Mobile Rates को बढ़ाने का दबाव बना रही Airtel, कंपनी के सीईओ ने कहा-व्यावहारिक नहीं रह गयीं पुरानी दरें

नयी दिल्ली : दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल ने मंगलवार को कहा कि मोबाइल सेवा की मौजूदा दरें दूरसंचार उद्योग के लिए व्यावहारिक नहीं रह गयी हैं. इन्हें बढ़ाने की जरूरत है. एयरटेल के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (भारत एवं दक्षिण एशिया) गोपाल विट्ठल ने रिलायंस जियो के वॉयस कॉल के लिए 6 पैसे […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 15, 2019 4:11 PM

नयी दिल्ली : दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल ने मंगलवार को कहा कि मोबाइल सेवा की मौजूदा दरें दूरसंचार उद्योग के लिए व्यावहारिक नहीं रह गयी हैं. इन्हें बढ़ाने की जरूरत है. एयरटेल के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (भारत एवं दक्षिण एशिया) गोपाल विट्ठल ने रिलायंस जियो के वॉयस कॉल के लिए 6 पैसे प्रति मिनट का शुल्क लिए जाने के कदम पर चुटकी लेते हुए कहा कि इंटरकनेक्शन उपयोग शुल्क (आईयूसी) टैरिफ का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह कॉल को एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क पर भेजने (ट्रांसमिट) की लागत है, जिसका निपटान दूरसंचार कंपनियों के बीच आपस में होता है.

हालांकि, जियो ने कहा है कि वह ग्राहकों से लिए जाने वाले इस शुल्क की भरपाई के लिए उन्हें उतने ही मूल्य के बराबर मुफ्त डेटा देगी. विट्टल ने इंडिया मोबाइल कांग्रेस से इतर कहा कि हमारा मानना है कि मोबाइल सेवा की मौजूदा दरें वहनीय नहीं हैं. इन्हें बढ़ाये जाने की जरूरत है. हम हमेशा इसके पक्ष में खड़े रहे हैं. रिलांयस जियो के कदम के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि आईयूसी का दरों (टैरिफ) से कोई लेना-देना नहीं है. यह कॉल को एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क पर भेजने की लागत है.

उन्होंने कहा कि यह दूरसंचार कंपनियों के बीच लेनदेन का मामला है. इसका निपटान कंपनियों के बीच होता है. पिछले 20 साल से आईयूसी कंपनियां खुद वहन करतीं आ रहीं हैं. विट्टल ने कहा कि नीलामी के अगले दौर के लिए प्रस्तावित स्पेक्ट्रम की लागत भी बहुत अधिक और किफायती नहीं है. उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया कार्यक्रम की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए दूरसंचार उद्योग को फिर से खड़ा करने और मजबूत बनाने की जरूरत है.

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