बड़ी खबर! जीएसटी स्लैब में बदलाव के बाद क्या-क्या हुआ सस्ता? देखें पूरी लिस्ट

GST New Slab: जीएसटी 2.0 सुधारों में 12% और 28% स्लैब खत्म कर 5% और 18% मुख्य दरें लागू की गईं. अब ब्रेड, डेयरी उत्पाद, कपड़े, मोबाइल, टीवी, बाइक, कार, होटल रूम, जिम, सैलून और स्वास्थ्य बीमा जैसे कई सामान व सेवाएं सस्ती होंगी. 33 जीवन रक्षक दवाओं पर जीएसटी 5% और कई आवश्यक वस्तुओं पर 0% कर दिया गया है. इससे आम आदमी को राहत, खपत में बढ़ोतरी और उद्योगों को प्रतिस्पर्धात्मक लाभ मिलेगा, जबकि विलासिता व हानिकारक वस्तुओं पर 40% टैक्स जारी रहेगा.

By KumarVishwat Sen | September 4, 2025 5:44 PM

GST New Slab: भारत में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की शुरुआत 1 जुलाई 2017 को हुई थी, जिसने कई अप्रत्यक्ष करों को एकीकृत करके कर प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाने का प्रयास किया. जीएसटी ने विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं को 0%, 5%, 12%, 18%, और 28% के स्लैब में वर्गीकृत किया. 3 सितंबर 2025 को जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में टैक्स ढांचे में ऐतिहासिक बदलाव किए गए. इस बैठक में 12% और 28% के स्लैब को समाप्त कर दो मुख्य स्लैब (5% और 18%) लागू करने का निर्णय लिया गया. साथ ही कुछ वस्तुओं पर 0% और विलासिता एवं हानिकारक वस्तुओं पर 40% का विशेष स्लैब रखा गया. यह बदलाव 22 सितंबर 2025 से प्रभावी होगा. आइए,जानते हैं कि जीएसटी स्लैब में कमी से भारत में विभिन्न वस्तुओं के दामों पर पड़ने वाले प्रभाव का विश्लेषण किया गया है, जिसमें जीएसटी प्रतिशत में कमी और रुपये में मूल्य में कमी को शामिल किया गया है.

जीएसटी स्लैब में बदलाव उद्देश्य

जीएसटी काउंसिल ने टैक्स ढांचे को सरल बनाने और उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए 12% और 28% के स्लैब को समाप्त कर दिया. अब अधिकांश वस्तुएं 5% या 18% के स्लैब में आ गई हैं, जबकि आवश्यक वस्तुओं पर 0% और विलासिता और हानिकारक वस्तुओं (जैसे पान मसाला, तंबाकू, और लक्जरी वाहन) पर 40% का कर लागू होगा. इस बदलाव का उद्देश्य आम आदमी और मध्यम वर्ग को राहत देना, खपत को बढ़ावा देना और अर्थव्यवस्था को गति देना है.

जीएसटी स्लैब में कमी से इन वस्तुओं के घटेंगे दाम

जीएसटी स्लैब में कमी का प्रभाव विभिन्न क्षेत्रों जैसे खाद्य पदार्थ, वाहन, इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़ा, स्वास्थ्य, और रोजमर्रा की वस्तुओं पर देखा जा सकता है.

खाद्य पदार्थ: सभी प्रकार की ब्रेड (पराठा, रोटी, खाखरा, पिज्जा ब्रेड)

  • पहले का जीएसटी: 5%
  • नया जीएसटी: 0%
  • प्रभाव: सभी प्रकार की ब्रेड पर जीएसटी पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है. उदाहरण के लिए, यदि एक पैकेज्ड खाखरा की कीमत 100 रुपये थी, जिसमें 5 रुपये जीएसटी शामिल था. अब इसकी कीमत 95 रुपये होगी.
  • रुपये में कमी: प्रति पैकेज 5% की दर से खाखरा की कीमत में लगभग 5 रुपये की कटौती होगी.

पनीर, मक्खन, घी, और डेयरी स्प्रेड

  • पहले का जीएसटी: 12%
  • नया जीएसटी: 5%
  • प्रभाव: डेयरी उत्पादों की कीमत में 7% की कमी आएगी. उदाहरण के लिए, यदि 1 किलो पनीर की कीमत 400 रुपये थी, तो जीएसटी में कमी के बाद इसकी कीमत लगभग 372 रुपये होगी.
  • रुपये में कमी: प्रति किलो पनीर पर 28 रुपये की कमी

नमकीन और पैकेज्ड खाद्य पदार्थ

  • पहले का जीएसटी: 12%
  • नया जीएसटी: 5%
  • प्रभाव: नमकीन, चिप्स, और अन्य पैकेज्ड खाद्य पदार्थ सस्ते होंगे. उदाहरण के लिए, 100 रुपये के नमकीन के पैक पर जीएसटी 12 रुपये से घटकर 5 रुपये होगा.
  • रुपये में कमी: प्रति पैक 7 रुपये की कटौती (100 रुपये की कीमत पर).

2500 रुपये तक के कपड़े और फुटवेयर

  • पहले का जीएसटी: 12% (1000 रुपये से ऊपर के लिए)
  • नया जीएसटी: 5%
  • प्रभाव: 2500 रुपये तक के कपड़े और फुटवेयर पर जीएसटी 12% से घटकर 5% हो गया है. उदाहरण के लिए, 2000 रुपये की एक जोड़ी जूतों पर पहले 240 रुपये जीएसटी लगता था, जो अब 100 रुपये होगा.
  • रुपये में कमी: प्रति आइटम 140 रुपये की कटौती (2000 रुपये की कीमत पर).

मानव निर्मित फाइबर (MMF) और यार्न

  • पहले का जीएसटी: 18% (फाइबर) और 12% (यार्न)
  • नया जीएसटी: 5%
  • प्रभाव: कपड़ा उद्योग, विशेष रूप से MSME, को लाभ होगा, क्योंकि लागत में कमी से कपड़े सस्ते होंगे. उदाहरण के लिए, 1000 रुपये की साड़ी पर जीएसटी 180 रुपये से घटकर 50 रुपये होगा.
  • रुपये में कमी: प्रति आइटम 130 रुपये (1000 रुपये की कीमत पर).

छोटी कारें: 1200 सीसी पेट्रोल, 1500 सीसी डीजल, 4000 मिमी से कम

  • पहले का जीएसटी: 28% + 1-3% सेस
  • नया जीएसटी: 18% + 1-3% सेस
  • प्रभाव: छोटी कारों की ऑन-रोड कीमत में लगभग 10% की कमी आएगी. उदाहरण के लिए मारुति सुजुकी वैगन आर (7 लाख रुपये ऑन-रोड) की कीमत में लगभग 70,000 रुपये की कमी हो सकती है.
  • रुपये में कमी: 60,000 से 1,30,000 रुपये (कार की कीमत के आधार पर).

350 सीसी तक की मोटरसाइकिल

  • पहले का जीएसटी: 28%
  • नया जीएसटी: 18%
  • प्रभाव: बजाज और रॉयल एनफील्ड जैसी कंपनियों की बाइक की कीमत में 6-8% की कमी होगी. उदाहरण के लिए 2 लाख रुपये की बाइक पर जीएसटी 56,000 रुपये से घटकर 36,000 रुपये होगा.
  • रुपये में कमी: 20,000 रुपये (2 लाख रुपये की कीमत पर).

32 इंच तक के टीवी, एसी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन

  • पहले का जीएसटी: 28%
  • नया जीएसटी: 18%
  • प्रभाव: घरेलू उपकरणों की कीमत में 10% की कमी होगी. उदाहरण के लिए 50,000 रुपये के टीवी पर जीएसटी 14,000 रुपये से घटकर 9,000 रुपये होगा.
  • रुपये में कमी: 5,000 रुपये (50,000 रुपये की कीमत पर).

मोबाइल फोन

  • पहले का जीएसटी: 18%
  • नया जीएसटी: 5%
  • प्रभाव: मोबाइल फोन की कीमत में 13% की कमी होगी. उदाहरण के लिए, 20,000 रुपये के फोन पर जीएसटी 3,600 रुपये से घटकर 1,000 रुपये होगा.
  • रुपये में कमी: 2,600 रुपये (20,000 रुपये की कीमत पर).

33 जीवन रक्षक दवाएं

  • पहले का जीएसटी: 12%
  • नया जीएसटी: 5%
  • प्रभाव: जीवन रक्षक दवाओं की कीमत में कमी से मरीजों को राहत मिलेगी. उदाहरण के लिए 1,000 रुपये की दवा पर जीएसटी 120 रुपये से घटकर 50 रुपये होगा.
  • रुपये में कमी: 70 रुपये (1,000 रुपये की कीमत पर).

हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस (5 लाख तक)

  • पहले का जीएसटी: 18%
  • नया जीएसटी: 0%
  • प्रभाव: 5 लाख तक की हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी पर जीएसटी पूरी तरह समाप्त. उदाहरण के लिए 10,000 रुपये के प्रीमियम पर पहले 1,800 रुपये जीएसटी लगता था, जो अब शून्य होगा.
  • रुपये में कमी: 1,800 रुपये (10,000 रुपये के प्रीमियम पर).

टूथपेस्ट, शैंपू, साबुन, बालों का तेल

  • पहले का जीएसटी: 18%
  • नया जीएसटी: 5%
  • प्रभाव: व्यक्तिगत देखभाल उत्पाद सस्ते होंगे. उदाहरण के लिए 200 रुपये के शैंपू पर जीएसटी 36 रुपये से घटकर 10 रुपये होगा.
  • रुपये में कमी: 26 रुपये (200 रुपये की कीमत पर).

रसोई घर के बर्तन

  • पहले का जीएसटी: 12%
  • नया जीएसटी: 5%
  • प्रभाव: रसोई के बर्तनों की कीमत में कमी होगी. उदाहरण के लिए 1,000 रुपये के बर्तन सेट पर जीएसटी 120 रुपये से घटकर 50 रुपये होगा.
  • रुपये में कमी: 70 रुपये (1,000 रुपये की कीमत पर).

ट्रैक्टर, थ्रेसिंग मशीन, खाद बनाने की मशीन

  • पहले का जीएसटी: 12%
  • नया जीएसटी: 5%
  • प्रभाव: किसानों को सस्ते उपकरण उपलब्ध होंगे. उदाहरण के लिए 5 लाख रुपये के ट्रैक्टर पर जीएसटी 60,000 रुपये से घटकर 25,000 रुपये होगा.
  • रुपये में कमी: 35,000 रुपये (5 लाख रुपये की कीमत पर).

नवीकरणीय ऊर्जा उपकरण

  • पहले का जीएसटी: 12%
  • नया जीएसटी: 5%
  • प्रभाव: सौर पैनल और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा उपकरण सस्ते होंगे. उदाहरण के लिए 50,000 रुपये के सौर पैनल पर जीएसटी 6,000 रुपये से घटकर 2,500 रुपये होगा.
  • रुपये में कमी: 3,500 रुपये (50,000 रुपये की कीमत पर).

7,500 रुपये तक होटल के कमरे

  • पहले का जीएसटी: 12%
  • नया जीएसटी: 5%
  • प्रभाव: होटल में ठहरना सस्ता होगा, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. उदाहरण के लिए 5,000 रुपये के कमरे पर जीएसटी 600 रुपये से घटकर 250 रुपये होगा.
  • रुपये में कमी: 350 रुपये (5,000 रुपये की कीमत पर).

जिम, सैलून, योग केंद्र

  • पहले का जीएसटी: 18%
  • नया जीएसटी: 5%
  • प्रभाव: व्यक्तिगत स्वास्थ्य सेवाएं सस्ती होंगी. उदाहरण के लिए 1,000 रुपये की जिम सदस्यता पर जीएसटी 180 रुपये से घटकर 50 रुपये होगा.
  • रुपये में कमी: 130 रुपये (1,000 रुपये की कीमत पर).

आर्थिक और सामाजिक प्रभाव

  • उपभोक्ता राहत: जीएसटी स्लैब में कमी से आम आदमी और मध्यम वर्ग को डिस्पोजेबल आय में वृद्धि होगी, जिससे खपत बढ़ेगी. यह विशेष रूप से दैनिक उपयोग की वस्तुओं जैसे खाद्य पदार्थ, व्यक्तिगत देखभाल उत्पाद, और स्वास्थ्य सेवाओं पर लागू है.
  • उद्योग लाभ: कपड़ा, ऑटोमोटिव, और आतिथ्य जैसे क्षेत्रों में लागत में कमी से प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी. MSME को विशेष रूप से लाभ होगा, क्योंकि इनवर्जन और कार्यशील पूंजी की समस्याएं कम होंगी.
  • कृषि और पर्यावरण: कृषि उपकरणों और नवीकरणीय ऊर्जा उपकरणों पर जीएसटी में कमी से किसानों और पर्यावरणीय पहलों को बढ़ावा मिलेगा.
  • राजस्व चिंताएं: विपक्षी राज्यों ने चिंता जताई है कि जीएसटी स्लैब में कमी से राजस्व में 15-20% की कमी (1.5-2 लाख करोड़ रुपये) हो सकती है. केंद्र सरकार ने राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए 5 साल तक क्षतिपूर्ति देने का प्रस्ताव रखा है.

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उपभोक्ताओं को व्यापक लाभ

जीएसटी स्लैब में कमी से भारत में उपभोक्ताओं और उद्योगों को व्यापक राहत मिलेगी. खाद्य पदार्थ, कपड़ा, वाहन, इलेक्ट्रॉनिक्स, स्वास्थ्य, और आतिथ्य जैसे क्षेत्रों में कीमतों में उल्लेखनीय कमी होगी, जिससे आम आदमी की क्रय शक्ति बढ़ेगी. हालांकि, राजस्व में कमी की चिंताओं को संबोधित करने के लिए केंद्र और राज्यों के बीच समन्वय आवश्यक है. यह सुधार न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा, बल्कि कर प्रणाली को और अधिक पारदर्शी और उपभोक्ता-अनुकूल बनाएगा.

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