कैबिनेट बैठक: रेल प्रोजेक्ट के लिए राज्यों के साथ संयुक्त उद्यम को सरकार की हरी झंडी

नयी दिल्ली : केन्द्र सरकार की कैबिनेट बैठक में आज कई महत्वपूर्ण फैसले लिये गये. बैठक में इस्पात व सीमेंट क्षेत्र को कोयला की आपूर्ति नीलामी के जरिये करने का निर्णय लिया गया. वहीं सरकार ने रेल परियोजनों के लिए राज्यों के साथ संयुक्त उद्यम को सरकार की हरी झंडी दे दी. रेल परियोजनों के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 3, 2016 5:37 PM

नयी दिल्ली : केन्द्र सरकार की कैबिनेट बैठक में आज कई महत्वपूर्ण फैसले लिये गये. बैठक में इस्पात व सीमेंट क्षेत्र को कोयला की आपूर्ति नीलामी के जरिये करने का निर्णय लिया गया. वहीं सरकार ने रेल परियोजनों के लिए राज्यों के साथ संयुक्त उद्यम को सरकार की हरी झंडी दे दी.

रेल परियोजनों के लिए राज्यों के साथ संयुक्त उद्यम को सरकार की हरी झंडी
राज्यों की अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज रेलवे को राज्य सरकारों के साथ संयुक्त उद्यम कंपनियों के गठन की अनुमति दे दी. इसका मकसद रेल परियोजनाओं के तेजी से क्रियान्वयन के लिए संसाधन जुटाना है. विभिन्न राज्यों में रेल लाइनों की बढ़ती मांग तथा उनके क्रियान्वयन के लिए भारी धन की जरुरत को देखते हुए संयुक्त उद्यम कंपनियां परियोजनाओं की पहचान, भूमि अधिग्रहण और सरकार के वित्तपोषण के अतिरिक्त संभावित वित्तपोषण तथा निगरानी के लिए जिम्मेदार होंगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में संयुक्त उद्यम कंपनियों के गठन का फैसला किया गया.
इसमें रेलवे और संबंधित राज्य सरकारों की इक्विटी भागीदारी होगी. एक बयान में कहा गया है कि प्रत्येक संयुक्त उद्यम की शुरआती चुकता पूंजी करीब 100 करोड रुपये होगी. यह परियोजनाओं के हिसाब से होगी. प्रत्येक राज्य के लिए रेलवे की शुरुआती चुकता पूंजी 50 करोड रुपये होगी. बयान में कहा गया है कि इसमें और धन या इक्विटी परियोजना की मंजूरी के बाद डाली जाएगी. संयुक्त किसी परियोजना विशेष के लिए भी विशेष इकाई बना सकता है.
इसमें अन्य शेयरधारकों मसलन बैंकों, बंदरगाहों, सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम और खनन कंपनियों की इक्विटी हिस्सेदारी हो सकती है. संयुक्त उद्यम प्रक्रिया से रेल परियोजनाओं के क्रियान्वयन में राज्य सरकारों की अधिक भागीदारी सुनिश्चित हो सकेगी. यह दोनों स्तरों यानी वित्तीय भागीदारी के अलावा निर्णय लेने की प्रक्रिया में होगी. रेलवे का कहना है कि राज्य सरकारों के साथ भागीदारी हमेशा अनिवार्य रही है. पिछले रेल बजट में इसकी घोषणा की गई थी. रेलवे ने हाल में संयुक्त उद्यम कंपनियों के गठन के लिए केरल और आंध्र प्रदेश सरकार के साथ सहमति ज्ञापन किया है. पूर्व में ओडिशा और महाराष्ट्र रेलवे के साथ अपने राज्य में परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए इसी तरह का करार कर चुके हैं
सीमेंट व कोयला क्षेत्र के लिए कोल ब्लॉक नीलामी का फैसला
इस्पात और कोयला जैसे गैर विनियमित क्षेत्रों को कोयला आपूर्ति सुनिश्चित करने और समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए उन्हें कोयला ब्लाकों का आवंटन नीलामी के जरिये किया जाएगा. नीलामी की प्रक्रिया इसी महीने शुरू हो जाएगी. ये उद्योग कोयला स्रोत आवंटन के मामले में गैर विनियमित क्षेत्र में आते हैं.
सरकार का इरादा पहले साल में करीब 2.4 करोड टन कोयले के ब्लाकों की नीलामी करने का है. बिजली एवं कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने आज यहां मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक के इस निर्णय की जानकारी दी. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सीसीईए ने गैर विनियमित क्षेत्रों को सिर्फ नीलामी के जरिये कोयला ब्लाक देने की अनुमति दी है.’
इन क्षेत्रों में सीमेंट, इस्पात-स्पॉन्ज आयरल,अल्युमीनियम और अन्य (उर्वरक व यूरिया को छोडकर) क्षेत्र शामिल हैं. मंत्री ने कहा कि इस रुपरेखा का मकसद अंतिम रप से कोयले का उपभोग करने वाली इकाइयों को निष्पक्ष तरीके से कोयला स्रोत सुलभ कराना है. गोयल ने कहा कि कोयला ब्लाक देने की प्रक्रिया अभी पूरी तरह पारदर्शी नहीं है. इस पूरी प्रक्रिया में कई तरह के अनुपालन हैं. उन्होंने कहा कि नीलामी की प्रक्रिया से पारदर्शिता आएगी और इसमें उपभोक्ताओं को समान अवसर उपलब्ध होंगे.

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