आपके गोल्ड पर न टैक्स लगेगा, न होगा जब्त, पढें कैसे
नयी दिल्ली : सरकार ने हाल ही में लोकसभा से पारित आयकर संशोधन विधेयक से लोगों के बीच उभरे भ्रम को दूर करते हुए स्पष्ट किया है कि पुश्तैनी आभूषण और सोना पर कोई कर नहीं लगेगा. इसके साथ ही घोषित आय या कृषि आय से खरीदे गये सोने पर भी कोई कर नहीं लगाया […]
नयी दिल्ली : सरकार ने हाल ही में लोकसभा से पारित आयकर संशोधन विधेयक से लोगों के बीच उभरे भ्रम को दूर करते हुए स्पष्ट किया है कि पुश्तैनी आभूषण और सोना पर कोई कर नहीं लगेगा. इसके साथ ही घोषित आय या कृषि आय से खरीदे गये सोने पर भी कोई कर नहीं लगाया जायेगा. जांच के दौरान घरों में रखे गये सोना की सीमा के बारे में पहले से तय नियमों को भी सरकार ने स्पष्ट किया है. लोकसभा ने इस सप्ताह की शुरुआत में कराधान कानून (दूसरा संशोधन) विधेयक को पारित किया था. इसमें कर अधिकारियों द्वारा तलाशी और जब्ती के दौरान खोजी गयी अघोषित संपत्ति पर 85 प्रतिशत कर और जुर्माने का प्रावधान है. सीबीडीटी ने कहा कि सरकार ने आभूषण पर कर लगाने के संदर्भ में कोई नया प्रावधान नहीं जोड़ा है. ‘घोषित आय या कृषि आय जैसी छूट प्राप्त आय अथवा उपयुक्त घरेलू बचत अथवा विरासत में मिले आभूषण या सोना, जिसके बारे में आय स्रोत की जानकारी है, की खरीद पर न तो मौजूदा प्रावधान और न ही प्रस्तावित संशोधित प्रावधानों के तहत कर लगाया जायेगा.’
विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि आयकर विभाग द्वारा तलाशी अभियान के दौरान अगर विवाहित महिला के पास 500 ग्राम, प्रत्येक अविवाहित महिला के पास 250 ग्राम तथा परिवार के प्रत्येक पुरुष के पास यदि 100 ग्राम सोना और गहने पाये जाते हैं, तो उसकी जब्ती नहीं होगी. सीबीडीटी ने स्पष्ट किया है कि किसी भी सीमा तक कानूनी रूप से वैध आभूषणों को रखने पर कोई कर नहीं लगेगा और यह पूरी तरह सुरक्षित है.
केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि सोने को लेकर आइटी ऐक्ट में कोई नया संशोधन नहीं गिया गया है, कुछ तत्व गैर जरूरी कन्फ्यूजन पैदा कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘अगर सोना पैतृक है और लंबे समय से आपके पास है, तो किसी सफाई की जरूरत नहीं है. स्त्रीधन पर कोई स्पष्टीकरण नहीं देना होगा.’
विधेयक फिलहाल राज्यसभा में विचाराधीन है. इसमें आयकर कानून की धारा 115 बीबीइ में संशोधन का प्रस्ताव किया है जिसके तहत कालाधन रखने वालों पर 60 प्रतिशत की दर से कर तथा 25 प्रतिशत अधिभार (कुल 75 प्रतिशत) लगेगा. इसमें एक और प्रावधान शामिल किया गया है जिसके तहत आयकर अधिकारी को अगर लगता है कि अघोषित आय कालाधन है तब वह 10 प्रतिशत अतिरिक्त जुर्माना लगा सकता है. इस प्रकार, कुल शुल्क 85 प्रतिशत होगा.
सीबीडीटी ने कहा, ‘धारा 115 बीबीइ के तहत कर की दर अघोषित आय पर ही बढ़ाने का प्रस्ताव है, क्योंकि ऐसी रिपोर्ट है कि कर चूककर्ता अपनी अघोषित आय को व्यापार आय के रूप में आय रिटर्न या अन्य स्रोत से आय दिखाने की कोशिश में लगे हैं. धारा 115बीबीइ के प्रावधान मुख्य रूप से उन मामलों में लागू होंगे, जहां संपत्ति या नकद आदि को अघोषित नकद या संपत्ति घोषित की जाती है या इसे अप्रामाणिक व्यापार आय के रूप में छिपा कर रखा जाता है और आयकर अधिकारी इसका पता लगाता है.
विधेयक में तलाशी और जब्ती मामलों में आयकर कानून के तहत जुर्माना तीन गुना बढ़ा कर 30 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है, जो फिलहाल 10 या 20 प्रतिशत है. इस कदम का मकसद कालाधन रखने वालों को हतोत्साहित करना है. सरकार ने धारा 271एएबी में संशोधन का प्रस्ताव करते हुए अन्य मामलों में 60 प्रतिशत जुर्माने का प्रावधान बरकरार रखने का फैसला किया है. इससे कर प्रभाव तथा जुर्माना 90 प्रतिशत बनता है.
आधार से लेन-देन की तैयारी में सरकार
नोटबंदी के फैसले के बाद कैशलेस अर्थव्यवस्था की दिशा में सरकार एक और अहम कदम उठाने पर विचार कर रही है. यह कदम है 12 नंबर वाले आधार कार्ड के जरिये हर तरह के भुगतान को मुमकिन बनाना. अगर ऐसा होता है तो आधार कार्ड सभी तरह के डेबिट या क्रेडिट कार्ड को चलन से बाहर कर देगा. नीति आयोग डिजिटल भुगतान को लेकर कई कदम उठा रहा है. इसके तहत जल्द ही नकद भुगतान को हतोत्साहित करने के लिए नीति बनायी जा सकती है. यूआइडी के डीजी अजय पांडे ने कहा, ‘आधार से जुड़े लेन -देन कार्डरहित और पिनरहित होंगे. इसकी मदद से एंड्रॉयड मोबाइल फोन का इस्तेमाल करनेवाले अपने आधार नंबर और फिंगरप्रिंट के जरिये डिजिटल लेन-देन कर सकेंगे.’ नीति आयोग के सीइओ अमिताभ कांत ने कहा, ‘हम मोबाइल बनाने वाली कंपनियों से कह रहे हैं कि देश में जो भी मोबाइल फोन बनाये जा रहे हैं, उनमें इरिस या अंगूठे के जरिये पहचान वाला सिस्टम जुड़ा हो ताकि आधार कार्ड के जरिये लेन -देन को कामयाब बनाया जा सके.’ कांत ने यह भी कहा कि आधार लेन – देन के अलावा सरकार नकद लेन – देन को हतोत्साहित करने की दिशा में भी अहम कदम उठा रही है. नकद लेन – देन को जहां महंगा बनाया जायेगा, वहीं डिजिटल पेमेंट करने वालों को इंसेंटिव देने जैसे कदम भी उठाये जा सकते हैं.
न टैक्स लगेगा, न जब्त होगा, यदि…
सोना या गहना घोषित आय से खरीदा गया हो
छूट के दायरे में आनेवाली खेती की आय से खरीदा गया हो
पुश्तैनी सोना या गहना हो, जिस पर कानूनन आपका हक हो
घरेलू बचत या ऐसी आमदनी से खरीदा गया हो, जिसका हिसाब आपके पास हो
किसी भी सीमा तक कानूनी रूप से वैध सीमा तक सोना रखने पर कोई प्रतिबंध नहीं
… तो परेशानी किसे
जिसने आठ नवंबर के बाद काला धन छुपाने के लिए सोना खरीदा या अघोषित आय को सोने में निवेश किया. बताना होगा खरीद की रकम का स्रोत
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