Byju’s Crisis: बायजू के संस्थापक रवीन्द्रन की बढ़ी परेशानी, ईडी ने जारी किया लुक आउट नोटिस

Byju's Crisis: ईडी ने आरोप लगाया गया है कि थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड ने भारत के विदेशी मुद्रा कानून का उल्लंघन किया है और सरकारी खजाने को ₹9,362 करोड़ से अधिक का नुकसान पहुंचाया है.

By Madhuresh Narayan | February 23, 2024 4:16 PM

Byju’s Crisis: भारतीय स्टॉर्ट अप और शिक्षा-प्रौद्योगिकी मंच के संस्थापक बायजू रवीन्द्रन (Byju’s Founder Raveendran) पर संकट के बादल गहराते जा रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने फर्म के खिलाफ अपनी विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) जांच को लेकर बायजू रवींद्रन के खिलाफ अपने लुकआउट सर्कुलर जारी किया है. पहले जारी सर्कुलर में रवींद्रन की किसी भी विदेश यात्रा के बारे में संबंधित अधिकारियों को सूचित करना था. मगर अब उन्हें देश छोड़ने से रोका जा सकता है. ईडी ने आरोप लगाया गया है कि थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड ने भारत के विदेशी मुद्रा कानून का उल्लंघन किया है और सरकारी खजाने को ₹9,362 करोड़ से अधिक का नुकसान पहुंचाया है. जांच एजेंसी इसे लेकर पिछले साल नवंबर में एक बयान जारी किया था. इसमें कहा गया था कि मामले की जांच के दौरान खामियों पर रविंद्रन से सफाई और संबंधित दस्तावेज जमा करने के लिए कहा गया था, जिसमें वो विफल रहे.

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कर्नाटक उच्च न्यायालय से मिला झटका

इससे पहले, बुधवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बायजू के कुछ निवेशकों की तरफ से बुलायी गयी असाधारण आम बैठक (ईजीएम) पर रोक लगाने से बुधवार को इनकार कर दिया. यह बैठक सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) बायजू रवीन्द्रन और उनके परिवार के सदस्यों को महत्वपूर्ण पदों से हटाने के प्रस्ताव पर मतदान के लिए बुलायी गयी है. बायजू का संचालन करने वाली थिंक एंड लर्न प्राइवेट लि. ने कर्नाटक उच्च न्यायालय में अर्जी देकर ईजीएम पर रोक लगाने का अनुरोध किया था. लेकिन अदालत ने केवल अंतरिम राहत दी है. उसने कहा कि शुक्रवार को ईजीएम की बैठक में पारित प्रस्ताव को मामले में अगली सुनवाई तक लागू नहीं किया जाएगा.

कोर्ट ने क्या कहा

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता ने कहा है कि असाधारण आम बैठक (ईजीएम) बुलाने की शर्तों का पालन नहीं किया गया है और कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 100 (3) के तहत इस संदर्भ में कोई नोटिस जारी नहीं किया गया है. आदेश के अनुसार, संबंधित कंपनी के शेयरधारकों की 23 फरवरी, 2024 को होने वाली ईजीएम में लिया गया कोई भी निर्णय सुनवाई की अगली तारीख तक प्रभावी नहीं होगा.

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