Railway ने बिना टिकट यात्रा करने वालों पर जोरदार तरीके से ठोका जुर्माना, तीन साल में कमाये 1,377 करोड़ रुपये
नयी दिल्ली : रेलवे ने बीते तीन सालों के दौरान बिना टिकट यात्रा करने वालों पर जोरदार तरीके से जुर्माना ठोका है. इसी का नतीजा है कि उसने इन तीन सालों के दौरान बिना टिकट यात्रा करने वाले सवारियों के जुर्माने से करीब 1,377 करोड़ रुपये की कमाई की है. बिना टिकट के यात्रा करने […]
नयी दिल्ली : रेलवे ने बीते तीन सालों के दौरान बिना टिकट यात्रा करने वालों पर जोरदार तरीके से जुर्माना ठोका है. इसी का नतीजा है कि उसने इन तीन सालों के दौरान बिना टिकट यात्रा करने वाले सवारियों के जुर्माने से करीब 1,377 करोड़ रुपये की कमाई की है. बिना टिकट के यात्रा करने वालों पर जुर्माना लगाने से पिछले तीन साल के दौरान अर्थदंड से होने वाली रेलवे की कमाई में करीब 31 फीसदी का इजाफा हुआ है.
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सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत उपलब्ध करायी गयी जानकारी के मुताबिक, बे-टिकट यात्रा करने वालों पर नकेल कसने का ही नतीजा रहा कि 2016 से 2019 के बीच रेलवे को जुर्माने से 1,377 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल हुआ. साल 2018 में संसद की एक रेलवे कन्वेंशन समिति ने 2016-2017 की रेलवे की वित्तीय रिपोर्ट का निरीक्षण किया था और बे-टिकट यात्रियों की वजह से राजस्व को होने वाले नुकसान पर चिंता जतायी थी.
इसके बाद, रेलवे बोर्ड ने पूरे देश में बे-टिकट यात्रियों के खिलाफ अभियान को तेज करने का जोनल रेलवे को निर्देश दिया था और हर टीटीई के लिए सालाना लक्ष्य तय कर दिया था. मध्य प्रदेश के रहने वाले कार्यकर्ता की ओर से दायर आरटीआई के मुताबिक, 2016-2017 में रेलवे ने बे-टिकट यात्रियों पर जुर्माना लगाकर 405.30 करोड़ रुपये कमाये, तो 2017-18 में इसके जरिये रेलवे ने 441.62 करोड़ रुपये अर्जित किये. इसके साथ ही, 2018-19 में रेलवे ने बिना टिकट सफर करने वाले मुसाफिरों पर अर्थदंड से 530.06 करोड़ रुपये कमाये.
आरटीआई के बदले दी गयी सूचना के मुताबिक, रेलवे ने अप्रैल 2018 से जनवरी 2019 के बीच 89 लाख बिना टिकट के यात्रा कर रहे लोगों को पकड़ा है. पकड़े जाने पर बिना टिकट यात्रा करने वाले मुसाफिर को 250 रुपये का जुर्माना और टिकट का किराया देना होता है. अगर कोई शख्स जुर्माना देने से इनकार कर देता है या उसके पास जुर्माना देने के पैसे नहीं होते हैं, तो उसे रेलवे सुरक्षा पुलिस (आरपीएफ) के हवाले कर दिया जाता है और रेलवे अधिनियम की धारा 137 के तहत उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जाता है. इसके बाद व्यक्ति को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाता है. वह उसपर एक हजार रुपये तक का जुर्माना लगा सकते हैं. अगर शख्स जुर्माना नहीं भरता है, तो उसे छह महीने की जेल की सजा काटनी होती है.