रेटिंग एजेंसी फिच ने कहा, बीमा मध्यस्थ इकाइयों में FDI लिमिट में छूट से डिस्ट्रीब्यूशन क्षमता बढ़ेगी

नयी दिल्ली : बजट में बीमा क्षेत्र की मध्यस्थ इकाइयों में विदेशी निवेश की सीमा में छूट के प्रस्ताव से इनकी वितरण क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी. फिच रेटिंग्स ने सोमवार को कहा कि इस प्रस्ताव से इन इकाइयों में खासकर विकसित बाजारों से अंतरराष्ट्रीय सहभागिता को भी बढ़ाया जा सकेगा. इसे भी देखें : […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 15, 2019 4:29 PM

नयी दिल्ली : बजट में बीमा क्षेत्र की मध्यस्थ इकाइयों में विदेशी निवेश की सीमा में छूट के प्रस्ताव से इनकी वितरण क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी. फिच रेटिंग्स ने सोमवार को कहा कि इस प्रस्ताव से इन इकाइयों में खासकर विकसित बाजारों से अंतरराष्ट्रीय सहभागिता को भी बढ़ाया जा सकेगा.

इसे भी देखें : इंश्योरेंस ब्रोकिंग सेक्टर में 100 फीसदी एफडीआई की छूट दे सकती है सरकार

वित्त वर्ष 2019-20 के बजट में विदेशी कंपनियों को बीमा मध्यस्थ इकाइयों में शतप्रतिशत स्वामित्व की अनुमति का प्रस्ताव किया गया है. इन इकाइयों में बीमा एजेंट, ब्रोकर, नुकसान का आकलन करने वाले और सर्वेयर शामिल हैं. अभी इन इकाइयों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा 49 फीसदी है.

फिच रेटिंग्स ने बयान में कहा कि भारत के बीमा मध्यस्थ इकाइयों से विदेशी स्वामित्व की सीमा को समाप्त किए जाने से प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, वितरण क्षमता बेहतर होगी, बीमा की पहुंच बढ़ाने में मदद मिलेगी और मध्यम से दीर्घावधि में विलय एवं अधिग्रहण को प्रोत्साहन मिलेगा. प्रस्तावित बदलाव सिर्फ बीमा क्षेत्र की मध्यस्थ इकाइयों के लिए है. बीमा कंपनियों में विदेशी स्वामित्व की सीमा को 49 फीसदी पर ही कायम रखा गया है.

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