1 जनवरी से कटने लगेंगे आपके अकाउंट से पैसे? Airtel समेत इन बैंकों ने लागू किए नए नियम, अभी चेक करें लिस्ट

Banking and Digital Payment Rule: देश के बैंकिंग और डिजिटल पेमेंट सिस्टम में नया साल आम उपभोक्ताओं के लिए महंगा साबित होने वाला है. मुफ्त सुविधाओं का दायरा सिमट रहा है और एटीएम, क्रेडिट कार्ड व डिजिटल वॉलेट से जुड़े कई नए चार्ज लागू होने जा रहे हैं, जिनका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा.

By Anshuman Parashar | December 19, 2025 9:54 AM

Banking and Digital Payment Rule: देश के बैंकिंग और डिजिटल पेमेंट सेक्टर में एक बड़ा बदलाव आने वाला है. बैंक अब अपनी मुफ्त सेवाओं को सीमित कर रहे हैं और विभिन्न सुविधाओं पर लगने वाले शुल्कों में इज़ाफा किया जा रहा है. एटीएम से पैसे निकालने से लेकर क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल तक, ग्राहकों को अब हर कदम पर अतिरिक्त भुगतान करना पड़ सकता है. आने वाले साल में आईसीआईसीआई (ICICI) बैंक और एयरटेल पेमेंट बैंक जैसे बड़े संस्थान नए सर्विस चार्ज लागू करने की तैयारी में हैं.

ICICI बैंक क्रेडिट कार्ड और वॉलेट ट्रांजैक्शन होंगे महंगे

प्राइवेट सेक्टर के प्रमुख बैंक, ICICI ने अपनी चार्ज लिस्ट को अपडेट किया है, जो 15 जनवरी 2026 से प्रभावी होगी. अब यदि आप अपने क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल गेमिंग ऐप्स पर करेंगे, तो आपको ट्रांजैक्शन वैल्यू का 2% शुल्क देना होगा. इसके अलावा, थर्ड-पार्टी वॉलेट जैसे पेटीएम या मोबिक्विक में 5,000 रुपये से अधिक की राशि लोड करने पर 1% का अतिरिक्त भार पड़ेगा. बैंक ने ब्रांच में जाकर नकद बिल जमा करने की फीस भी 100 रुपये से बढ़ाकर 150 रुपये कर दी है.

मनोरंजन और रिवॉर्ड पॉइंट्स की शर्तों में सख्ती

सिनेमा के शौकीनों के लिए भी बुरी खबर है. 1 फरवरी 2026 से बुकमाईशो (BookMyShow) के जरिए मिलने वाले मुफ्त फिल्म ऑफर बंद या सीमित कर दिए जाएंगे. अब फ्री मूवी टिकट का लाभ केवल उन ग्राहकों को मिलेगा जिन्होंने पिछली तिमाही में कम से कम 25,000 रुपये खर्च किए होंगे. इतना ही नहीं, रूबिक्स और सैफिरो जैसे प्रीमियम कार्ड्स पर रिवॉर्ड पॉइंट्स हासिल करने के लिए अब हर महीने न्यूनतम 20,000 रुपये की खरीदारी करना अनिवार्य कर दिया गया है.

एयरटेल पेमेंट बैंक वॉलेट रखने के लिए देना होगा सालाना चार्ज

डिजिटल वॉलेट का इस्तेमाल अब मुफ्त नहीं रहा। एयरटेल पेमेंट बैंक ने 1 जनवरी से अपने वॉलेट यूजर्स पर 75 रुपये (प्लस जीएसटी) का ‘एनुअल मेंटेनेंस चार्ज’ लगाने का फैसला किया है. यदि किसी यूजर के वॉलेट में पर्याप्त बैलेंस नहीं है, तो बैंक मौजूदा बैलेंस काट लेगा और शेष राशि भविष्य में पैसे जमा होने पर स्वत ही डेबिट हो जाएगी. यह कदम डिजिटल वॉलेट बाजार में बदलते ट्रेंड को दर्शाता है जहाँ अब मेंटेनेंस के नाम पर वसूली शुरू हो गई है.

डिजिटल वॉलेट का बदलता स्वरूप मुफ्त सेवाओं का अंत

भारत में डिजिटल वॉलेट का सफर 2004 में ऑक्सीजन वॉलेट से शुरू होकर 2010 में PAYTM के साथ परवान चढ़ा. शुरुआत में ये सेवाएं पूरी तरह मुफ्त थीं, लेकिन अब परिदृश्य बदल चुका है. 2021 से मोबिक्विक ने इनएक्टिव वॉलेट पर चार्ज लगाना शुरू किया, जिसके बाद अन्य कंपनियों ने भी KYC और कार्ड से पैसे लोड करने पर 1.5% तक का सर्विस चार्ज वसूलना शुरू कर दिया है. यह इस बात का संकेत है कि अब डिजिटल ट्रांजैक्शन की लागत उपभोक्ताओं को ही उठानी होगी.

ग्रामीण बैंकों का कायाकल्प एक राष्ट्र, एक पहचान

ग्रामीण बैंकिंग को सशक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है. अब देश के सभी 28 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRBs) की पहचान एक ही होगी. वित्त मंत्रालय और नाबार्ड ने मिलकर इन बैंकों के लिए एक नया ‘एकीकृत लोगो’ जारी किया है. इस लोगो में तीन स्तरों वाली एक ऊपर उठती हुई लौ दिखाई गई है, जो विकास, ज्ञान और ग्रामीण सशक्तीकरण का प्रतीक है. इसमें मौजूद हाथ का चिन्ह ग्राहकों के संरक्षण और भरोसे को दर्शाता है.

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