फूड आइटम्स पर अब न्यूट्रिशन लेवल वाला सिम्बल लगाना जरूरी कर सकता है FSSAI

मामले से संबंधित लोगों ने बताया कि भारत का खाद्य नियामक पैकेट बंद वस्तुओं पर फ्रंट पर नई लेबलिंग की शुरुआत कर सकता है, जो उपभोक्ताओं को खाद्य पदार्थों में मिलाए गए पोषण तत्वों के बारे में बताएगा. खाद्य नियामक पारिस्थितिकी तंत्र के लिए कई सुधार पाइपलाइन में हैं और यह उन सुधारों में से एक है.

By KumarVishwat Sen | February 20, 2023 12:11 PM

नई दिल्ली : भारत में पैकेट बंद खाद्य पदार्थों का निर्माण करने वाली कंपनियों को अब अपने उत्पादों पर न्यूट्रिशन लेवल वाला सिम्बल दर्शाना आवश्यक होगा. मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, एफएसएसएआई (भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण) खाद्य पदार्थों के पैक पर पोषक तत्वों वाला लेवल लगाना अनिवार्य कर सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनियों को खाद्य पदार्थों के 100 ग्राम या 100 एमएल के पैकेट पर ऊर्जा, संतृप्त वसा, कुल चीनी, सोडियम और आवश्यक पोषक तत्वों की मात्रा को दर्शाना आवश्यक होगा.

खाद्य पदार्थों के पैक पर नई लेबलिंग

अंग्रेजी के समाचार पत्र हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, मामले से संबंधित लोगों ने बताया कि भारत का खाद्य नियामक पैकेट बंद वस्तुओं पर फ्रंट पर नई लेबलिंग की शुरुआत कर सकता है, जो उपभोक्ताओं को खाद्य पदार्थों में मिलाए गए पोषण तत्वों के बारे में बताएगा. एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि खाद्य नियामक पारिस्थितिकी तंत्र के लिए कई सुधार पाइपलाइन में हैं और यह उन सुधारों में से एक है. खाद्य नियामक ने पिछले साल इसी तर्ज पर चर्चा शुरू की थी और बाजार में बिकने वाले पैकेटबंद खाद्य पदार्थों के लिए उनकी समग्र पोषण स्थिति के आधार पर भारतीय पोषण रेटिंग का भी प्रस्ताव रखा था.

13 सितंबर 2022 को अधिसूचना जारी

मामले से जुड़े अधिकारी ने बताया कि एफएसएसएआई ने 13 सितंबर 2022 को एफएसएस (लेबलिंग और डिस्प्ले) संशोधन विनियम 2022 को अधिसूचित किया है, जिसमें भारतीय पोषण रेटिंग को सूचित भोजन विकल्प बनाने के लिए फ्रंट ऑफ पैक लेबलिंग के प्रारूप के रूप में प्रस्तावित किया गया है. इस मामले में 18 नवंबर, 2022 तक सर्वधारण को टिप्पणी देनी थी. अब प्राप्त टिप्पणियों पर विचार किया जा रहा है. अधिकारी ने कहा कि पैक के फ्रंट पर पोषण संबंधी लेबलिंग को कुछ पश्चिमी देशों में पहले ही लागू किया जा चुका है और उपभोक्ताओं को एक सूचित विकल्प बनाने में मदद करने में प्रभावी पाया गया है.

Also Read: नेस्ले इंडिया ने कानून का उल्लंघन किया : एफएसएसएआई
एनआईएन ने किया अध्ययन

हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय पोषण संस्थान (एनआईएन) ने हाल ही में एक अध्ययन से निष्कर्ष निकाला है कि संस्थान ने सूचित भोजन विकल्पों को बढ़ावा देने में पोषण लेबल के विभिन्न प्रारूपों की स्वीकार्यता और संभावित उपयोग पर आयोजित किया. एनआईएन ने अपने अध्ययन के परिणामों पर जारी एक बयान में कहा कि अध्ययन से पता चलता है कि चेतावनी लेबल मामूली अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थों की पसंद और खपत को रोक सकते हैं, जबकि हेल्थ स्टार या न्यूट्रीस्कोर जैसी रेटिंग उपलब्ध खाद्य पदार्थों के बीच स्वास्थ्य संबंधी पदार्थों की पहचान करने में मदद कर सकती है.

Next Article

Exit mobile version