Gold Price: लो! फिर फिसल गया सोना, चांदी मचा रही धमाल

Gold Price: दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 300 रुपये टूटकर 1,32,600 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गई, जबकि चांदी 1,500 रुपये उछलकर 1,85,000 रुपये प्रति किलोग्राम पहुंच गई. कमजोर स्थानीय मांग, वैश्विक उतार-चढ़ाव और फेडरल रिजर्व की बैठक से पहले निवेशकों की सतर्कता का असर सोने पर दिखा. वहीं, औद्योगिक मांग बढ़ने से चांदी लगातार दूसरे दिन भी मजबूत बनी रही. बाजार निकट भविष्य में उतार-चढ़ाव भरा रह सकता है.

By KumarVishwat Sen | December 8, 2025 7:38 PM

Gold Price: दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोमवार 8 दिसंबर 2025 को सोने की कीमत एक बार फिर नीचे फिसल गई. अखिल भारतीय सर्राफा संघ की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, दिल्ली के सर्राफा बाजार में 99.9% शुद्धता वाला सोना 300 रुपये टूटकर 1,32,600 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया. इससे पहले शुक्रवार को इसकी कीमत 1,32,900 रुपये प्रति 10 ग्राम थी. स्थानीय बाजारों में मांग कमजोर रहने से सोने की कीमतों पर दबाव देखने को मिला. खुदरा खरीद कम होने और निवेशकों द्वारा सतर्क रुख अपनाए जाने से भाव सीमित दायरे में बने हुए हैं.

चांदी ने दिखाया कमाल

जहां सोने की चमक थोड़ी फीकी पड़ी, वहीं चांदी ने बाजार में धमाल मचा दिया. चांदी की कीमतें 1,500 रुपये की बड़ी छलांग के साथ 1,85,000 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी कर मिलाकर) पर पहुंच गईं. यह लगातार दूसरे दिन की बढ़त है. पिछले सत्र में चांदी 1,83,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी. औद्योगिक मांग और निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी चांदी की तेजी का प्रमुख कारण मानी जा रही है.

वैश्विक बाजार में मिला मिश्रित संकेत

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हाजिर सोना शुरुआती कमजोरी के बाद हल्की बढ़त के साथ 0.18% चढ़कर 4,205.26 डॉलर प्रति औंस हो गया. मिराए एसेट शेयरखान के जिंस प्रमुख प्रवीण सिंह के अनुसार, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की 10 दिसंबर की नीतिगत बैठक से पहले सोने में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला. बाजार में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि फेड ब्याज दरों पर अपने रुख में बदलाव कर सकता है, जिससे निवेशकों की रणनीति प्रभावित हो रही है.

निवेशकों का रुख और बाजार की दिशा

चांदी की मजबूत तेजी और सोने की सीमित गिरावट के बीच निवेशकों का रुख मिला-जुला है. पीएल वेल्थ मैनेजमेंट के सीईओ इंदरबीर सिंह जॉली का मानना है कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता की स्थिति में सोना अब भी एक भरोसेमंद संपत्ति वर्ग बना हुआ है. भू-राजनीतिक तनाव, महंगाई और ब्याज दरों को लेकर संशय सोने को लंबे समय में मजबूत समर्थन प्रदान कर सकते हैं.

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क्या आगे भी ऐसे ही रहेगा रुझान?

विश्लेषकों का कहना है कि आने वाले दिनों में सोने और चांदी के भाव फेडरल रिजर्व की नीति, डॉलर की मजबूती, कच्चे तेल के दाम और वैश्विक आर्थिक संकेतकों पर निर्भर करेंगे. फिलहाल, चांदी की औद्योगिक मांग बनी रहने की उम्मीद है, जबकि सोने में हल्की गिरावट के बावजूद निवेशकों का विश्वास बरकरार है. भारतीय बाजार में दोनों धातुओं की कीमतें निकट भविष्य में उतार-चढ़ाव के साथ दायरे में रह सकती हैं.

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