विपक्ष के जबर्दस्त विरोध के बीच लोकसभा में जीएसटी विधेयक पेश

नयी दिल्ली : विपक्षी दलों के जबर्दस्त विरोध के बीच आज लोकसभा में बहुप्रतीक्षित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक विचार के लिए पेश किया गया और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि राज्यों को भयभीत होने की जरुरत नहीं है क्योंकि इससे केंद्र और राज्य दोनों समान रूप से लाभ की स्थिति में […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 24, 2015 3:15 PM

नयी दिल्ली : विपक्षी दलों के जबर्दस्त विरोध के बीच आज लोकसभा में बहुप्रतीक्षित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक विचार के लिए पेश किया गया और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि राज्यों को भयभीत होने की जरुरत नहीं है क्योंकि इससे केंद्र और राज्य दोनों समान रूप से लाभ की स्थिति में होंगे.

सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस के सदस्यों के साथ तृणमूल कांग्रेस, जदयू, सपा, राजद, वाममोर्चा, राकांपा ने इस संविधान संशोधन विधेयक को स्थायी समिति को भेजने की मांग की. मांग नहीं स्वीकार किये जाने पर इन दलों ने सदन से वाकआउट किया.

अन्नाद्रमुक और बीजद ने भी इस विधेयक को विचारार्थ पेश करने का विरोध किया लेकिन सदन से वाकआउट नहीं किया. विपक्षी दल नये विधेयक का अध्ययन करने के लिए और समय चाहते थे. सत्तारुढ पार्टी और विपक्षी दलों के बीच प्रक्रियागत सवाल पर करीब एक घंटे तक चली जिरह के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आश्वासन दिया कि 28 अप्रैल को गुलोटिन से पहले निर्धारित मंत्रालयों की अनुदान की मांगों पर चर्चा को पूरा किया जायेगा.

उनके इस आश्वासन पर यह विधेयक चर्चा एवं पारण के लिए पेश किया जा सका. अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने व्यवस्था दी कि यह महत्वपूर्ण विधेयक है और वित्त मंत्री इसे पेश करते हुए अपनी बात रख सकते हैं और इस पर चर्चा बाद में करायी जा सकती है.

विधेयक को चर्चा के लिए पेश करते हुए जेटली ने कहा, ‘जहां तक राज्यों और केंद्र का सवाल है जीएसटी सभी के लिए समान लाभ के अवसर देने वाली स्थिति होगी. इससे भारत का जीडीपी बढेगा, भारत का राजस्व बढेगा और इसलिए मैं जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक को सदन में विचार के लिए पेश कर रहा हूं.’

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