”इकोनॉमिक ग्रोथ की रफ्तार बढ़ाने की खातिर बजट से इतर कदम उठाने को तैयार है सरकार”

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए जरूरत पड़ने पर सरकार बजट की घोषणाओं के अलावा और भी कदम उठाने को तैयार है. संपत्ति प्रबंधन, संपत्ति परामर्श, कर सलाहकार और अन्य संबंधित सेवाओं के पेशेवरों के साथ ‘बजट और उसके बाद’ विषय पर आयोजित […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 14, 2020 5:56 PM

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए जरूरत पड़ने पर सरकार बजट की घोषणाओं के अलावा और भी कदम उठाने को तैयार है. संपत्ति प्रबंधन, संपत्ति परामर्श, कर सलाहकार और अन्य संबंधित सेवाओं के पेशेवरों के साथ ‘बजट और उसके बाद’ विषय पर आयोजित परिचर्चा में वित्त मंत्री ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि 2020-21 का बजट ऐसा है, जिसका इक्विटी, बांड और मुद्रा बाजार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है.

सीतारमण ने कहा, ‘अगर बजट के अलावा और कुछ करने की जरूरत पड़ती है, हम उसे करने को तैयार हैं. परिचर्चा के दौरान पेशेवरों ने देश में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए कई सुझाव दिये. सरकार ने एक फरवरी को पेश बजट में आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने को लेकर कई कदमों की घोषणा की है. यह घोषणा ऐसे समय की गयी, जब देश में कई कारणों से मांग में नरमी है.

देश की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 5 फीसदी रहने का अनुमान है, जो 11 साल का न्यूनतम स्तर है. परिचर्चा के दौरान पेशेवरों ने खपत बढ़ाने, ग्राहकों के पॉकेट में और पैसा डालने, नकदी बढ़ाने के लिए जरूरी उपायों और पूंजी बाजार के बारे में कई सुझाव दिये. इसके अलावा, प्रत्यक्ष कर से संबद्ध विवादों के समाधान को लेकर लायी गयी ‘विवाद से विश्वास’ योजना को लेकर भी कई सुझाव दिये गये. इस योजना की घोषणा 2020-21 के बजट में की गयी है.

उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय योजना के बारे में जल्दी ही विस्तृत ब्योरा उपलब्ध करायेगा. हालांकि, योजना के क्रियान्वयन से पहले संसद की मंजूरी की जरूरत होगी. वित्त मंत्री ने परिचर्चा में शामिल पेशेवरों को आश्वस्त किया कि उनका मंत्रालय सुझावों पर गौर करेगा.

इससे पहले, सीतारमण मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में इसी प्रकार की परिचर्चा कर चुकी हैं. बैठक में नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार और मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमिताभ कांत शामिल थे. इसके अलावा, वित्त मंत्रालय के सचिव भी इसमें उपस्थित थे.

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