ ‘अस्थायी’ ही साबित होंगे, क्योंकि दोनों देश जुर्माने के तौर पर लगाए गए 25% के टैरिफ को हटाने और उसके बाद द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर बातचीत कर रहे हैं.’’ उन्होंने कहा, “रूसी कच्चे तेल के संबंध में लगे अतिरिक्त टैरिफ को लेकर थोड़ी अनिश्चितता है, लेकिन सामान्य तौर पर अमेरिका के साथ बातचीत चल रही है और उम्मीद है कि हम निकट भविष्य में किसी प्रकार का समाधान देखेंगे.”
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भारतीय अर्थव्यवस्था का मजबूत प्रदर्शन
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि चालू वित्त वर्ष के लिए वृद्धि लक्ष्य, खासकर पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था के मजबूत प्रदर्शन को देखते हुए, 6.3-6.8% के दायरे में बना रहेगा.’’ अप्रैल-जून तिमाही में देश की जीडीपी 7.8% की दर से बढ़ी है जो रिजर्व बैंक के 6.5% अनुमान से कहीं अधिक है. उन्होंने कहा कि देश के जीडीपी वृद्धि अनुमान में बड़ी गिरावट की आशंका नहीं है. उन्होंने कहा कि शुल्क से जुड़े प्रभाव वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही तक सीमित रह सकते हैं.
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