वैश्विक आर्थिक हालात गंभीर और चिंताजनक : अरुण जेटली

न्यूयार्क : वैश्विक आर्थिक हालात गंभीर और चिंताजनक है जिसके कारण विभिन्न देश अपनी प्रणालियों के लिए सुरक्षात्मक उपाय कर रहे हैं ताकि अपने-आपको नरमी के बचाया जा सके और अपनी सीमा में वृद्धि दर्ज की जा सके. यह बात वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कही. जेटली ने एशिया सोसायटी में कहा, ‘यदि आप मुझसे […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 19, 2016 2:37 PM

न्यूयार्क : वैश्विक आर्थिक हालात गंभीर और चिंताजनक है जिसके कारण विभिन्न देश अपनी प्रणालियों के लिए सुरक्षात्मक उपाय कर रहे हैं ताकि अपने-आपको नरमी के बचाया जा सके और अपनी सीमा में वृद्धि दर्ज की जा सके. यह बात वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कही. जेटली ने एशिया सोसायटी में कहा, ‘यदि आप मुझसे पूछें कि वैश्विक स्थिति कैसी है तो मुझे लगता है कि यह गंभीर और चिंताजनक है. अगले दो-एक साल में कैसी स्थिति होगी. इसके बारे में मुझे नहीं लगता है कि कोई भी उल्लेखनीय अंदाजा लगाने में कामयाब हुआ है.’

उनसे यह पूछा गया था कि अगले दो-एक साल में वैश्विक अर्थव्यवस्था के बारे में उनका क्या अनुमान है. उन्होंने कहा कि वैश्विक आर्थिक हालात की चुनौतियों को देखते हुए विभिन्न देशों की आकांक्षा का स्तर ऐसा है कि मौजूदा हालात में एक-दो प्रतिशत आर्थिक वृद्धि को अच्छी वृद्धि माना जाता है. जेटली ने कहा, ‘वैश्विक स्थिति चुनौतीपूर्ण है. वैश्विक कारकों ने भारत को भी प्रभावित किया है और वे विशेष तौर पर निर्यात के लिहाज से हमें प्रभावित कर रहे हैं.’

उन्होंने कहा कि चीन उल्लेखनीय रूप से आशावादी है क्योंकि पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रही. उन्होंने कहा कि शेष दुनिया की तरह चीन की भी अपनी चुनौतियां हैं क्योंकि चीन में बदलाव हो रहा है. वे अब घरेलू खपत और सेवा पर ज्यादा जोर दे रहे हैं. जेटली ने कहा कि विश्व का हर क्षेत्र अपनी सीमाओं में बेहतरीन प्रदर्शन करने की कोशिश कर रहा है.

उन्होंने कहा, ‘कम जिंस मूल्य से कुछ लोग प्रभावित हुए हैं और कुछ को मदद मिली है. कच्चे तेल में नरमी से कुछ लोगों को मदद मिली है जबकि कुछ प्रभावित हुए हैं. हर कोई अपनी प्रणालियों के ईद-गिर्द सुरक्षा दीवार खडी करने की कोशिश कर रहा है ताकि नरमी से अपने-आपको बचाने के लिए उन सीमाओं में कितना अच्छा प्रदर्शन कर सकते है जिनका निर्माण विश्व ने किया है.’ जेटली ने पिछले सप्ताह वाशिंगटन में विश्वबैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की सालाना बैठक में हिस्सा लिया.

उन्होंने यहां कल सीआईआई और एशिया सोसायटी पालिसी इंस्टीच्यूट द्वारा आयोजित एक गोष्ठी में आर्थिक विशेषज्ञों, विश्लेषकों और कारोबारी कार्यकारियों को संबोधित किया. वह शहर में अपने प्रवास के दौरान निवेशकों तथा शीर्ष उद्यमियों से भी मिलेंगे और संयुक्त राष्ट्र को संबोधित करेंगे.

संरक्षणवाद के संबंध में जेटली ने कहा, ‘मैं आपको बता सकता हूं कि विकासशील अर्थव्यवस्थाएं यदि संरक्षणवादी हों तो यह उससे कम चिंता की बात है जो आप सबसे विकसित देशों में संरक्षणवाद का शोर-शराबा सुनते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘व्यापार ऐसा क्षेत्र है जिसमें हर देश अपने हित देखता है और इसकी स्वतंत्रता हम एक दूसरे को देते हैं.’

यह पूछने पर कि क्या भारत का हित प्रतिस्पर्धी होने की दिशा में प्रशांत-पारीय भागीदारी और एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपेक) जैसे व्यापार समझौतों से जुडने में है, जेटली ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मंच से जुडी हर अर्थव्यवस्था अपने हितों के बारे में जागरुक होगी लेकिन भारत में व्यापार को लेकर रुख में बहुत बदलाव हुआ है. उन्होंने कहा कि भारत अन्य देशों के साथ व्यापार के संबंध में अनिश्चित रुख से अब आगे बढ गया है और वैश्विक मंच पर अब ज्यादा आत्मविश्वासी है.

Next Article

Exit mobile version